वानस्पतिक नाम : Actiniopteris radiata (Swartz) Link (एक्टिनिओप्टेरिस रेडिएटा)
Syn-Actiniopteris dichotoma Bedd., Acrostichum radiatum (SW.) Poir.
कुल : Actiniopteridaceae (एक्टीनप्टेरीडेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Peacock’s tail (पीकॉक्स टेल)
संस्कृत-मयूरशिखा , मधुच्छदा, सहस्राहि; हिन्दी-मयूरशिखा; कन्नड़-मयुरशिखा (Mayurshikha); गुजराती-मयूरशिखा (Mayurshikha), मोरशिखा (Morshikha); तमिल-मायिलातुमसिखा (Mauilatumsikha); तेलुगु-मयुरशिखा (Mayurshikha); नेपाली-मयूरशिखा (Mayurshikha); मलयालम-मयूरशिखा (Mayurshikha), मायिल्तुमशिखा (Mayiltumshikha)।
परिचय
यह फर्न सम्पूर्ण भारत में यह मुख्यत बंगाल, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखण्ड, राजस्थान एवं नीलगिरि पर्वत के निचले भागों में लगभग 600 मी की ऊँचाई तक पाया जाता है। यह लगभग 25 सेमी ऊँचा, छोटे ताड़ पत्र सदृश्य स्थलीय फर्न होता है। इसके प्रकन्द छोटे, पाण्डुर पीत वर्ण के तथा 5-15 सेमी लम्बे होते हैं।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
मयूरशिखा कषाय, अम्ल, शीत, लघु, कफपित्तशामक, सुगन्धित, स्तम्भक, बलकारक, ज्वरघ्न तथा पक्वातिसार शामक होती है।
इसका पर्णांङ्ग स्तम्भक, शीत, तिक्त, विबन्धकारक, कृमिघ्न,रक्तस्तम्भक, कुष्ठघ्न, ज्वरघ्न तथा मधुमेहरोधी होता है।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग :पर्णाङ्ग पत्र तथा मूल।
मात्रा :क्वाथ 15-20 मिली।
और पढ़े: डायबिटीज डाइट चार्ट
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…