गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत कारगर है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी गिलोय के फायदे और औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है. गिलोय के पत्ते, डंठल, तने, जड़ें सब कुछ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, गिलोय का सेवन करने का सबसे आसान तरीका है कि आप पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice) का नियमित सेवन करें. इस लेख में हम आपको पतंजलि गिलोय जूस के फायदे, नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
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पतंजलि गिलोय जूस, पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है. जिसका इस्तेमाल बुखार, पीलिया और कई संक्रामक रोगों के इलाज में किया जाता है.
पतंजलि गिलोय जूस के लेबल पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रोडक्ट में निम्न चीजें शामिल हैं :
गिलोय में बुखार को कम करने वाले और शरीर की इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने वाले गुण होते हैं. कई लोग इसे टैबलेट के रूप में लेते हैं या घर पर ही इसका जूस बनाकर पीते हैं. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, जिन लोगों के घरों में या आसपास गिलोय का पौधा नहीं है वे निरोग रहने के लिए पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करें. आइए पतंजलि गिलोय जूस के सभी फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
आमतौर पर लोग बुखार होते ही तुरंत एलोपैथिक दवाएं लेने लगते हैं. हद से अधिक मात्रा में इन दवाओं के सेवन से शरीर की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इन दवाओं की बजाय अगर आप गिलोय जूस का सेवन करें तो इससे बुखार भी ठीक हो जाता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.
उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों और घुटनों में दर्द होना एक आम बात है. अधिकांश लोग उम्रदराज होने पर गठिया के मरीज हो जाते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप नियमित रूप से पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करें तो इससे गठिया होने की संभावना कम होती है. इतना ही नहीं अगर आप गठिया के मरीज हैं, तो भी गिलोय जूस पीने से गठिया के लक्षणों जैसे कि जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिलती है.
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पीलिया एक गंभीर बीमारी है और इसका सही समय पर इलाज होना बेहद ज़रूरी है. गिलोय में ऐसे औषधीय गुण हैं जो पीलिया के लक्षणों से राहत दिलाते हैं साथ ही शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाते हैं. अगर आप पीलिया से पीड़ित हैं तो तुरंत आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर पतंजलि गिलोय जूस का सेवन शुरू कर दें.
खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाने से एनीमिया की समस्या हो जाती है. आमतौर पर एनीमिया की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस पीने से एनीमिया के लक्षणों में कमी आती है और हीमोग्लोबिन के लेवल में सुधार होता है.
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अगर आपको पेशाब करने में दर्द महसूस होता है या बार-बार पेशाब लग रही है तो इन लक्षणों को अनदेखा ना करें. विशेषज्ञों के अनुसार, ये मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपको ये लक्षण नजर आते हैं तो गिलोय जूस पीना शुरू कर दें. पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करने से कुछ ही हफ़्तों में मूत्र मार्ग से जुड़े संक्रमण ठीक हो जाते हैं.
पतंजलि आयुर्वेद की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस का सेवन रोजाना सुबह खाली पेट करना चाहिए. इसके लिए 15-30 एमएल पतंजलि गिलोय जूस लें और इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं. अगर आप किसी गंभीर बीमारी के घरेलू इलाज के रूप में पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करना चाहते हैं तो पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.
आमतौर पर गिलोय जूस पीने से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है. हालाँकि किसी भी सूरत में जरूरत से ज्यादा मात्रा में जूस का सेवन ना करें. इस बात का ध्यान रखें कि बहुत अधिक मात्रा में गिलोय जूस पीने से बीमारी जल्दी ठीक नहीं होगी बल्कि इससे सेहत को नुकसान ही होगा.
पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस के 500 एमएल वाले पैक की कीमत 90 रुपए है. प्रोडक्ट की कीमत और पैक साइज़ में बदलाव हो सकते हैं. आप Tata 1mg से भी पतंजलि गिलोय जूस ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. इसे ऑर्डर करने के लिए यहाँ क्लिक करें.
पतंजलि गिलोय जूस का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बताए गए समय पर ही करना चाहिए. आमतौर पर पतंजलि गिलोय जूस का सेवन सुबह करने की सलाह दी जाती है.
पतंजलि गिलोय जूस के सेवन की अवधि बीमारी के अनुसार अलग- अलग होती है. सामान्यतया किसी भी बीमारी की रोकथाम में इसे अधिकतम तीन महीने तक ही लेना चाहिए. अगर आप तीन महीने से अधिक समय तक इसका सेवन करना चाहते हैं तो नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें.
जी हाँ, आप पतंजलि गिलोय जूस का सेवन रोज कर सकते हैं. जूस का सेवन चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक और अवधि के अनुसार ही करें.
पतंजलि गिलोय स्वरस एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकता है. आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात-पित्त- कफ तीनो को संतुलित रखने में मदद करता है साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद है. इसलिए अगर आप अक्सर एसिडिटी या गैस की समस्या से परेशान रहते हैं तो पतंजलि गिलोय जूस पिएं.
पतंजलि गिलोय जूस का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार करने से लीवर पर इसके नुकसान की कोई सही और प्रामाणिक रिसर्च अभी तक सामने नहीं आई है.
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