Written by: Dixit rajput
पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से सिंहपर्णी की चाय का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह सिर्फ़ हर्बल ड्रिंक नहीं है बल्कि लिवर एक जबरदस्त टॉनिक है।
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आइए जानें कि यह प्राचीन जड़ी-बूटी किस तरह बॉडी को डिटॉक्स करने, सूजन कम करने, और प्राकृतिक रूप से लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
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डंडेलियन-टी या सिंहपर्णी की चाय में बीटा-कैरोटीन और पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं। यह लिवर के सेल्स को टॉक्सिन्स और फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में भी मदद करती है।
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सिंहपर्णी (डंडेलियन) पित्त बनाती है, जिससे आपके लिवर को अपशिष्ट पदार्थों (Waste) को अच्छे से प्रोसेस करने और फैट को अधिक प्रभावी ढंग से तोड़ने में मदद मिलती है। इससे आपका शरीर नेचुरली काफी अच्छे से डिटॉक्स होता है।
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क्रॉनिक सूजन लिवर की एक प्रमुख समस्या है। डंडेलियन-टी में ल्यूटोलिन और टैराक्सैस्टरोल जैसे यौगिक होते हैं, जो लिवर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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पित्त (Bile) का नॉर्मल फ्लो, पाचन और लिवर फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण है। डंडेलियन-टी, पित्त को बढ़ाने और लिवर को साफ़ करने के लिए, एक प्राकृतिक पित्तवर्धक (Cholagogue) के रूप में कार्य करती है।
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डंडेलियन-टी, अपने मूत्रवर्धक प्रभाव (Diuretic Effect) की वजह से किडनी के लिए भी फायदेमंद होती है। यह अतिरिक्त तरल पदार्थों और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।
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लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अपनी दिनचर्या में एक कप डंडेलियन-टी शामिल करें। व्यक्तिगत सलाह के लिए हमेशा डॉक्टर से परमर्श करें।
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डेंडिलियन-टी अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन जिन लोगों को इससे एलर्जी है या जो लोग मूत्रवर्धक (Diuretic) या खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं, उन्हें इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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