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आप लोहबान के बारे में जानते हैं कई लोग लोहबान को लोबान भी बोलते हैं। अनेक घरों में लोहबान (लोबान) का प्रयोग होता है। आपने देखा भी होगा कि कुछ लोग खांसी या अन्य रोग को ठीक करने के लिए लोबान के धूप का काफी उपयोग (Loban Dhoop Benefit)करते हैं। दरअसल अधिकांशतः लोहबान या लोबान का इस्तेमाल केवल धूप या धुआं के रूप में ही करते हैं, लेकिन यहां आपको लोबान के उपयोग से जुड़े अन्य तरीकों की भी जानकारी दी जा रही है। आप इन जानकारियों को पाकर कई रोगों को ठीक कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक किताबों में बताया गया है कि लोहबान का प्रयोग कर हिचकी की समस्या, सिर दर्द और उल्टी में आराम (loban benefits) पाया जा सकता है। लिवर विकार, पीलिया और पेशाब संबंधी बीमारियों में लोहबान का उपयोग लाभ पहुंचाता है। लोहबान की छाल तथा जड़ का सत्त् कीड़ों को खत्म करता है।
लोहबान का वृक्ष विशाल अथवा मध्यमाकार होता है। इसके फूल सफेद रंग के, रोमयुक्त होते हैं। फूल का रंग हल्का बैंगनी और लाल होता है। इस वृक्ष की छाल में चीरा लगाने से जो दूध प्राप्त होता है। उसे लोहबान कहते हैं। लोहबान में दूसरे वस्तुओं की मिलावट भी की जाती है। उत्तम लोहबान बादाम के रंग का चौकोर टिकियों में होता है।
लोहबान का वानस्पतिक नाम Styrax benzoin Dryand. (स्टाइरॅक्स बेन्जॉइन) Syn-Benzoin officinale Hayne है और यह Styracaceae (स्टाइरेकेसी) कुल का है। लोहबान को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-
Lohban in –
लोहबान के औषधीय प्रयोग (loban benefits), प्रयोग की मात्रा एवं विधिया ये हैंः-
कई लोग त्वचा संबंधी रोग से ग्रस्त रहते हैं और बीमारी को ठीक करने के लिए बहुत सारी कोशिशें करते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। ऐसे में लोहबान का उपयोग लाभ पहुंचाता है। त्वचा रोग होने पर लोहबान को पीस लें। इसे बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे लाभ होता है।
पुरानी खांसी, दमा, टीबी की बीमारी हो या फिर साधारण जुकाम। सभी में लोहबान का धूप (loban dhoop) फायदेमंद होता है। रोगी को लोहबान का धुआं सूंघना चाहिए। इससे लाभ (loban benefits) होता है।
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उल्टी को रोकने के लिए भी आप लोहबान का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए मिट्टी के बर्तन में पानी रखें। इसके बाद लोहबान को जलाकर इसके धूप (loban dhoop) से पानी को गुनगुना कर लीजिए। इसे पीने से उल्टी रुक जाती है।
अगर आपका पेट दर्द कर रहा है तो लोहबान का प्रयोग करना चाहिए। यह पेट दर्द की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। पेट दर्द की समस्या में लोहबान का इस्तेमाल कैसे करना है यह रोग की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके लिए किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
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सिफलिस रोग को भी ठीक करने के लिए लोहबान का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही उत्तम परिणाम देता है। जो रोगी सिफलिस रोग से पीड़ित हैं वे 12 ग्राम लोहबान में 4 ग्राम सर्जररस मिलाकर, चंदन तेल से पीस लें और इसकी 1-1 ग्राम की वटी बना लें। 1-1 वटी को अनार रस के साथ सेवन करने से फिरंग रोग में लाभ होता है। औषधि का सेवन करने के दौरान तेल, खट्टा, नकम, दूध, बैंगन, गुड़ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
गठिया की बीमारी से परेशानी हैं तो लोहबान का प्रयोग करें। लोहबान को पीसकर गठिया वाले स्थान पर लेप करें। इससे गठिया में लाभ मिलता है।
वात दोष को ठीक करने में भी लोहबान का इस्तेमाल होता है। आप लोहबान (loban) को पीसकर तेल में पका लें। इसे ठंडा करके छानकर मालिश करने से वातविकार ठीक होता है।
अनेक लोगों को यह शिकायत रहती हैं कि उनके सेक्स करने की क्षमता में कई आ गई है या शारीरिक कमजोरी के कारण उनकी सेक्सुअल स्टेमना में कमी आ गई है। इसके साथ ही बहुत सारे लोग वीर्य की कमी या वीर्य संबंधी अन्य विकार से भी ग्रस्त होते हैं। ये सभी लोग लोहबान का इस्तेमाल कर बहुत लाभ ले सकते हैं।
इसके लिए आप 6-6 ग्राम शुण्ठी, सेमल निर्यास, 3-3 ग्राम अस्थि शृंखला तथा अकरकरा, 12 ग्राम लोहबान, 48 ग्राम तिल लें। इन सबके बराबर मिश्री मिलाकर, पीसकर चूर्ण बना लें। इसे रोग 2-3 ग्राम की मात्रा में मिश्री युक्त दूध के साथ सेवन करें। इससे शारीरिक कमजोरी दूर (loban uses) होती है और वीर्य की वृद्धि होती है।
बराबर मात्रा में शाल्मली निर्यास तथा लोहबान के चूर्ण को (750 मिग्रा) मिश्री युक्त दुग्ध के साथ पीने से शरीर की शक्ति बढ़ती है।
लोहबान का गोंद (loban)
फूल
अधिक लाभ के लिए लोहबान का उपयोग (loban uses) चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।
लोहबान (loban) जावा, सुमात्रा, थाईलैण्ड, मलक्का, मलेशिया, यूरोप, दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं वेस्टइण्डीज में पाया जाता है।
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