गोमयस्वरसक्षीरदधिमूत्रैः शृतं हवि।। अपस्मारज्वरोन्मादकामलान्तकरं पिबेत्।। अ.ह्य्.उ. 7/18
क्र.सं. | घटक द्रव्य | प्रयोज्यांग | अनुपात |
1 | गोघृत (Cow’s ghee) | 768 ग्रा. | |
2 | गोदुग्ध (Cow’s milk) | 3.072 ली. | |
3 | गोदधि (Curd of cow’s milk) | 3.072 ली. | |
4 | गोबर (Cow dung) | 1 कि.ग्रा. | |
5 | गोमूत्र (Cow’s urine) | 1 ली. |
मात्रा– 12 ग्रा.
अनुपान– गर्म दूध
गुण और उपयोग– यह उन्माद और अपस्मार रोग की सर्वोत्तम दवा है। इसके सेवन से क्षय, श्वास, गुल्म, पेट–दर्द, वृषण तथा हाथ–पैरों में सूजन यह सब ठीक होते हैं।