आपने कूठ के पौधे को कई स्थानों पर देखा होगा। बहुत ही साधारण-सा लगाने वाला कूठ का पौधा वास्तव में एक बहुत ही गुणी औषधि है। आयुर्वेद के अनुसार, कूठ के फायदे कई रोगों में मिलते हैं। पेट दर्द, पेट में कीड़े, हिचकी की समस्या, खुजली आदि रोगों में कूठ के फायदे मिलते हैं। इसके साथ ही उल्टी, अत्यधित प्यास लगने की समस्या सहित रक्त विकार में भी कूठ से लाभ मिलता है।
आपके लिए यह जानकारी बहुत ही जरूरी है क्योंकि यहां कूठ से दर्जनों बीमारियों में होने वाले फायदे के बारे में लिखा गया है। इस जानकारी को पाने के बाद आप न सिर्फ खुद को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अपने परिवार को कूठ से लाभ पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कूठ से और क्या-क्या फायदे होते है
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कूठ क्या है? (What is Kooth in Hindi?)
कूठ को कूट भी बोलते हैं। कुछ लोग कूठ को कुठ भी लिखते हैं। कूठ (kuth plant) का प्रयोग बहुत प्राचीनकाल से चिकित्सा के लिए किया जा रहा है। यहां कुठ से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (Kuth in hindi) में लिखा गया है ताकि आप कुठ से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
अन्य भाषाओं में कूठ के नाम (Name of Kooth in Different Languages)
कूठ (kuth plant) का वानस्पतिक नाम Saussurea costus (Falc.) Lipsch. (सॉस्शुरिया कॉस्टस) Syn- Saussurea lappa (Decne.) Sch.-Bip. है। यह Asteraceae (ऐस्टरेसी) कुल का है। कूठ को अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Kooth in –
- Hindi – कूठ, कूट, कुष्ठ; उर्दू-कूट (Kut)
- English (saussurea lappa) – कॉस्टस (Costus), कूठ रूट (Kuth root)
- Oriya – कुठ (Kuth), Costus root (कॉस्टस रूट)
- Sanskrit – कुष्ठ, परिभाव्य, व्याप्य, उत्पल, काश्मीरजा, पाकल
- Kannada – कोष्ट(Koshta)
- Gujarati – उपलेट (Upleta), कठ (Kath), कुट (Kut)
- Telugu – कुष्टम् (Kustam), कुष्टमु (Kustamu)
- Tamil – कोष्टम (Koshtam), गोष्टम् (Goshtam), पुट्चूक (Putchuk)
- Bengali – कुट (Kut), पाचक (Pachak), कुर (Kur)
- Punjabi – कुढ्ढ (Kuddh), कुट (Kut), कोठ (Koth)
- Marathi – कोष्ठ (Kosth), उपलेट (Upleta)
- Malayalam – सेपुड्डी (Sepuddy)
- Arabic – कुष्टबेहेरी (Kustabeheri)
- Persian – कुष्ठ-ऐ-तल्ख (Kusth-e-talkh)
कूठ के फायदे और उपयोग (Kooth Benefits and Uses in Hindi)
कूठ (saussurea lappa) के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
सिर दर्द में कूठ के फायदे (Benefits of Kooth in Relief from Headache in Hindi)
- एरण्ड की जड़ और कूठ का चूर्ण लें। इसमें कांजी के साथ पीसकर सिर पर लेप करें। इससे सिर दर्द से आराम मिलता है।
- शुण्ठी, कूठ, चक्रमर्द बीज, देवदारु और रोहिषतृण को समान मात्रा में लें। इन्हें गोमूत्र में पीसकर, थोड़ा गर्म कर लें। इसका लेप लगाएं। इससे कफज दोष के कारण होने वाले सिर दर्द से राहत (kuth ke fayde) मिलती है।
छींक की परेशानी में कूठ के सेवन से लाभ (Kooth Benefits for Sneezing in Hindi)
1-2 बूंद कुठ के तेल को नाक में लेने (नाक में डालने) से छींक की परेशानी में लाभ होता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
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कूठ के सेवन से खांसी का इलाज (Uses of Kooth in Fighting with Cough in Hindi)
- 10-15 मिली कूठ की जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें 500 मिग्रा छोटी इलायची का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।
- कूठ के चूर्ण को पान में रखकर चबाने से खांसी का इलाज होता है।
- कूठ का धुआं लेने से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है।
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पेट के रोग में कूठ के सेवन से फायदा (Benefits of Kooth to Cure Abdominal Disease in Hindi)
- देवदारु, हेमवती वचा, कूठ (saussurea lappa), शतपुष्पा, हिंगु एवं सेंधा नमक लें। इन्हें कांजी आदि अम्ल द्रव्य से पीसकर पेट पर लेप करने से गैस की समस्या से लाभ होता है।
- 60 मिग्रा सज्जीक्षार में 1-2 ग्राम कूठ तथा 60 मिग्रा यवक्षार को तेल के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे वात दोष के कारण होने वाली पेट की गैस की समस्या में लाभ होता है।
- 60 मिग्रा सज्जीक्षार, 1-2 ग्राम कूठ तथा सेंधा नमक को मिला लें। इसे गुनगुने जल के साथ सेवन करने से पेट की गैस की परेशानी में लाभ होता है।
- बराबर मात्रा में कूठ (indian costus), कालीनिशोथ, दन्ती मूल, हरीतकी, यवक्षार तथा गुग्गुल लेकर चूर्ण बना लें। 1-2 ग्राम चूर्ण को गोमूत्र के साथ पीने से पेट साफ हो जाता है। इससे पेट की गैस की समस्या ठीक हो जाती है।
- सर्षप तेल में चुक्र, कूठ एवं सेंधा नमक मिला लें। इन्हें हल्का गर्म कर मालिश करने से पेट में ऐंठन की परेशानी ठीक होती है।
अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में कूठ के फायदे (Benefits of Costus in Excessive Thirst Problem in Hindi)
कूठ, धान का लावा, कमलगट्टा, वट प्ररोह तथा मुलेठी का चूर्ण बना लें। 1-3 ग्राम चूर्ण में मधु मिलाकर वटी बना लें। इसका सेवन करने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
ह्रदय विकार में कूठ के सेवन से लाभ (Benefits of Costus to Cure Heart Disease in Hindi)
कूठ के सूखे सत् का प्रयोग 500 मिग्रा की मात्रा में दिन में 3 बार करें। ऐसा तीन महीने तक करने से हृदय-विकार (Coronary artery disease) से पीड़ित रोगियों को आराम मिलता है। इससे हृदय दर्द (Angina pectoris) की संभावना कम हो जाती है।
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शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए कूठ का सेवन (Kooth Benefits for Body Weakness in Hindi)
5 किलो कूठ के चूर्ण में 1 किलो मधु,1-1 किलो घी तथा 5 मिली कमलकेशर को मिला लें। इन्हें 180 दिन तक धान में दबाकर रख दें। इसे निकालकर रोज 2-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे बल, बुद्धि, सौभाग्य, शारीरिक बल तथा कामशक्ति की वृद्धि होती है।
कूठ के औषधीय गुण से बवासीर का इलाज (Kooth Uses in Piles Treatment in Hindi)
कूठ (saussurea lappa) को तेल में पका लें। इससे बवासीर के मस्सों को लगाएं। इसके बाद ईट का चूर्ण या खुरासानी अजवायन आदि की पोटली बनाकर मस्सों को सेकने से बवासीर में लाभ होता है।
कूठ के औषधीय गुण से सुजाक का इलाज (Uses of Kooth in Gonorrhea Treatment in Hindi)
कुठ, जीरा तथा गुड़ को समान मात्रा में मिला लें। इसकी 125-125 मिग्रा की गोलियां बना लें। रोज 1-1 गोली को खाने से सुजाक में लाभ होता है।
कूठ के औषधीय गुण से गठिया का इलाज (Benefits of Kooth in Arthritis in Hindi)
- 10-30 मिली कुठ की जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें 500 मिग्रा छोटी इलायची का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से गठिया की गंभीर अवस्था में भी लाभ होता है।
- कुठ के तेल से मालिश करने से गठिया में लाभ होता है।
नाभि नाल को काटकर बाँधने के बाद उस पर कूठ के तेल की सिकाई करने से नाभि नहीं पकता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
कूठ के सेवन से सांसों की बीमारी का इलाज (Costus Root Benefits for Respiratory Disease in Hindi)
- 10-15 मिली कूठ की जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें 500 मिग्रा छोटी इलायची का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से सांसों के रोग में लाभ मिलता है है।
- 1-2 ग्राम कूठ के चूर्ण में शहद मिलाकर रोगी को चटाने से सांसों की बीमारी में लाभ होता है।
लकवा रोग में कूठ के फायदे (Benefits of Saussurea Lappa for Paralysis in Hindi)
कूठ, गुग्गुल, सरल, देवदारु, केसर, अजगंध तथा अश्वगंधा को सरसों के तेल में पका लें। इसमें मधु मिलाकर मात्रानुसार सेवन करने से लकवा रोग में तुरंत लाभ होता है।
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हैजा रोग में कूठ का औषधीय गुण फायदेमंद (Kooth Benefits for Cholera in Hindi)
सर्षप तेल में चुक्र, कूठ (indian costus) एवं सेंधा नमक मिलाकर हल्का गर्म कर लें। इससे मालिश करने से हैजा ठीक होता है।
घाव सुखाने में कूट का औषधीय गुण लाभदायक (Costus Benefits in Healing Wound in Hindi)
- मिट्टी के बर्तन में कूठ के चूर्ण को तेल में भून लें। इससे लगाने से घाव, खुजली आदि में लाभ होता है।
- धनिया और कूठ के चूर्ण का लेप बना लें। इसे घाव पर लगाएं। इससे घाव ठीक हो जाता है।
कूठ के गुण से चेहरे की रौनक में बढ़ोतरी (Benefits of Saussurea Lappa for Glowing Face in Hindi)
- बिजौरा नींबू के रस में कूठ के पेस्ट को सात दिन तक भिगा दें। इसके बाद इसमें मधु मिला लें। इसका चेहरे पर लेप करने से चेहरे पर होने वाले विकार खत्म होते हैं। इससे चेहरे की रौनक बढ़ती है।
- कूठ (kuth), सरसों, तिल, हल्दी तथा दारुहरिद्रा को जल में पीस लें। इससे लेप करने से रंग निखरता है। शरीर की कांति बढ़ती है।
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शरीर से बदबू आने पर कूठ से लाभ (Uses of Kooth in Body Odor Problem in Hindi)
- जामुन के पत्ते, अर्जुन के पत्ते तथा कूठ की बारीक चूर्ण को रोज शरीर पर मलकर नहाएं। इससे शरीर से पसीने की बदबू नहीं आती है।
- पान, कूठ तथा हरीतकी को समान मात्रा में लेकर जल में पीस लें। इसे शरीर पर लेप करने से शरीर से आने वाली बदबू खत्म हो जाती है।
त्वचा रोग में कूठ का औषधीय गुण लाभदायक (Saussurea Lappa Benefits to Cure Skin Disease in Hindi)
- कूठ के चूर्ण में मक्खन मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा रोग में लाभ होता है।
- कूठ चूर्ण को सिरके में पीसकर शहद मिला लें। इसे लगाने से चेहरे की झाई, दाद, कुष्ठ रोग, खुजली तथा बालतोड़ में प्रयोग करने से लाभ होता है।
- कूठ (kuth) के चूर्ण का काढ़ा बनाकर बीमार अंग को धोने से त्वचा विकार ठीक होता है।
- कूठ का चूर्ण बनाकर घावों पर डालने से घाव के कीड़े मर जाते हैं, तथा घाव जल्दी भर जाता है।
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मासिक धर्म विकार में कूठ का औषधीय गुण फायदेमंद (Kooth is Beneficial in Menstrual Disorder in Hindi)
कूठ, गुग्गुल, सरल, देवदारु, केसर, अजगंध तथा अश्वगंधा से सरसों तेल को मधु मिलाकर मात्रानुसार सेवन करें। इससे मासिक धर्म विकार में तुरंत लाभ होता है।
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कूठ के औषधीय गुण से सूजन का इलाज (Benefits of Costus Root in Reduce Swelling in Hindi)
कूठ, अरणी तथा चित्रक की जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें गोमूत्र तथा जल मिलाकर स्नान करने से सूजन ठीक होती है।
बुखार में कूठ के सेवन से लाभ (Kooth Benefits in Fighting with Fever in Hindi)
कूठ (kuth), नीम के पत्ते, आँवला, वचा तथा कुटज का काढ़ा बना लें। इसमें घी मिला लें। इसका सेवन करने से बुखार ठीक होता है।
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मैनिया, मिर्गी, हिस्टीरिया में कूठ के सेवन से फायदा (Kooth Benefits for Mania Disease in Hindi)
ब्राह्मी का रस, वचा, कूठ तथा शंखपुष्पी को घी में पका लें। इसकी 5-10 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मैनिया, मिर्गी आदि दिमागी रोगों में लाभ होता है।
मलेरिया में कूठ के फायदे (Kooth Beneficial in Maleria in Hindi)
कूठ का प्रयोग मलेरिया के बुखार को कम करने में मदद करता है एक रिसर्च के अनुसार कूठ में कुछ ऐसी तत्त्व पाए जाते है जो कि मलेरिया के बुखार को कम करने में मदद करते है।
बालों का सफेद होना (पालित रोग) में कूठ के फायदे (Benefit of Kooth to Treat Grey Hair in Hindi)
यदि आप बालों के सफ़ेद होने से परेशान है तो कूठ का प्रयोग इस समस्या में आपको कुछ मदद कर सकता क्योंकि कूठ से निर्मित तेल बालों के पर लगाने से ये बालों को प्राकृतिक रंग देने में मदद करता है।
मुँह के रोग में कूठ फायदेमंद (Kooth Beneficial to Treat Mouth Ulcer in Hindi)
मुँह के रोगों में भी कूठ का उपयोग फ़ायदेमंद होता है क्योंकि कूठ में एंटी अल्सर की क्रियाशीलता पायी जाती है, जो कि मुँह के अल्सर को जल्दी भरने में मदद करता है।
मोटापा दूर करने में कूठ लाभकारी (Benefit of Kooth to Treat Obesity in Hindi)
अगर आप मोटापे से परेशान है तो कूठ का प्रयोग आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, क्योंकि कूठ में वजन को नियंत्रित करने का गुण पाया जाता है।
एक्जिमा व खाज-खुजली में कूठ के फायदे (Kooth Beneficial to Treat Eczema in Hindi)
एक्जिमा व खाज-खुजली में कूठ का तेल फायदेमंद होता है। कूठ के तेल को त्वचा की समस्याओं में बाहरी तौर पर लगाने से कूठ का तेल इनके लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए कूठ का सेवन (Kooth is Beneficial for Good Health in Hindi)
- 1-3 ग्राम कूठ चूर्ण में मधु एवं 2 ग्राम घी मिलाकर सेवन करने से बल, बुद्धि एवं आयु की वृद्धि होती है।
- कूठ, वचा, हरीतकी, ब्राह्मी एवं स्वर्ण भस्म को मधु एवं घी के साथ मिला लें। इसे उचित मात्रा में बच्चों को चटाने से बच्चों में बल, आयु एवं कान्ति की वृद्धि होती है।
- हरीतकी, वचा, कुष्ठ, विडङ्ग, कट्फल, कणा (पिप्पली), शृंगी तथा अतिविषा चूर्ण लें। इन्हें मधु एवं घी के साथ बच्चों को मात्रा में खिलाने से आयु, बुद्धि एवं बल की वृद्धि (kuth ke fayde) होती है।
कामशक्ति बढ़ाने के लिए कूठ का सेवन (Kooth Benefits for Increases Sexual Stamina in Hindi)
5 किलो कूठ (indian costus) के चूर्ण में 1 किलो मधु, 1 किलो घी तथा 5 मिली कमलकेशर को मिला लें। इन्हें 180 दिन तक धान में दबाकर रख दें। इसके बाद निकालकर रोज 2-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से शारीरिक बल, बुद्धि, और कामशक्ति की वृद्धि होती है।
बिच्छू के डंक मारने पर कूठ से लाभ (Kuth is Beneficial for Scorpion Bite in Hindi)
- बराबर मात्रा में मनशिला, कुठ, करंजबीज, शिरीष बीज तथा गम्भारी के बीज को पीस लें। इसकी 250-500 मिग्रा की गोली बना लें। इसे खिलाने से बिच्छू का जहर उतर (kuth ke fayde) जाता है।
सांप के काटने पर कूठ से लाभ (Kooth is Beneficial for Snake Bite in Hindi)
50-50 ग्राम तगर और कूठ के चूर्ण को 200 ग्राम घी तथा मधु में मिला लें। इसे थोड़ा-थोड़ा (5-10 ग्राम) करके पिलाने से सांप के जहर का प्रभाव कम हो जाता है।
कूठ के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Kooth in Hindi)
जड़
कूठ का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Kooth?)
चूर्ण – 0.25-1 ग्राम
यहां कुठ से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (Kuth in hindi) में लिखा गया है ताकि आप कुठ से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में कुठ का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
कूठ कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kooth Found or Grown?)
कूठ (kuth plant) मूलतः चीन तथा भारत में होता है। भारत के हिमालय के क्षेत्र, कश्मीर की घाटियों, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में 2500-3600 मीटर की ऊँचाई तक कूठ प्राप्त होता है।