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Gavedhuka: गवेधुका के फायदे, लाभ, उपयोग- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

गवेधुका का परिचय (Introduction of Gavedhuka)

गवेधुका का नाम सुनते ही शायद आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन हिन्दी नाम सुनते ही आप खिल उठेंगे। हिन्दी में इसको वैजन्ती कहते हैं। प्राचीन ग्रंथों में वैजन्ती के माला का बहुत ही बखान मिलता है, ठीक आयुर्वेद में भी इसके औषधीय गुणों के कारण अपना अलग ही महत्व है। वैजन्ती की माला उसके बीजों से बनाई जाती है और यह माना जाता है इसको धारण करने से मन की अस्थिरता दूर होती है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ते हैं।

 

गवेधुका क्या है? (What is Gavedhuka in Hindi?)

गवेधुका 0.9-2.0 मी तक ऊँचा, चमकीला तृण जातीय पौधा होता है। इसके पत्ते में 10-45 सेमी लम्बे, 2.5-5 सेमी चौड़े, भालाकार, इसके फल नीले-धूसर रंग के, अण्डाकार अथवा नाशपाती आकार के अथवा गोलाकार, 8 मिमी लम्बे, छिद्रयुक्त तथा चमकीले होते हैं।

 

अन्य भाषाओं में गवेधुका के नाम (Names of Gavedhuka in Different Languages)

गवेधुका का वानास्पतिक नाम Coix lacryma-jobi Linn. (कोइक्सलैक्राइमा-जोबी)?Syn- Coix arundinacea Lam. होता है। इसका कुल  Poaceae (पोएसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Adlay Jobs tears (एडले जॉबस टियर्स) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि गवेधुका और किन-किन नामों से जाना जाता है। 

Sanskrit-गवेधुका, गवेधु, गवेधुक; 

Hindi-गरहेडुआ, गुरलू, कस्सो, गरहेडुवा, शंखरू, गंडुला, वैजन्ती; 

Assamese-कौमोनी (Koamonee); 

Konkani-रनजम्दहलो (Ranjamdhlo); 

Kannada-कोडीबीज (Kodibeej); 

Gujarti-कासइ (Kaasai),  रेंजोढ़ाला (Renzodhala), कस्साईबीज (Kassaibeej); 

Tamil-कट्टकफन्नेटपावलम (Kattakunnetpavalam); 

Telugu-अद्वी गुरूजिन्जा (Adavi guruginja); 

Bengali-गड़गद (Gadgad), देधान (Dedhan), गुरगुड़ (Gurgur), कुंच (Kunch); 

Nepali-भिर्कौले (Bhikaurle); 

Punjabi-संकलु (Sanklu); 

Marathi-कासई (Kasai), रंजोढाला (Ranjodhala); 

Malayalam-कट्टूगोटाम्पू (Kattugotampu); 

Manipuri-चानिन्ग (Chaning)।

English-जॉब्स् टीयर्स (Job’s tears), पर्ल बारले (Pearl barley), एडले मिलेट (Adlay Millet); 

Arbi-डमुडुड (Damudud)।

गवेधुका का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Gavedhuka in Hindi)

गवेधुक प्रकृति से कड़‍वा, तीखा, मधुर, शीतल, रूखा, लघु, कफपित्त को कम करने वाला, वातकारक, लेखन (Scrapping) के इलाज में सहायक होता है।  

गवेधुक के फल ज्वर या बुखार, सन्धिवात या जोड़ों के दर्द, पूयमेह या सुजाक, शोफ या अल्सर तथा चर्मकील या एक्ने नाशक होते हैं।

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गवेधुका के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Gavedhuka in Hindi) 

गवेधुका के औषधीय गुण न सिर्फ मन को शांत करने में फायदेमंद होते हैं बल्कि कई और बीमारियों के इलाज में भी फायदेमंद होते हैं।

 

खाँसी से राहत पाने में गवेधुका लाभकारी (Gavedhuka Beneficial to Treat Cough in Hindi)

 cough

यदि खांसी ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है तो गवेधुक पञ्चाङ्ग को यवकुट कर काढ़ा बनाकर पीने से कास या खांसी में लाभ होता है।

 

उल्टी को ठीक करने में फायदेमंद गवेधुका (Benefit of Gavedhuka to Treat Vomit in Hindi)

यदि किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के कारण उल्टी से परेशान रहते हैं तो यवकुट (दरदरा पिसा हुआ) किए हुए गवेधुक के मूल को रात भर पानी में भिगो कर प्रातकाल मसल-छानकर पीने से पित्तज-छर्दि (उल्टी) रोग में लाभ होता है। इसके अलावा 10-20 मिली मूल काढ़े में गुडूची तथा गन्ने का रस अथवा दूध मिलाकर सेवन करने से पैत्तिक छर्दि (उल्टी) का शमन होता है।

 

मूत्रकृच्छ्र के इलाज में  लाभदायक गवेधुका (Gavedhuka Beneficial to Treat Urinary Disease in Hindi)

अगर पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होता है तो गवेधुक जड़ का काढ़ा बनाकर, 10-30 मिली काढ़े में शहद मिलाकर पीने से अश्मरी या पथरी तथा मूत्रकृच्छ्र का शमन होता है।

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आर्तव विकार या मासिक धर्म संबंधी बीमारियों के इलाज में फायदेमंद गवेधुका (Gavedhuka Beneficial to Treat Menstrual Pain in Hindi)

10-20 मिली गवेधुक के जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन करने से आर्तव-विकारों में लाभ होता है।

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मोटापे के इलाज में  लाभकारी गवेधुका लाभकारी (Gavedhuka Beneficial to Treat in Obesity in Hindi)

obesity

गवेधुक के भुने हुए दानों से बने मण्ड (दलिया) में शहद मिलाकर सेवन करने से मेदो रोग में लाभ होता है।

 

अर्बुद के इलाज में फायदेमंद गवेधुका (Benefit of Gavedhuka to Treat Tumour in Hindi)

गवेधुक के पौधे के रस का प्रयोग अर्बुद की चिकित्सा में किया जाता है। इसके इलाज से ट्यूमर धीरे-धीरे कम होने लगता है।

 

रक्ताल्पता के इलाज में लाभकारी गवेधुका (Gavedhuka Beneficial to Treat in Anemia in Hindi)

गवेधुक के पत्तों का रस निकालकर सुबह शाम पीने से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है।

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गवेधुका का उपयोगी भाग (Useful Parts of Gavedhuka)

आयुर्वेद के अनुसार गवेधुका का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-

-जड़

-पत्ता

-पञ्चाङ्ग और

-फल।

 

गवेधुका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Gavedhuka in Hindi)

यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए गवेधुका का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 10-20 मिली काढ़ा ले सकते हैं।