कैफीन हमारी नींद और दिमाग पर कैसे असर डालता है ?

Written by: Dixit rajput

16 JUNE 2025

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कैफीन न केवल कॉफी और चाय में, बल्कि कोला, एनर्जी ड्रिंक्स और चॉकलेट में भी पाया जाता है। इसलिए यह दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाना वाला उत्तेजक पदार्थ (Stimulant) बन चुका है।

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आइए जानें यह हमारे दिमाग और नींद पर कैसा असर डालता है:

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गहरी नींद में खलल

सोने से पहले कैफीन का सेवन करने से ब्रेन की डीप स्लीप रिदम (डेल्टा तरंगें) डिस्टर्ब हो जाती हैं और जागने के संकेत (बीटा तरंगें) तेज हो जाते हैं। जिससे दिमाग एक हाई "इमरजेंसी" स्टेट में पहुंच जाता है।

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ब्रेन रिपेयर में डिस्टर्ब  

इस स्टेट में दिमाग की नेचुरल रेस्ट साइकिल (आराम करने की प्रक्रिया) डिस्टर्ब हो जाती है। जिससे यादों को सुरक्षित रखने की क्षमता (Memory Consolidation), भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता (इमोशनल रेगुलेशन) और पूरे दिमाग की मरम्मत पर भी असर पड़ता है।

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स्लीप सिग्नलस को ब्लॉक करे

कैफीन हमारे दिमाग के नींद लाने वाले नेचुरल केमिकल एडेनोसिन को रोकता है। यह एडेनोसिन के रिसेप्टर्स से चिपक जाता है, जिससे एडेनोसिन अपना काम नहीं कर पाता। इस रुकावट की वजह से दिमाग की नींद के संकेतों को समझने की क्षमता कम हो सकती है। 

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युवाओं पर ज्यादा असर 

20 से 27 की उम्र के युवाओं को कैफीन का नींद पर ज्यादा बुरा असर झेलना पड़ता है क्योंकि उनके दिमाग में वो हिस्से ज्यादा एक्टिव होते हैं, जो नींद को कंट्रोल करते हैं।   

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