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Kodrav: कोद्रव के हैं ढेर सारे फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

कोद्रव को कोदो (varagu arisi benefits) भी कहते हैं। इसकी खेती की जाती है। कोदो का पौधा धान के जैसा ही होता है, लेकिन खास बात यह है कि इसकी खेती में धान से बहुत कम पानी की जरूरत होती है। लोग कोदो या कोद्रव के बारे में इतना ही जानते हैं, लेकिन असलियत यह है कि कोदो एक बहुत ही गुणी औषधि है। कोदो (कोद्रव) के फायदे से रोगों का इलाज किया जा सकता है। रूसी की समस्या, घेघा रोग, पेट से संबंधित बीमारी और बवासीर आदि में कोदो (कोद्रव) से लाभ (health benefits of kodo millet)मिलता है।

 

Native millet benefits

कोदो एक ऐसा अन्न है जिसे लम्बे समय तक रखने से भी यह खराब नहीं होता है। इसमें कीड़े नहीं लगते हैं। आप कफ-पित्त दोष, मल-मूत्र विकार में कोदो से लाभ (kodo millet health benefits) ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि कोदो (कोद्रव) से और क्या-क्या फायदे होते हैं।

 

Contents

कोद्रव क्या है? (What is Kodrav (kodo) in Hindi?)

कोद्रव का पौधा 60-90 सेमी तक ऊँचा, सीधा, धान के पौधे जैसा होता है। इसके बीज चमकीले, गहरे बैंगनी रंग के, छोटे, सफेद, गोल सरसों के समान होते हैं। इसका रंग श्यामला होता है। यहां कोदो से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (varagu (kodo) in hindi) में लिखा गया है ताकि आप कोदो से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

 

अन्य भाषाओं में कोद्रव के नाम (Name of Kodrav (Kodo) in Different Languages)

कोद्रव का वानस्पतिक नाम Paspalum scrobiculatum Linn. (पैसपैलम?क्रोबिक्यूलेटम्) Syn-Paspalum commersonii Lam. है। यह Poaceae (पोएसी) कुल का है। कोद्रव को देश या विदेश में इन नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-

Kodrav in –

  • Hindi (varagu rice in hindi) – कोद्रा, कोदो धान, कोदव, कोदो
  • English (varagu arisi in english) – राइस ग्रास (Rice grass), नेटिव मिलैट (Native millet), Kodo millet (कोदो मिलेट)
  • Sanskrit – कोद्रव, कोरदूष, उद्दाल
  • Oriya – कोदस (Kodus)  
  • Urdu – कोदों (Kodon)
  • Kannada – हरिका(Harika)
  • Gujarati – कोदरा (Kodra), मेन्या (Menya)
  • Tamil (varagu rice benefits in tamil) – वरागु (Varagu), वराकु (Varaku)
  • Telugu – अरिकलु (Arikalu), कीरारूगा (Kiraruga)
  • Bengali – कोदोआधान (Kodoadhan)
  • Nepali – जनै घास (Jnai Ghaas)
  • Punjabi – कोदोन (Kodon), कोद्रा (Kodra)
  • Marathi (kodo millet in marathi) – कोद्र (Kodra), हारिक (Harik), कोद्रु (Kodru)
  • Malayalam – वराकु (Varaku)
  • Arabic – कोद्रु (Kodru)
  • Persian – कोदिरम (Kodiram)

 

कोद्रव के फायदे और उपयोग (Kodrav (kodo) Benefits and Uses in Hindi)

कोदो या कोद्रव के औषधीय प्रयोग (kodo millet benefits), प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

 

रूसी की समस्या में कोदो (कोद्रव) के फायदे (Varagu Rice Benefits in Fighting with Dandruff in Hindi)

कोद्रव पंचांग को जलाकर भस्म बना लें। इसमें जल मिलाकर सिर पर लेप करने से दारुणक (रूसी की समस्या) में लाभ होता है।

 

Kodrav benefits in Dandruff problem

और पढ़ें- रूसी हटाने के लिए करें कमल का उपयोग

 

घेघा रोग में कोदो (कोद्रव) के फायदे (Varagu Rice Benefits to Treat Goiter Disease in Hindi)

जलकुम्भी भस्म को गोमूत्र में पीसकर कपड़े से छान लें। इसे कोदो के भात (चावल) के साथ खाने से गले की गांठ (घेंघा) रोग ठीक होता है।

 

कोदो (कोद्रव) के औषधीय गुण से सांसों की बीमारी और खांसी का इलाज (Varagu Rice Benefits for Respiratory and Cough Disease in Hindi)

कोद्रव के बीजों का भस्म बना लें। 1-2 ग्राम भस्म में शहद मिलाकर सेवन करने से सांसों के रोग और खांसी में लाभ (varagu arisi benefits) होता है।

और पढ़े: सांसों के रोग में सत्यानाशी के फायदे

 

पेट के रोग में कोदो के सेवन से लाभ (Kodo (Kodrav) Benefits to Treat Abdominal Pain in Hindi)

  • कोद्रव का भात (चावल) बनाकर दही के साथ खिलाने से पेट का दर्द ठीक होता है।
  • कोद्रव की खीर बनाकर खिलाने से पेट के दर्द में लाभ होता है।

 

Benefits of Kodo in Upset stomach

और पढ़े: पेट की समस्या के घरेलू उपचार

 

कोदो के सेवन से बवासीर का इलाज (Kodo (Kodrav) Benefits for Piles Treatment in Hindi)

कोदो का भात बना ले। इसे जूस या कांजी मिलाकर बवासीर के रोगी को खिलाएं। इससे लाभ (kodo millet health benefits) होता है।

और पढ़े: बवासीर में अभयारिष्ट के फायदे

 

कोदो (कोद्रव) के सेवन से डायबिटीज पर नियंत्रण (Benefits of Kodrav (Kodo) in Controlling Diabetes in Hindi)

कोदो से बने अनाज का सेवन करना डायबिटीज में फायदा पहुंचाता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

 

कोदो (कोद्रव) के औषधीय गुण से लकवा रोग में फायदा (Benefits of Kodrav (Kodo) to Cure Paralysis in Hindi)

कोदो को पीसकर रोटी जैसा आहार बना लें। इसे नमक-रहित कम तेल में पका लें। इसे पत्ते वाली सब्जियों के साथ सेवन (varagu arisi health benefits) करना चाहिए। लकवा में लाभ मिलता है।

और पढ़े: लकवा की समस्या में कूठ के फायदे 

 

कोदो (कोद्रव) के औषधीय गुण से साइनस का इलाज (Benefits of Kodrav (Kodo) in Sinus Treatment in Hindi)

भोजन में नियमित रूप से कोदो के धान से आहार बनाकर दही के साथ सेवन करें। इससे साइनस में तुरंत लाभ होता है।

 

Kodo benefits in sinus disease

फोड़े की परेशानी में कोदो के सेवन से लाभ (Kodrav (Benefits) to Treat Boil in Hindi)

कोदो को पीसकर फोड़े पर पट्टी की तरह बाधें। इससे फोड़ा पककर फूट (kodo millet health benefits) जाता है।

 

कोदो (कोद्रव) के औषधीय गुण से त्वचा में रौनक (Kodrav (Kodo) Uses to Cure Skin Disease in Hindi)

बेसन तथा हल्दी के साथ कोद्रव के चूर्ण को मिलाकर लगाने से त्वचा की सुन्दरता बढ़ती है।

 

सूजन की समस्या में कोदो के गुण से लाभ (Kodrav (Kodo) Uses in Reducing Swelling in Hindi)

कोद्रव के आटे की मोटी रोटी बना लें। इसमें एक तरफ हल्दी लगाकर हल्का गर्म करके बांधें। इससे सूजन ठीक (kodo millet benefits) हो जााती है।

 

Kodrav benefits in swelling problem

 

कोद्रव के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Kodrav (Kodo) in Hindi)

आप कोदो (कोद्रव) के इन भागों का उपयोग कर सकते हैं।

  • दानें (Grains)
  • बीज
  • पंचांग

 

कोद्रव का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Kodrav?)

यहां कोदो से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (varagu (kodo) in hindi) में लिखा गया है ताकि आप कोदो से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में कोद्रव का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

पतंजलि के कोद्रव से बने उत्पाद कहां से खरीदें ? (Where to Buy Patanjali ……Product?)
आप पतंजलि के कोद्रव से बने उत्पाद बाजार से खरीद सकते हैं। यह आसानी से मिल जाता है।

कोद्रव से नुकसान (Side Effect of Kodrav (Kodo) in Hindi)

कोद्रव के इस्तेमाल से ये नुकसान (millets side effects) भी हो सकते हैंः-

  • कोद्रव का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से वातदोष तथा कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • कोद्रव का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से किसी-किसी को उल्टी तथा बुखार हो सकता है।
  • इसके साथ ही बेहोशी, मैनिया, गतिविधियों में अनियमितता आदि लक्षण (kodo millets side effects) होने लगते हैं।
  • इन लक्षणों को दूर करने के लिए कद्दू के रस में गुड़ मिलाकर या हरसिंगार के पत्तों का रस पिलाना चाहिए।

और पढ़ें: हरसिंगार के फायदे

 

कोद्रव कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kodrav (Kodo) Found or Grown?)

कोदो की खेती पूरे भारत में की जाती है।

Native millet image