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Chhar Vati: क्षार वटी – एक नाम, कई लाभ- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

क्र.सं. घटक द्रव्य प्रयोज्यांग अनुपात

  1. शुद्ध वत्सनाभ (Aconitum ferrox Wallex Seringe) फल 12 ग्राम
  2. अभ्रक भस्म 24 ग्राम
  3. शंख भस्म 48 ग्राम
  4. इमली क्षार (Tamarindus indica Linn.) 96 ग्राम
  5. ताम्र भस्म 192 ग्राम
  6. शुण्ठी (Zingiber officinale Rosc.) कन्द 124 ग्राम
  7. पिप्पली (PiperlongumLinn.) फल 124 ग्राम
  8. मरिच (Piper nigrum Linn.) फल 124 ग्राम
  9. तुलसी स्वरस (Ocimum sanctum Linn.) पत्र Q.S. मर्दनार्थ
  10. भृङ्गराज स्वरस (Eclipta alba Hassk.) पत्र Q.S. मर्दनार्थ
  11. बिजौरा नींबू स्वरस (Citrus medica Linn.) फल Q.S. मर्दनार्थ
  12. आर्द्रक स्वरस (Zingiber officinale Linn.) कन्द Q.S. मर्दनार्थ

मात्रा 250 मिली ग्राम

अनुपान उष्ण जल

गुण और उपयोगयह वटी तीक्ष्ण, उष्ण एवं दीपनपाचन है। ग्रहणी, पेट में वायु बनना, पेट दर्द, अग्निमांद्य, बवासीर, रक्तज गुल्म एवं भोजन के प्रति अनिच्छा को नष्ट करती है। विशेष रूप से यह अग्निमांद्य एवं पेट दर्द को नष्ट कर पाचन क्रिया में सुधार लाती है। अपनी तीक्ष्णता के कारण गुल्म को बहुत शीघ्र नष्ट कर देती है।