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मधुमेह-मोटापा को नियंत्रित करने के लिए मुख्य आसन (Yogaudar Rog Madhumeh-Motapa ko Niyantrit karne ke Liye Mukhya Asan)

Contents

मोटापा और मधुमेह का परिचय (Introduction of Diabetes and Obesity)

जब शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर अत्यधिक वसा का जमा हो जाती है, और उससे शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है, तो इस अवस्था को मोटापा कहते हैं। लोग मोटापा कम करने के लिए अनेक उपाय करते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं, कि योग (yoga for diabetes) द्वारा भी आप मधुमेह, और मोटापा पर नियंत्रण पा सकते हैं।

आज यहां आपको मधुमेह, और मोटापा पर नियंत्रण पाने के लिए मुख्य आसनों की जानकारी दी जा रही है, जिनके प्रयोग से आप खुद को स्वस्थ बना सकेंगे।

मोटापा बन सकता है मधुमेह का कारण (Obesity can Causes Diabetes)

आज मोटापा एक सामान्य रोग बन चुका है। मोटापे के कारण अनेक लोग परेशान रहते हैं। मोटापे के कारण अनेक तरह की बीमारियां, जैसे- मधुमेह (डायबिटिज) होने की संभावना बढ़ (yoga for diabetes control) जाती है। इसलिए लोग अपने अधिक वजन को कम करने, या मोटापा घटाने के लिए जिम जाते हैं, आहार पर नियंत्रण करते हैं। मोटापा को कम करने के लिए योग भी करते हैं, यहां जिन आसनों का वर्णन किया जा रहा है, वे सभी आसन पेट के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं।

मधुमेह-मोटापा पर नियंत्रण पाने के लिए आसनों की सूची (List of Yoga for Diabetes and Fat reduction)

यह सूची आपको मधुमेह-मोटापा पर नियंत्रण पाने में बहुत मदद पहुंचा सकती हैः-

मधुमेह-मोटापा पर नियंत्रण के लिए सर्वांगासन फायदेमंद (Sarvangasana : Yoga for Diabetes and Fat reduction in Hindi)

सर्वांगासन कैसे करना है? (How to do Sarvangasana in Hindi?)

सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जायें। पैर को मिला लें। हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर, हथेलियां जमीन की ओर करके रखें। सांस अन्दर भरकर पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री, और अन्त में 90 डिग्री तक उठायें। पैरों को उठाते समय हाथों से सहायता ले सकते हैं।

90 डिग्री पर यदि सीधा ना हो, तो 120 डिग्री पर पैर ले जाकर, हाथों को उठाकर कमर (yoga asanas for reducing waist side bulges) के पीछे लगायें। कोहनियां भूमि पर टिकी हुई हों।

पैरों को मिलाकर सीधा रखें। पंजे ऊपर की ओर तने हुए, एवं आंखें बन्द हों। इस दौरान पैर के अंगूठों पर नजर रखें। दो मिनट से शुरू करके धीरे-धीरे यह आसन आधे घण्टे तक किया जा सकता है।

वापस आते समय पैरों को सीधा रखते हुए, पीछे की ओर थोड़ा झुकायें। दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें। अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे, उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ, और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें।

जितने समय तक सर्वांगासन किया जाए, लगभग उतने ही समय तक शवासन में विश्राम करें।

सर्वांगासन से लाभ (Benefits of Sarvangasana in Hindi)

  • यह थायरॉयड को सक्रिय, एवं स्वस्थ बनाता है। इसलिए मोटापा, दुर्बलता, कद-वृद्धि में कमी, एवं थकान आदि विकार दूर होते हैं।
  • एड्रिनल, शुक्रग्रन्थि एवं डिम्बग्रन्थियों को मजबूत बनाता है।
  • अन्य सभी लाभ शीर्षासन के समान हैं, लेकिन इस आसन में यह विशेषता है, कि जिनके लिए शीर्षासन निषिद्ध है, वे भी इसको कर सकते हैं।
  • दमा की 2-3 अवस्थाओं के लिए भी यह आसन उपयोगी पाया गया है; क्योंकि इस आसन में कन्धे स्थिर होते हैं। पेट के अगों , आंत इत्यादि का भार मध्यच्छदा पेशी पर पड़ने से, तथा सांस-प्रसांस में भाग लेने से डायफ्राम की टोन में सुधार आता है।
  • इस आसन से थायरॉयड, एवं पिच्युटरी ग्लैण्ड के मुख्य रूप से क्रियाशील होने से यह कद-वृद्धि में विशेष उपयोगी है।

सर्वांगासन के लिए विशेष निर्देश (Instructions for Sarvangasana in Hindi)

इस आसन का प्रतियोगी या पूरक आसन मत्स्यासन है। इसलिए शवासन में विश्राम से पूर्व मत्स्यासन करें। इससे अधिक लाभ होता है।

उत्तानपादासन से मधुमेह और मोटापा पर नियंत्रण (Uttanapadasana : Yoga for Diabetes and Fat reduction in Hindi)

उत्तानपादासन कैसे करना है? (How to do Uttanapadasana in Hindi?)

पीठ के बल लेट जायें। हथेलियां भूमि की ओर, और पैर सीधे, तथा पंजे मिले हुए हों। अब सांस अन्दर भरकर पैरों को 1 फुट तक (करीब 30 डिग्री तक) धीरे-धीरे ऊपर उठायें। कुछ समय तक इसी स्थिति में बने रहें।

इसके बाद वापस आते समय धीरे-धीरे पैरों को नीचे भूमि पर टिकायें, झटके के साथ नहीं। कुछ विश्राम कर फिर यही क्रिया करें। इसे 3 से 6 बार करना चाहिए।

उत्तानपादासन से लाभ (Benefits of Uttanapadasana in Hindi)

  • यह आसन आंतों को शक्तिशाली, एवं निरोग बनाता है, तथा कब्ज, गैस, मोटापा आदि को दूर कर जठराग्नि को प्रदीप्त करता है।
  • नाभि का डिगना, हृदयरोग, पेट दर्द, एवं सांस रोग में भी उपयोगी है।
  • एक-एक पैर से क्रमशः करने पर कमर दर्द में विशेष लाभप्रद है।

उत्तानपादासन के लिए विशेष निर्देश (Instructions for Uttanapadasana in Hindi)

जिनको कमर में अधिक दर्द रहता हो, वे एक-एक पैर से क्रमशः इसका अभ्यास करें।

हलासन से मधुमेह और मोटापा पर नियंत्रण में मदद (Halasana Yoga for Diabetes and Fat Reduction in Hindi)

हलासन कैसे करना है? (How to do Halasana in Hindi?)

पीठ के बल लेट जायें, अब सांस अन्दर भरते हुए धीरे-धीरे पैरों को उठायें। पहले 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री, फिर 90 डिग्री तक उठाने के बाद, पैरों को सिर के पीछे की ओर, और पीठ को भी ऊपर उठाते हुए सांस बाहर निकालते हुए ले जाएं।

पैरों को सिर के पीछे भूमि पर टिका दें। सांस की गति सामान्य रहेगी। शुरुआत में हाथों को सुविधा के अनुसार कमर के पीछे लगा सकते हैं। इस स्थिति में हाथ भूमि पर ही रखें। इस स्थिति में 30 सेकण्ड रहें।

वापस आते समय जिस क्रम से ऊपर आये थे, उसी क्रम से भूमि को हथेलियों से दबाते हुए पैरों को घुटनों से सीधा रखते हुए भूमि पर टिकाएं।

हलासन से लाभ (Benefits of Halasana in Hindi)

  • मेरुदण्ड को स्वस्थ, एवं लचीला बनाकर, पीछे के भाग की मांसपेशियों को भी निरोग (yoga to reduce back fat) बनाता है।
  • थायरॉयड ग्रन्थि को चुस्त करके मोटापा, बौनापन, एवं दुर्बलता आदि को दूर करता है।
  • अपच, गैस, कब्ज, तिल्ली, एवं लिवर वृद्धि, तथा हृदय रोग में लाभकारी है।
  • अग्न्याशय को सक्रिय कर डायबिटीज को दूर करता है।
  • माहवारी में दर्द आदि स्त्री रोगों में भी यह आसन उपयोगी है।

हलासन करते समय सावधानियां (Instructions for Halasana in Hindi)

  • अधिक बढ़ी हुई तिल्ली, एवं लिवर की स्थिति में यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप, सर्वाइकल स्पॉण्डलाइटिस आदि मेरुदण्ड के रोगी भी इसे नहीं करें।
  • स्लिप डिस्क, तथा मेरुदण्ड में टी.बी. आदि विकार होने पर भी यह आसन ना करें।

नौकासन से मधुमेह और मोटापा पर नियंत्रण (Naukasana for Diabetes and Obesity in Hindi)

नौकासन कैसे करना है? (How to do Naukasana in Hindi?)

दोनों हाथों को जांघों के ऊपर रखकर सीधे लेटें। अब सांस अन्दर भरते हुए पहले सिर, एवं कन्धों को ऊपर, फिर पैरों को भी ऊपर उठायें। हाथ, पैर, एवं सिर समानान्तर नाव की तरह उठे हुए हों।

इस स्थिति में कुछ समय रुककर धीरे-धीरे हाथ-पैर, एवं सिर को भूमि पर सांस बाहर निकालते हुए ले आयें। इस प्रकार 3 से 6 बार कर सकते हैं। इस आसन का प्रतियोगी आसन धनुरासन है, यानि नौकासन के बाद धनुरासन करना चाहिए।

नौकासन से लाभ (Benefits of Naukasana in Hindi)

  • इसके भी लाभ उत्तानपादासन के समान हैं।
  • हृदय एवं फेफड़े भी प्राणवायु के प्रवेश से सबल बनते हैं।
  • अत्र (आंत), आमाशय, अग्न्याशय एवं लिवर आदि को स्वस्थ बनाता है।

पवनमुक्तासन से करें मधुमेह और मोटापे को कंट्रोल (Pavanamuktasana : Yoga for Diabetes and Fat Reduction in Hindi)

और पढ़ेंमधुमेह में विधारा के फायदे

पवनमुक्तासन-1 कैसे करना है? (How to do Pavanamuktasana-1 in Hindi?)

सीधे लेटें, और दायें पैर के घुटने को छाती के पास लायें। दोनों हाथों की अंगुलियां आपस में फंसाकर घुटनों पर रखें। सांस बाहर निकालते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगायें, एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नाक का स्पर्श करें।

कुछ देर करीब 10 से 30 सैकेण्ड तक सांस को स्वाभाविक स्थिति में रखकर, या बाहर रोककर, फिर पैर को सीधा कर दें। इसी प्रकार दूसरे पैर से भी इसी क्रिया को करना, ‘पवनमुक्तासन-1’ कहलाता है।

पवनमुक्तासन-2 कैसे करना है? (How to do Pavanamuktasana-2 in Hindi?)

पहले की तरह ही आगे बढ़ाते हुए, अब दूसरी स्थिति में दोनों पैरों को एक साथ, परस्पर समकोण मिलाएं (पंजे तने हुए हों), या 90 डिग्री (900) तक उठायें। फिर घुटने मोड़कर घुटनों को छाती के पास रखें।

दोनों हाथों से, दोनों घुटनों को पकड़कर छाती को दबायें, और सिर उठाकर नासिका को घुटनों से लगायें। सांस को बाहर रोककर रखें, अथवा स्वाभाविक रूप से सांस लें। यह ‘पवनमुक्तासन-2’ कहलाता है। इस क्रियाविधि को एक बार में 3 से 5 बार कर सकते हैं।

पवनमुक्तासन से फायदा (Benefits of Pavanamuktasana in Hindi)

  • पेट, वायु विकार के लिए यह बहुत ही उत्तम है। स्त्री रोग, जैसे- माहवारी में दर्द, अनियमित माहवारी, एवं गर्भाशय सम्बन्धी रोगों के लिए बहुत लाभप्रद है।
  • एसीडिटी, हृदय रोग, गठिया, एवं कटिपीड़ा में हितकारी है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी को कम (yoga for diabetes patients)  करता है।

पवनमुक्तासन 1 और 2 के लिए सावधानियां (Instructions for Pavanamuktasana 1 and 2 in Hindi)

यदि कमर में अधिक दर्द हो, तो सिर उठाकर घुटने से नासिका ना लगायें। केवल पैरों को दबाकर छाती से स्पर्श करें। ऐसा करने से स्लिप डिस्क, सियाटिका एवं कमर-दर्द में पर्याप्त लाभ मिलता है।

मधुमेह और मोटापे  का उपाय कन्धरासन/सेतुबन्धासन(Kandharasana/Setu Bandhasana for Diabetes and Obesity in Hindi)

कन्धरासन/सेतुबन्धासन कैसे करना है? (How to Do Kandharasana/Setu Bandhasana in Hindi?)

सीधे लेटकर दोनों घुटनों को मोड़कर पैरों को नितम्ब के समीप रखें।

हाथों से पैर की एड़ी के ऊपरी हिस्से को पकड़ें।

सांस अन्दर भरकर कमर, एवं नितम्बों को उठायें। कन्धे, सिर, एवं एड़ियां भूमि पर टिके रहें। इस स्थिति में 15 से 20 सेकण्ड तक रुकें।

वापस आते समय सांसों को छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर को भूमि पर टिकायें। इस प्रकार 3 से 4 बार करें।

कन्धरासन/सेतुबन्धासन से फायदा (Benefits of Kandharasana/Setu Bandhasana in Hindi)

  • नाभि को केन्द्रित रखने के लिए सर्वोत्तम आसन है।
  • पेट-दर्द, और कमर-दर्द में उपयोगी है।
  • गर्भाशय के लिए विशेष लाभप्रद आसन है।
  • नपुसंकता, मासिक धर्म विकृति, ल्यूकोरिया, रक्त विकार एवं पुरुषों के धातुरोगों को दूर करता है।

मधुमेह और मोटापा में उपयोगी योगमुद्रासन (Yogamudrasan Yoga for Diabetes and Fat Reduction in Hindi)

योगमुद्रासन-1 कैसे करना है? (How to do Yogamudrasan-1 in Hindi?)

पद्मासन में बैठकर दायें हाथ की हथेली को पहले नाभि पर रखें, और बायें हाथ की हथेली दायें हाथ पर रखें। इसके बाद, सांस बाहर निकालते हुए, आगे झुककर ठोढ़ी भूमि पर टिकायें। सामने देखते रहें।

सांस अन्दर भरते हुए वापस आयें। इस तरह 4-5 बार करें।

योगमुद्रासन से लाभ (Benefits of Yogamudrasan in Hindi)

  • पेट के लिए उत्तम होता है।
  • जठराग्नि को प्रदीप्त करता है, तथा गैस, अपच, कब्ज आदि की समस्या दूर करता है।
  • पेक्रियाज (अग्नाश्य) को क्रियाशील करके, मधुमेह को नियंत्रित करने में अत्यधिक लाभकारी है।

योगमुद्रासन-2 कैसे करना है? (How to do Yogamudrasan-2 Hindi?)

पद्मासन में बैठकर, दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर दायें हाथ से बायें हाथ की कलाई को पकड़ें। सांस बाहर छोड़ते हुए, भूमि पर ठोड़ी स्पर्श करें। नजर सामने रहे। ठोढ़ी यदि भूमि पर नहीं लगती है, तो जितना हो सके सामने झुकें।

योगमुद्रासन से लाभ (Benefits of Yogamudrasan in Hindi )

इसमें योगमुद्रासन 1 की तरह ही लाभ होता है

मत्स्यासन से पाएं मधुमेह और मोटापे पर नियंत्रण में मदद (Matsyasana for Diabetes and Obesity in Hindi)

मत्स्यासन कैसे करना है? (How to do Matsyasana in Hindi?)

पद्मासन की स्थिति में बैठकर, हाथों से सहारा लेते हुए, पीछे कोहनियां टिकाकर लेट जायें।

हथेलियों को कन्धे से पीछे टेककर, उनसे सहारा लेते हुए ग्रीवा को जितना पीछे मोड़ सकते हैं, मोड़ें। पीठ और छाती ऊपर उठी हुई, तथा घुटने भूमि पर टिके हुए हों।

हाथों से पैर के अंगूठे पकड़कर कोहनियों को भूमि पर टिकायें। सांस अन्दर भरकर रखें।

आसन छोड़ते समय, जिस स्थिति में शुरू किया था, उसी स्थिति में वापस आयें, या कन्धे, एवं सिर को भूमि पर टिकाते हुए, पैरों को सीधा करके शवासन में लेट जायें।

यह सर्वांगासन का प्रतियोगी आसन है, इसलिए इसे सर्वांगासन के बाद करना चाहिए।

मत्स्यासन से लाभ (Benefits of Matsyasana in Hindi)

  • पेट के लिए उत्तम आसन है। आंतों को सक्रिय करके कब्ज को दूर करता है।
  • थायरॉयड, पैराथायरॉयड, एवं एड्रिनल ग्लैण्ड को स्वस्थ बनाता है।
  • सर्वाइकल पेन, या ग्रीवा की पीछे की हड्डी बढ़ी हुई होने पर लाभदायक है।
  • नाभि टलना दूर होता है। फेफड़ों के रोगों- दमा-सांसों के विकार आदि ठीक करता है।

शशकासन से करें मधुमेह पर नियंत्रण और मोटापे का उपचार (Sasakasana for Diabetes and Obesity in Hindi)

शशकासन कैसे करना है? (How to do Sasakasana in Hindi?)

वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर उठायें। आगे झुकते हुए सांस बाहर छोड़ते हुए, एवं हाथों को आगे फैलाएं, और हथेलियां नीचे की ओर रखते हुए कोहनियों तक हाथों को भूमि पर टिका दें।

सिर भी भूमि पर टिका हुआ हो। कुछ समय इस स्थिति में रहकर पुनः वज्रासन में आ जायें। इसको ‘शशकासन’ कहते हैं।

शशकासन से लाभ (Benefits of Sasakasana in Hindi)

  • शशकासन आंत, लिवर, अग्न्याशय, एवं किडनी को ऊर्जा प्रदान करता है।
  • स्त्रियों के गर्भाशय को स्वस्थ बनाता है।
  • पेट, कमर एवं कूल्हों की चर्बी कम (yoga for diabetes patients) करता है।
  • मानसिक तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आदि को दूर करके मानसिक शान्ति प्रदान करता है।
  • दमा, व हृदय रोगियों के लिए विशेष लाभप्रद है।

शशकासन के लिए विशेष निर्देश (Instructions of Sasakasana in Hindi)

नीचे झुकते हुए यह ध्यान दें, कि नितम्ब एड़ियों से ही लगे रहें, अर्थात् नितम्बों को ना उठायें।

मण्डूकासन से पाएं मधुमेह और मोटापे पर नियंत्रण (Mandukasan for Diabetes and Obesity in Hindi)

मण्डूकासन-1 कैसे करना है? (How to do Mandukasan-1 in Hindi?)

वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों की मुट्ठी बन्द करते हुए (मुट्ठी बन्द करते समय अंगूठे को अंगुलियों से दबायें), दोनों मुट्ठियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर, सांस बाहर छोड़ते हुए, सामने की ओर झुकते हुए देखें।

थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस वज्रासन में आ जायें। इस प्रकार तीन से पांच बार करें। यह क्रिया मण्डूकासन (प्रथम) कहलाती है।

मण्डूकासन से लाभ (Benefits of Mandukasan in Hindi)

  • अग्न्याशय (पैंक्रियाज) को सही करके इन्सुलिन की मात्रा को सन्तुलित करते हुए डायबिटीज को दूर करने में सहायक है।
  • मोटापे एवं पेट से सम्बद्ध रोगों-कब्ज, एसिडिटी (अम्लपित्त) में उपयोगी है।
  • यह हृदय के लिए भी लाभप्रद है।

मण्डूकासन-2 कैसे करना है? (How to do Mandukasan-2 in Hindi?)

वज्रासन में बैठकर नाभि पर बायें हाथ की हथेली पर, दायें हाथ की हथेली को रखते हुए, पेट को अन्दर दबायें।

सांस को बाहर निकालते हुए पहले की तरह (मण्डूकासन-1) धीरे-धीरे नीचे झुककर, नजर सामने रखें। यह मण्डूकासन-2 कहलाता है।

मण्डूकासन से लाभ (Benefits of Mandukasan in Hindi)

इससे भी मंडूकासन 1 की तरह ही लाभ मिलता है।

पश्चिमोत्तानासन से मधुमेह पर नियंत्रण, और मोटापा कम (Paschimottanasana for Diabetes and Obesity in Hindi)

पश्चिमोत्तानासन कैसे करना है? (How to do Paschimottanasana in Hindi?)

दण्डासन में बैठकर दोनों हाथों के अंगुष्ठों, एवं तर्जनी की सहायता से पैरों के अंगूठों को पकड़ें।

सांस बाहर निकालकर, सामने झुकते हुए सिर को घुटनों के बीच लगाने की कोशिश करें। पेट को उड्डीयान बन्ध की स्थिति में रख सकते हैं।

घुटने-पैर सीधे भूमि पर लगे हुए, तथा कोहनियां भी भूमि पर टिकी हुई हों। इस स्थिति में शक्ति के अनुसार,आधे से तीन मिनट तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जायें।

पश्चिमोत्तानासन से लाभ (Benefits of Paschimottanasana in Hindi)

  • शरीर के पीछे की सभी मांसपेशियों को स्वस्थ (yoga for diabetes patients)  बनाता है। पेट की पेशियों में संकुचन होता है। इससे स्वास्थ्य सुधरता है।
  • ‘हठयोगप्रदीपिका’ के अनुसार, यह आसन प्राणों को सुषुम्णा की ओर उन्मुख करता है, जिससे कुण्डलिनी-जागरण में सहायता मिलती है।

पश्चिमोत्तानासन के लिए विशेष निर्देश (Instructions for Paschimottanasana in Hindi)

इस आसन के बाद इसके प्रतियोगी आसन भुजङ्गासन, एवं शलभासन करने चाहिए।

वक्रासन से करें मधुमेह पर नियंत्रण, और मोटापा कम (Vakrasana Yoga for Diabetes and fat reduction in Hindi)

वक्रासन कैसे करना है? (How to do Vakrasana in Hindi?)

दण्डासन में बैठकर दायां, और बायां पैर मोड़ लें, और बायीं जांघ के पास घुटने से सटाकर (घुटने के ऊपर से दूसरी ओर भी रख सकते हैं) रखें। इसमें बायां पैर सीधा रहेगा। बायें हाथ को दायें पैर, एवं पेट के बीच से लाकर दायें पैर के पंजे के पास टिका दें।

दायें हाथ को कमर के पीछे, भूमि पर सीधा रखकर, गर्दन को घुमाकर दायीं ओर कन्धे के ऊपर से मोड़कर पीछे देखें। इसी प्रकार दूसरी ओर से भी अभ्यास करना ‘वक्रासन’ कहलाता है। इसे 4 से 6 बार कर सकते हैं।

वक्रासन से लाभ (Benefits of Vakrasana in Hindi)

  • कमर व कूल्हों की चर्बी को कम (yoga for slim waist) करता है।
  • मधुमेह, लिवर, तिल्ली के लिए विशेष लाभप्रद है।
  • कमर-दर्द के लिए उपयोगी आसन है।

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन से पाएं मोटापा घटाएं, और करें मधुमेह को कंट्रोल (Ardha Matsyendrāsana for Diabetes and Obesity in Hindi)

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन कैसे करना है? (How to do Ardha Matsyendrāsana in Hindi?)

दण्डासन में बैठकर बायें पैर को मोड़कर, एड़ी को नितम्ब के पास लगायें।

दायें पैर को बायें पैर के घुटने के पास, बाहर की ओर भूमि पर रखें।

बायें हाथ को दायें घुटने के पास, बाहर की ओर सीधा रखते हुए, दायें पैर के पंजे को पकड़ें।

दायें हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर पीछे की ओर देखें। इसी प्रकार दूसरी ओर से इस आसन को करें।

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन से लाभ (Benefits of Ardha Matsyendrāsana in Hindi)

  • मधुमेह एवं कमर-दर्द में लाभकारी है।
  • शरीर के पीछे के अंगों की सभी नस-नाड़ियों में (जो मेरुदण्ड के इर्द-गिर्द फैली हुई हैं) में रक्त-संचार को सुचारु रखता है।
  • पेट-विकारों को दूर कर आंतों को बल प्रदान करता है।

मधुमेह और मोटापा के लिए उपयोगी है गोमुखासन (Gomukhasana Yoga for Diabetes and Fat Reduction in Hindi)

गोमुखासन कैसे करना है? (How to Do Gomukhasana in Hindi?)

दण्डासन में बैठकर, बायें पैर को मोड़कर, एड़ी को दायें नितम्ब के पास रखें, अथवा एड़ी पर बैठ भी सकते हैं। दायें पैर को मोड़कर बायें पैर के ऊपर इस प्रकार रखें, कि दोनों घुटने एक दूसरे से स्पर्श करते हुए हों।

अब जो पैर ऊपर है, उसी हाथ को ऊपर से, एवं नीचे वाले पैर की ओर के हाथ को पीछे कमर की ओर से ले जाकर, आपस में अंगुलियां फंसाकर खींचें।

कोहनियां, गर्दन, और सिर सीधे रहेंगे। एक ओर से करने के बाद पुनः दूसरी ओर से भी कर लें। इस सम्पूर्ण क्रिया को ‘गोमुखासन’ कहते हैं।

गोमुखासन से लाभ (Benefits of Gomukhasana in Hindi)

  • हाइड्रोसिल (अण्डकोष वृद्धि), एवं यौन-रोगों में विशेष लाभप्रद है।
  • स्त्री-रोगों, गठिया में उपयोगी है।
  • लीवर, किडनी, एवं छाती को स्वस्थ बनाता है।

अगर आप मधुमेह (डायबिटीज) और मोटापा से परेशान (yoga for diabetes patients)  हैं, तो योग द्वारा पर इन पर नियंत्रण पा सकते हैं।

और पढ़ें –

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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