क्वाथे त्रैकण्टकैला गिरिजतुसशिला भेकयष्टीवरीणाम्। दर्भद्राक्षाम्बुशौण्डीवसुकवशिरकासेक्षुमत्स्याक्षिकाणाम्। कल्कैस्सिद्धं सदुग्धं हरति घृतमिदं सेवितं मूत्रदोषान्। स.यो. 83
| क्र.सं. | घटक द्रव्य | प्रयोज्यांग | अनुपात |
| 1 | त्रिकण्टक (गोक्षुर) (Tribulus terrestris) | फल | 768 ग्रा. |
| 2 | जल क्वाथार्थ (Water) 12.288 ली. | 3.072 ली. | |
| 3 | सूक्ष्मैला (Elettaria cardamomum) | बीज | 9.140 ग्रा. |
| 4 | गिरिजतु (शिलाजतु) (Mineral wax) | 9.140 ग्रा. | |
| 5 | शिलाभेद (पाषाणभेद) (Bergenia ligulata) | कन्द | 9.140 ग्रा. |
| 6 | यष्टी (Glycyrrhiza glabra) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 7 | वरी (शतावरी)(Asparagus racemosus) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 8 | दर्भ (Desmostachya bipinnata) | मूल | |
| 9 | द्राक्षा (Vitis viniferia) | शुष्क फल | 9.140 ग्रा. |
| 10 | अम्बु (ह्यबेर) (Paviona orodata) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 11 | शौण्डी (पिप्पली) (Piper longum Linn.) | फल | 9.140 ग्रा. |
| 12 | वसुक (Chlorophytum comosus) | पंचांग | 9.140 ग्रा. |
| 13 | वशिरक (चव्य) (Piper retrofractum) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 14 | कास (Kaas plateau) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 15 | इक्षुमूल (Saccharum officinarum L.) | मूल | 9.140 ग्रा. |
| 16 | मत्यक्षिका (मत्स्याक्षी) | पंचांग | 9.140 ग्रा. |
| 17 | गौदुग्ध (Cow’s milk) | 7.68 ग्रा. | |
| 18 | गौघृत (Cow’s ghee) | 7.68 ग्रा. |
मात्रा – 12 ग्रा.
अनुपान – उष्ण जल, लघुतृणपंचमूल क्वाथ, उष्ण दुग्ध।
गुण और उपयोग– यह घृत मूत्र संबंधित रोगों की अति उत्तम दवा है। मूत्रकृच्छ्र, प्रमेह तथा पथरी जैसी समस्याएँ इसके सेवन से नष्ट होती है।