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धातकी के हैं बहुत अनोखे फायदे (Dhataki Benefits and Side Effects in Hindi)- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आपने शायद ही धातकी का नाम कभी सुना होगा। अगर नहीं सुना होगा तो निश्चित ही धातकी के फायदे और नुकसान (Dhataki Benefits and side effects) के बारे में नहीं जानते होंगे। धातकी एक बहुत ही गुणी औषधि है। आयुर्वेद के अनुसार, कई रोगों के इलाज में धातकी के फायदे मिलते हैं। आप हड्डी रोग, अल्सर, बुखार, दस्त और बवासीर जैसे रोग में धातकी से लाभ ले सकते हैं।

 

Dhataki_Benefits_and_Side_Effects

 

धातकी के पौधे से अनेक प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं। यह इतनी महत्वपूर्ण वनस्पति है कि लगभग सभी आयुर्वेदिक अर्क या रस में धातकी के फूल का प्रयोग किया जाता है। बहुत सालों से धातकी का इस्तेमाल शोध और अन्य गतिविधियों (dhataki ayurveda)  के लिए किया जाता रहा है। आइए जानते हैं कि किस-किस रोग में धातकी से लाभ मिलता है।

 

Contents

धातकी क्या है? (What is Dhataki in Hindi?)

धातकी का पौधा (dhataki plant) माध्यम उंचाई का होता है। इसकी औसत ऊंचाई लगभग 3.6 मीटर होती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति है। इसकी जड़, तने की छाल, लता, पत्ता, फूल, फल आदि सभी अंग गुणकारी होते हैं। धातकी से विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है। धातकी के पौधे हर साल जनवरी से अप्रैल के दौरान फूलों से भर जाते हैं। इसी वक्त इसके पत्ते झड़ जाते हैं। इसके पौधों में नए पत्ते फरवरी से मार्च के बीच आते हैं। धातकी के फूल स्वाद में कड़वे, तासीर में ठंडे और आकार में छोटे होते हैं। हड्डियों को जोड़ने में धातकी के फूल (dhataki pushpa)  मददगार होते हैं।

 

अनेक भाषाओं में धातकी के नाम (Dhataki Called in Different Languages)

धातकी लाइथेसी (Lythraceae) कुल का पौधा (dhataki plant) है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा (Woodfordia fruticosa (Linn.) Kurz) है। वनस्पति विज्ञान में इसे Syn-Woodfordia  floribunda Salisb नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Fire-flame bush (फायर-फ्लेम बुश), (Red bell bush) रेड बेल बुश आदि नामों से जाना जाता है। अन्य भाषाओं में इसके क्या-क्या नाम हैंः-

Red bell bush in

  • Hindiधातकी, धायफूल (dhataki pushpa), धवई, धाई, धाओल, धावा, धाय  
  • English – Red bell bush (रेड बेल बुश) Fire-flame bush (फायर-फ्लेम बुश)
  • Sanskrit – धातकी, धातुपुष्पी, ताम्रपुष्पी, कुञ्जरा, सुभिक्षा, बहुपुष्पी, वह्निज्वाला  
  • Oriya – जालिको (Jaliko); कन्नड़-दातकी (Daathakee), बेला (Bela)
  • Gujarati – धावणी (Dhavani), धावड़ी (Dhavdi)  
  • Telugu – सेरिंगी (Seringi), एर्रापुर्वु (Errapurvu)
  • Tamil धातरी जर्गी (Dhathari Jargi), वेलाक्कई (Vellakkai)
  • Bengali – धाइफूल (Dhaiful)
  • Nepaliदहिरी(Dahiri), धायारो (Dhayaro), धहाहारी (Dahahari)
  • Punjabiधा (Dha)  
  • Marathiधायत्ती (Dhayatti), धावास (Dhaavas)
  • Malayalamतातिरि (Tatiri), तातिरिप्पु (Tatirippu)

 

धातकी के फायदे और उपयोग (Dhataki Benefits and Uses in Hindi)

धातकी का इस्तेमाल (Dhataki Uses) इन तरीकों से किया जा सकता हैः-

 

आंखों के रोग में धातकी के फायदे (Benefits of Red Bell Bush to Treat Eye Disease in Hindi)

आंखों के लिए धातकी बेहद गुणकारी औषधि है। इसके फूल और तिनिश सार को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को दूध एवं शहद के साथ अच्छी तरह मिलाकर सेवन करें। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है। कफ आदि के कारण पलक उठाने में हो रही परेशानी में भी धातकी लाभदायक साबित होती है।

 

Benefits of Dhataki in Eye disease

 

दांतों की बीमारी में धातकी के फायदे (Red Bell Bush Benefits ti Cure Dental Disorder in Hindi)

धातकी के पत्तों और फूल, दोनों को बराबर हिस्सा लेकर काढ़ा बना लें। इसे गले में अटकाकर कुल्ला (गरारा) करने पर दांतों के सभी तरह के रोग में फायदा (Red Bell Bush Uses) होता है।

और पढ़ें: दाँतों के रोग में फायदेमंद हींग

 

बच्चों के दांत निकलने की तकलीफ में धातकी के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Red Bell Bush for Infant’s Teeth Pain in Hindi)

जब छोटे बच्चों के दांत निकलते हैं तो प्राय: बच्चों को दर्द होता हैं। ऐसा होने पर आंवला, पिप्पली और धातकी के फूल (dhataki pushpa), को बराबर मात्रा में लेकर महीन पीस लें। इस चूर्ण के 1 ग्राम में शहद मिलाकर सुबह और शाम रोज बच्चों के मसूड़ों पर मालिश करें। ऐसा करने से दांत निकलते समय होने वाला दर्द दूर हो जाता है। दांत आसानी से निकल जाता है।

 

पेट में कीड़े होने पर धातकी के सेवन से लाभ (Red Bell Bush Benefits for Abdominal Bugs in Hindi)

पेट में यदि कीड़े हो गए हो तो धातकी की मदद ली जा सकती है। इसके फल के 3 ग्राम चूर्ण को सुबह खाली पेट में ताजा पानी के साथ लगातार कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे पेट के कीड़े मर (Red Bell Bush Uses) जाते हैं।

 

Benefits of Dhataki in Abdominal bugs problem

 

धातकी के सेवन से दस्त पर रोक (Benefits of Dhataki to Stop Diarrhea in Hindi)

  • दस्त (Diarrhoea) होने पर धातकी के एक चम्मच चूर्ण में दो चम्मच शहद या एक कप छाछ मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त और पेचिश में काफी लाभ होता है।
  • जिन्हें बार-बार शौच जाना पड़ता है, उन्हें इस दिव्य औषधि का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • सोंठ, धातकी के फूल, मोचरस और अजमोदा को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रित चूर्ण की 1-3 ग्राम मात्रा का सेवन छाछ के साथ करें। इससे दस्त और और पेचिश दोनों में लाभ होता है।

 

धातकी के सेवन से पेचिश का इलाज (Dhataki Benefits to Stop Dysentery in Hindi)

  • पेचिश के उपचार के लिए धातकी के 10 ग्राम फूलों को लगभग 400 मिलीलीटर पानी में उबालें। पानी का एक चौथाई बच जाने पर उबालना बंद कर दें। इस काढ़ा को सुबह खाली पेट और शाम में भोजन से 1 घंटा पहले सेवन करें। दवा के इस्तेमाल के दौरान आसानी से पचने वाला भोजन करें। कुछ समय के लिए दूध और घी नहीं खाएं। इसके सेवन से निश्चित तौर पर फायदा होगा।
  • धातकी के फूल के 1-3 ग्राम चूर्ण को दही के साथ सेवन करें। इससे पेचिश का इलाज (Red Bell Bush Benefits) होता है।
  • सोंठ, धातकी के फूल, मोचरस और अजमोदा को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रित चूर्ण की 1-3 ग्राम मात्रा का सेवन छाछ के साथ करने से दस्त और पेचिश में लाभ होता है।

 

धातकी के सेवन से खूनी बवासीर का इलाज (Benefits of Dhataki  in Piles  Treatment in Hindi)

धातकी (dhatki) के फूलों का शर्बत पिलाने से बवासीर में लाभ होता है। खूनी बवासीर या अन्य किसी कारण से खून बहने को रोकने के लिए धातकी के फूल के एक चम्मच चूर्ण में दो चम्मच शहद मिलाएं। इसे दिन में 2-3 बार सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से खून आना बंद हो जाता है, या धीरे-धीरे कम हो जाता है।

तिल्ली बढ़ने (प्लीहा वृद्धि) पर धातकी के सेवन से लाभ (Dhataki Benefits for Spleen Related Problems in Hindi)

धातकी के फूलों का 2-3 ग्राम चूर्ण लें। इसे चित्रक की जड़ और हल्दी के चूर्ण के साथ मिला लें। अगर इनमें से किसी एक का भी सेवन 50 ग्राम गुड़ के साथ किया जाए तो प्लीहा विकार जैसे तिल्ली के बढ़ने और प्लीहा के बढ़ने से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में सहायता मिलती है।  

 

डायबिटीज (मुधमेह) को नियंत्रित करने में धातकी का औषधीय गुण फायदेमंद (Benefits of Dhataki in Controlling Diabetes in Hindi)

मधुमेह ऐसी बीमारी हो चली है जो सामान्य तौर पर हर घर में पहुँच रही है। इसके लिए धातकी के फूल, पठानी लोध्र और चंदन को समान मात्रा में लेकर पीस लें। इस मिश्रण को दिन में 3 बार शहद के साथ एक चम्मच लें। कुछ हफ्ते तक इसका नियमित सेवन करने से मधुमेह या डायबिटीज में लाभ (Red Bell Bush Benefits) होता है।

 

गर्भधारण के लिए धातकी के सेवन से लाभ (Dhataki Benefits for Pregnancy Related Issues in Hindi)

अन्य परिस्थितियाँ सामान्य रहने पर भी जिन महिलाओं को गर्भ नहीं ठहर रहा होता है, उनके लिए धातकी (dhatki) मददगार हो सकती है। धातकी के फूल के चूर्ण और नील कमल के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। मासिक धर्म शुरू होने के दिन से 5 दिन तक शहद के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करें। इससे स्त्री गर्भधारण कर लेती है। प्रयोग असफल होने पर अगले मासिक धर्म के दिन से इसे फिर से प्रयोग किया जा सकता है।

 

Red bell bush benefits in Pregnancy related issue

 

आंतों के रोग (अल्सर) में धातकी का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Dhataki in Ulcer Treatment in Hindi)

अल्सर होने पर आँतों से खून आने लगता है। इस बीमारी में धातकी फायदेमंद होता है। धातकी के फूल के चूर्ण का लोध्र की छाल के साथ उपयोग करें। इससे अल्सर में काफी आराम (Red Bell Bush Benefits) मिलता है।

 

साइनस के घाव में धातकी का औषधीय गुण लाभदायक (Uses of Dhataki in Sinus Treatment in Hindi)

नासूर (साइनस) होने पर अलसी के तेल में धातकी के फूल से बने चूर्ण को मिला लें। इसे थोड़ा शहद मिलाकर रोजाना साइनस के घाव में लगाते रहें। ऐसा करने से जल्द आराम मिलता है।

 

Dhataki benefits in sinus disease

 

आग से जल जाने पर धातकी के फायदे (Dhataki Uses for Burning Related Issue in Hindi)

धातकी के फूलों को पीसकर अलसी के तेल या शहद में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे बाद में जला निशान भी खत्म हो जाता है। इसके फूलों को गुलाब जल में पीसकर लेप करने से पूरे शरीर में जलन में फायदा होता है।

 

धातकी के औषधीय गुण से कुष्ठ रोग का इलाज (Red Bell Bush Uses in Leprosy Treatment in Hindi)

  • धातकी (dhatki) के फूल के पेस्ट को लेप और उबटन के रूप में प्रयोग करें। इससे कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
  • इसके अलावा कटेरी और धाय के फूल को जलाकर उसकी भस्म बना लें। इसमें सरसों का तेल मिलाकर कुष्ठ पर लेप करने से भी फायदा (Dhataki Benefits) होता है।

 

बुखार में धातकी के सेवन से लाभ (Red Bell Bush Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

धातकी फूल से बने एक चम्मच चूर्ण को सुबह और शाम दूध या पानी के साथ सेवन करें। इससे पित्त विकार के कारण होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। इसके कारण होने वाली परेशानियों से बचाव (Dhataki Benefits) होता है।

 

Red bell bush benefits in Fever

 

रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में धातकी का औषधीय गुण लाभदायक (Uses of Red Bell Bush to Stop Bleeding in Hindi)

  • धातकी के फूल, फल, चन्दन, पठानी लोध, अनन्त मूल, महुआ, नागरमोथा और हरीतकी को समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को कूटकर 30 ग्राम चूर्ण को लगभग एक लीटर पानी में भिगो दें। इसके बाद इस पानी में लगभग 5 ग्राम पकी हुई मिट्टी भी भिगो दें। थोड़ी देर बाद पानी छान लें। अब इसमें मुलेठी भिगो दें। जब मुलेठी अच्छी तरह भीग जाय तो पानी छान लें। इसमें मिश्री या चीनी मिलाकर पीने से तेजी से होने वाला रक्स स्राव रुक जाता है। इसे प्रतिदिन ताज़ा-ताजा बनाकर दिन में दो बार कुछ दिन तक लगातार सेवन करें।
  • दूब का एक चम्मच रस और धाय के फूल का एक चम्मच चूर्ण मिलाकर सेवन करने से भी खून बहना रुक जाता है। कहीं से भी खून बह रहा हो, चाहे नकसीर हो या बवासीर अन्य रक्तस्राव, कुछ दिन के इस्तेमाल से खून बहना रोकने में पूर्ण लाभ होगा। तीन सप्ताह तक लगातार इसका सेवन करने से लाभ होता है।  
  • यदि नाक से खून आ रहा हो तो धातकी का फूल इसे रोकने में मदद कर सकता है। इसके फूल में मोचरस, पठानी लोध्र, आम की गुठली और मंजीठ को पीसकर चीनी के शरबत में मिलाएं। इसे कपड़े से छानकर निचोड़ लें। इस रस को 1-2 बूंद की मात्रा में नाक में डालने से खून आना बंद (Red Bell Bush Uses) हो जाता है।

 

ल्यूकोरिया (सफेद पानी) की समस्या में धातकी के सेवन से फायदा (Dhataki Uses in Leukorrhea Treatment in Hindi)

श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिाय से परेशान महिलाओं के लिए भी धातकी फायदेमंद होता है। धातकी के फूल से बने दो चूर्ण को चम्मच (लगभग 3 ग्राम) लें। इसे शहद, पानी, दही या मिश्री के साथ सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से एक घंटा पहले सेवन करें। इससे ल्यूोकरिया या श्वेत प्रदर में शीघ्र लाभ होता है।

 

धातकी के उपयोगी हिस्से (Useful Parts of Dhataki (Red Bell Bush) in Hindi)

धातकी के निम्नलिखित हिस्सों का प्रयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है:-

  • जड़
  • छाल
  • लता
  • पत्ता
  • फूल
  • फल

 

धातकी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Dhataki (Red Bell Bush) in Hindi?)

1-3 ग्राम चूर्ण

 

धातकी के सेवन से नुकसान (Red Bell Bush (Dhataki) Side Effects in Hindi)  

धातकी के प्रयोग से सामान्य तौर पर किसी नुकसान की जानकारी नहीं है। ध्यान रखें कि यहां धातकी के फायदे, उपयोग और नुकसान (dhataki benefits and side effects) के बारे में पूरी जानकारी दी गई है ताकि आप धातकी से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए औषधि के रूप में धातकी का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

 

धातकी कहां पाई या उगाई जाती है? (Where is Dhataki (Red Bell Bush) Found or Grown?)

धातकी (dhataki plant) भारत के अधिकांश हिस्सों में आसानी से मिलने वाला एक पौधा है। हालांकि दक्षिण भारत और बंगाल के पानी वाले इलाकों में यह कम या नहीं के बराबर मिल पाती है। देश के बाकी सभी हिस्सों में यह आसानी से उपलब्ध है।