Uncategorized

मक्खन : आयुर्वेदिक नज़रिया

रोजाना सुबह के नाश्ते में पराठा हो या ब्रेड बिना मक्खन के सब अधूरा सा लगता है। जबकि कई लोग ऐसे भी हैं जो इस डर से मक्खन नहीं खाते हैं कि इससे मोटापा बढ़ सकता है या दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि ये मक्खन आपकी सेहत को कितना फायदा या नुकसान पहुंचा रहा है? आइये आयुर्वेद की दृष्टि से समझते हैं कि मक्खन हमारी सेहत के लिए कितना उपयोगी है और आयुर्वेद में मक्खन के किन गुणों का उल्लेख है।

Contents

मक्खन कैसे बनता है

आपमें से अधिकांश लोग बाज़ार में मक्खन खरीदकर खाते होंगें। लेकिन क्या आपको पता है कि आप बहुत आसानी से घर पर भी स्वादिष्ट मक्खन बना सकते हैं। इसे बनाने के दो तरीके हैं :

  • दही से निकाला गया मक्खन
  • दूध की मलाई से निकाला गया मक्खन (नैनू)

दही से मक्खन निकलने की विधि

दही से मक्खन निकालने के लिए दही को सबसे पहले एक बड़े बर्तन में रखें। उसके बाद मथनी का प्रयोग करके उसे कुछ देर तक मथते रहें। ऐसा करने पर दही से मक्खन अलग हो जाता है। दही से तैयार यह मक्खन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।

दूध की मलाई से मक्खन निकलने की विधि

दही की ही तरह आप दूध से भी मक्खन निकाल सकते हैं। इसके लिए रोजाना दूध की मलाई किसी अलग बर्तन में इकठ्ठा करते रहें। बाद में इस मलाई को एक बड़े बर्तन में रखकर मथनी से मथ लें। थोड़ी देर लगातार इसे मथने के बाद मक्खन अपने आप अलग हो जाता है। इसी मक्खन को गर्म करके आप आगे घी भी निकाल सकते हैं। यह ताजा मक्खन बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है।

मक्खन के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार दही से निकाला गया मक्खन चिकनाई से भरा मधुर स्वाद युक्त होता है।  यह मक्खन कई गुणों से भरपूर होता है। आइये इसके प्रमुख फायदों के बारे में जानते हैं :

वात और पित्त को संतुलित करता है

अगर आपका वात और पित्त दोष बढ़ा हुआ है तो इससे कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं। जबकि मक्खन में ऐसे गुण होते हैं जो वात और पित्त दोनों को ही संतुलित करता है। इसलिए मक्खन का नियमित सेवन करें जिससे वात और पित्त दोनों संतुलित रहें।

पाचक अग्नि को बढ़ाता है

शरीर की पाचक अग्नि कमजोर होने से पेट से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मक्खन खाने से पाचक अग्नि तीव्र होती है और कई समस्याओं (अपच, एसिडिटी आदि) से बचाव होता है।

वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता (शुक्रवर्धक) है

आयुर्वेद में शुक्र को सबसे महत्वपूर्ण धातु माना गया है। मक्खन के सेवन से शुक्र में वृद्धि होती है। आयुर्वेद में शुक्र में वृद्धि के कई मायने बताए गए हैं। इससे वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है, इम्युनिटी और शारीरिक शक्ति भी मजबूत होती है। इसलिए रोजाना सीमित मात्रा में मक्खन का सेवन करें।  

डायरिया और पेचिश में फायदेमंद

आयुर्वेद के अनुसार मक्खन संग्राही होता है अर्थात इसमें पानी को सोखने वाले गुण होते हैं। इसी क्षमता की वजह से यह दस्त और अतिसार जैसे रोगों में फायदेमंद होता है। यह मल को बांधता है जिससे लूज मोशन की समस्या से आराम मिलता है।

दिल के लिए लाभकारी

अधिकांश लोग मक्खन को दिल के लिए नुकसानदायक मानते हैं जबकि आयुर्वेद में इसे दिल के लिए लाभकारी बताया गया है। रोजाना सीमित मात्रा में मक्खन का सेवन करने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। हालांकि बहुत अधिक मात्रा में मक्खन खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें।

बुद्धि बढ़ाने में सहायक है

दिल के साथ साथ मक्खन दिमाग के लिए भी लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार इसके सेवन से बुद्धि तेज होती है। यह बच्चों को मेधावी बनाने में सहायक है। इसलिए पढने लिखने वाले बच्चों को रोजाना सीमित मात्रा में मक्खन खिलाएं।

खांसी से आराम दिलाता है

मक्खन के सेवन से खांसी से भी आराम मिलता है। अगर आप खांसी के घरेलू उपाय के रूप में मक्खन का उपयोग करना चाहते हैं तो खुराक के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

बवासीर से आराम दिलाता है

खराब जीवनशैली और अनियमित खानपान की वजह से आज के समय में अधिकांश लोग कब्ज़ से पीड़ित रहते हैं। कब्ज़ की समस्या गभीर होने पर आगे चलकर बवासीर रोग हो जाता है जिसमें असहनीय दर्द होता है। मक्खन चिकनाई युक्त होता है और इसके सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर होती है। इसलिए बवासीर से बचाव के लिए नियमित सीमित मात्रा में मक्खन खाएं।

लकवा में फायदेमंद है

आयुर्वेद में मक्खन को लकवा में विशेष रूप से फायदेमंद बताया गया है। हालांकि अगर आप लकवा ग्रस्त हैं और घरेलू उपाय के रूप में मक्खन का सेवन करना चाहते हैं तो पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें।

और पढ़े: लकवा की समस्या में कूठ के फायदे 

आंखों के लिए गुणकारी

मक्खन हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

यह सच है कि मक्खन ऊपर बताए गए इन सभी गुणों से भरपूर है लेकिन अधिक फायदों की चाह से या स्वादिष्ट होने की वजह से बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन ना करें। बच्चों को अक्सर इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और वे अधिक मात्रा में इसे खाने लगते हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकें और रोजाना सीमित मात्रा में ही मक्खन खाने दें।  जिससे इसके फायदों का भरपूर लाभ उठाया जा सके।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

  • आयुर्वेदिक दवाएं

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है.…

2 years ago
  • आयुर्वेदिक दवाएं

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल…

2 years ago
  • आयुर्वेदिक दवाएं

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं.…

2 years ago
  • आयुर्वेदिक दवाएं

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं…

2 years ago
  • आयुर्वेदिक दवाएं

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती…

2 years ago
  • आयुर्वेदिक दवाएं

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है.…

2 years ago