वानस्पतिक नाम : Viola odorata Linn.
(वायोला ओडोरेटा)
Syn-Viola hirta Linn.
कुल : Violaceae (वायोलेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Wild violet (वाइल्ड वॉयलेट)
संस्कृत-वनप्सा, सूक्ष्मपत्रा, नीलपुष्पा, ज्वरापहा; हिन्दी-वनफ्शा, बाग बनोसा, बनफ्सा; उर्दू-बनफ्शाह (Banafshah); गुजराती-बनफ्सा (Banaphsa); तमिल-बथिलट्ट (Bathilatt), वायीलेट्टू (Vayilettu); नेपाली-घट्टेघांस (Ghattegans); बंगाली-बनोषा (Banosha), बनोसा (Banosa); मराठी-वायीलेट्टु (Vayilettu)।
अंग्रेजी-इंग्लिश वॉयलेट (English violet), स्वीट वॉयलेट (Sweet violet), वॉयलेट टी (Violet tea); अरबी-बनफ साग (Banaf sag); फारसी-वनफ्शाह (Banafshah)।
परिचय
यह भारत में जम्मू-कश्मीर, उष्णकटिबंधीय पश्चिमी हिमालय में लगभग 1500-1800 मी की ऊँचाई पर तथा अन्य पहाड़ी क्षेत्रों जैसे पश्चिम बंगाल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडू में पाया जाता है। निघण्टु आदि आयुर्वेदीय-ग्रन्थों में इसका विशेष उल्लेख प्राप्त नहीं होता, फिर भी इसके पञ्चाङ्ग विशेषतया पुष्प का प्रयोग औषधि कार्य हेतु किया जाता है। इसके पुष्प पीत, श्वेत, नील, बैंगनी अथवा गुलाबी वर्ण के होते हैं। इसकी मूल कुछ मोटी, टेढ़ी, गांठदार तथा पीली या गुलाबी आभायुक्त होती है। जड़ का स्वाद कषाय तथा चरपरा होता है।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
वनप्सा कटु, तिक्त, उष्ण, लघु, स्निग्ध, वातपित्तशामक, कफनिस्सारक, त्वचा के लिए हितकर, सारक तथा बलकारक होता है।
यह शीत ज्वर, कास तथा श्वास में लाभप्रद है।
इसका प्रकन्द शुष्क प्रतिश्याय, लघु संधियों में उत्पन्न आमवात, ज्वर, त्वक्-विकार, मुख की श्लैष्मिककलाजन्य शोथ, स्नायुविकार, शिरशूल एवं अनिद्रा में लाभप्रद होता है।
इसका पञ्चाङ्ग जूँ-नाशक, जीवाणुरोधी, शोथहर, कवकरोधी, ज्वरघ्न, पूयरोधी, उद्वेष्टरोधी, कासहर, मृदुविरेचक, केंद्रीय तंत्रिकातंत्र अवसादक, वेदनाशामक, शोधक, स्वेदक, मूत्रल, वामक, मृदुकारी, कफनिसारक, निद्राकारक, अल्परक्तदाबकारक तथा पेशी शैथिल्यकर है।
इसकी मूल विरेचक, ज्वरघ्न, बलकारक, कफनिसारक, मूत्रल, शोथहर तथा वामक होती है।
इसके पुष्प मृदुकारी तथा वेदनाशामक होते हैं।
इसके पुष्पों से प्राप्त वाष्पशील तैल सूक्ष्मजीवीनाशक, निद्राकर तथा शामक होता है।
यह कवकरोधी एवं जीवाणुनाशक-क्रियाशीलता प्रदर्शित करता है।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग :पुष्प तथा पत्र।
मात्रा :क्वाथ 10-30 मिली। फाण्ट 15-20 मिली या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
विशेष :वनफ्सा का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग करने पर बेचैनी होती है तथा उलटी आने लगती है।
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