EPA (इकोसापेंटेनोइक एसिड) और DHA (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) ऐसे जरुरी ओमेगा-3 फैटी एसिड हैं, जो पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Photo Credit: Freepik
चूँकि शरीर अपने आप पर्याप्त EPA और DHA का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए फूड्स या सप्लीमेंट्स से शरीर में इनकी पूर्ती की जाती है।
Photo Credit: Freepik
EPA, ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने, सूजन को कम करने और दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
1
Photo Credit: Shutterstock
DHA मस्तिष्क के विकास और सोचने-समझने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए जरुरी है। खासकर शिशुओं और छोटे बच्चों में, यह याददाश्त को बेहतर बनाने और विचारों में स्पष्टता लाने में मदद करता है।
2
Photo Credit: Shutterstock
EPA और DHA, मूड को बेहतर बनाते हैं। साथ ही डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों से राहत दिलाने में भी मदद कर सकते हैं।
3
Photo Credit: Shutterstock
DHA रेटिना का एक प्रमुख घटक है। जो आँखों की रौशनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है और बढ़ती उम्र के साथ, मैक्यूलर डिजनरेशन से भी बचाता है।
4
Photo Credit: Freepik
EPA में एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और गठिया जैसी क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
5
Photo Credit: Freepik
EPA और DHA दोनों, सेल-मेम्ब्रेन को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। साथ ही ये पोषक तत्वों के अवशोषण और सेलुलर कम्युनिकेशन को भी बेहतर बनाते हैं।
6
Photo Credit: Freepik
हालाँकि ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं, लेकिन कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले हेल्थ-केयर प्रोवाइडर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
Photo Credit: Freepik
Video-1
Video-1