Contents
- 1 उलटकंबल का परिचय (Introduction of Ulatkambal)
- 2 उलटकंबल क्या है? (What is Ulatkambal in Hindi)
- 3 अन्य भाषाओं में उलटकंबल के नाम (Names of Ulatkambal in Different Languages)
- 4 उलटकंबल का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Ulatkambal in Hindi)
- 4.1 उलटकंबल के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Ulatkambal in Hindi)
- 4.2 सिरदर्द से आराम दिलाने में फायदेमंद उलटकंबल ( Ulatkambal Beneficial in Headache in Hindi)
- 4.3 लंग्स के सूजन से राहत दिलाने में लाभकारी उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to Get Relief from Lungs Disorder in Hindi)
- 4.4 प्रमेह के इलाज में उपयोगी उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to control Diabetes in Hindi)
- 4.5 मासिक धर्म या पीरियड्स संबंधी समस्याओं में फायदेमंद उलटकंबल (Ulatkambal Beneficial to Treat Periods in Hindi)
- 4.6 सूजाक या पूयमेह के इलाज में फायदेमंद उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to Treat Gonorrhoea in Hindi)
- 4.7 आमवात या अर्थराइटिस के दर्द से दिलाये राहत उलटकंबल (Ultakambal Beneficial to Get Relief from Rheumatoid Arthritis in Hindi)
- 4.8 रोमकूप में होने वाले सूजन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ultakambal Beneficial to Treat Inflammed Pores of Skin in Hindi)
- 5 उलटकंबल का उपयोगी भाग (Useful Parts of Ulatkambal)
- 6 उलटकंबल का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Ulatkambal in Hindi)
- 7 उलटकंबल का पेड़ कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Ulatkambal Found or Grown in Hindi)
उलटकंबल का परिचय (Introduction of Ulatkambal)
उलटकंबल एक प्रकार का वनस्पति होता है जिसके औषधीय लाभ के बारे में जितना बोलेंगे उतना कम होगा। उलटकंबल के फल काले रंग के होते हैं। शायद आप सोच रहे होंगे कि, इस वनस्पति का ऐसा अजीब नाम क्यों है। इसके फूल पीले, बैंगनी अथवा गहरे लाल रंग के होते हैं। जब फूल परिपक्व हो जाते हैं, पुष्पकोष से अलग होकर फूल जब जमीन पर गिर जाते हैं, तब पुष्पकोष उलट कर आकाश की ओर मुड़ जाता है, इसलिए इसे उलट कंबल कहते हैं।
उलटकंबल क्या है? (What is Ulatkambal in Hindi)
उलटकंबल के फल कटे हुए आधे कमरख की तरह पांच कोश का तथा पांच खंड के होते हैं। फलकोष की प्रत्येक धार पर जाली के भीतर महीन रोम जैसी चमकदार रूई होती है, जिसको स्पर्श करने पर त्वचा में जलन-सी होती है। इस फल में रोमों के बीच दो कतारों में काले और पीले रंग के वन तुलसी या मूली के समान अनेक बीज भरे रहते हैं। जड़ की छाल भूरे रंग की होती है तथा अन्दर के भाग में सफेद गूदा भरा रहता है। जड़ों को काटने से एक गाढ़ा गोंद-सा निकलता है।
अन्य भाषाओं में उलटकंबल के नाम (Names of Ulatkambal in Different Languages)
उलटकंबल का वानास्पतिक नाम Abroma augusta (L.) Linn.f. (ऐब्रोमा ऑगस्टा) Syn-Abroma alata Blanco है। इसका कुल Sterculiaceae (स्टरक्यूलिएसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Devil’s cotton (डेविल्स कॉटन) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि उलटकंबल और किन-किन नामों से जाना जाता है।
Sanskrit-पिशाचकार्पास;
Hindi-उलटकम्बल;
Urdu-ओलटकम्बोल (Olatkambol);
Odia-पिसाचोगानजई (Pisachogonjai);
Assamese-गुनाखीअकाराई (Gunakhiakarai);
Kannada-दिव्वाहती (Divvahatti);
Gujrati-उलटकम्बल (Ulatkambal), उतुमती (Utumati);
Tamil-सिवाप्पुट्टुटटी (Sivapputtutti);
Bengali-उलटकम्बल (Ulatkambal), ओलाटकम्बोल (Olatkambol);
Nepali-सानुकापासी (Sanukapasi), सानु कपासे (Sanu kapase)।
English-इण्डियन हेम्प (Indian hemp), कॉटन एब्रोमा (Cotton abroma);
Arbi-एब्रोमाह (Abromah)।
उलटकंबल का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Ulatkambal in Hindi)
उलटकम्बल प्रकृति से कड़वा होता है। यह योनिरोग, गर्भाशय संबंधी रोग, प्रदर, पेट दर्द, अर्श या पाइल्स तथा आध्मान या पेट संबंधी समस्याओं में फायदेमंद होता है। यह मासिकधर्म की गड़बड़ी से उत्पन्न बांझपन को दूर करने में भी मदद करता है।
उलटकंबल की छाल गर्भाशय को बल प्रदान करने वाली तथा गर्भाशय शोधक होती है। इसकी जड़ गर्भस्राव से राहत दिलाने वाली तथा स्तम्भक होती है। इसके पत्ते प्रशामक होते हैं।
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उलटकंबल के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Ulatkambal in Hindi)
उलटकंबल मूल रूप से यौन रोग और महिलाओं के गर्भाशय संबंधी रोग के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा उलटकंबल औषधी के रूप में कौन-कौन से बीमारियों के लिए फायदेमंद है,चलिये इसके बारे में आगे जानते हैं-
सिरदर्द से आराम दिलाने में फायदेमंद उलटकंबल ( Ulatkambal Beneficial in Headache in Hindi)
सिर में दर्द होना एक आम समस्या है। उलटकंबल का ऐसे इस्तेमाल करने पर सिरदर्द के परेशानी से जल्दी आराम मिल जाता है। उलटकंबल के पत्तों को पीसकर लगाने से दर्द से जल्दी राहत मिलती है।
लंग्स के सूजन से राहत दिलाने में लाभकारी उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to Get Relief from Lungs Disorder in Hindi)
उलटकंबल का औषधीय गुण गले के दर्द और फूफ्फूस के सूजन को कम करने में जल्दी काम करता है। उलटकंबल जड़ के रस को पीने से लाभ मिलता है।
प्रमेह के इलाज में उपयोगी उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to control Diabetes in Hindi)
उलटकंबल के पत्ते का काढ़ा पीने से मधुमेह रोग के लक्षणों को नियंत्रित कर पाने में सहायता मिलती है।
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मासिक धर्म या पीरियड्स संबंधी समस्याओं में फायदेमंद उलटकंबल (Ulatkambal Beneficial to Treat Periods in Hindi)
मासिक धर्म संबंधी विभिन्न समस्याओं में उलटकंबल बहुत काम आता है। इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं कि ये कैसे और किन-किन समस्याओं के इलाज में औषधि के रूप में काम करता है।
-उलटकंबल जड़ के छाल का स्वरस बनाकर 2 मिली की मात्रा में कुछ समय तक नियमित सेवन से मासिक-धर्म के समय होने वाली दर्द से राहत मिलती है।
-उलटकंबल की 1 किलो जड़ को कुट कर 4 ली जल में पकाएं, 1 ली शेष रहने पर इसमें 115 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण और सवा किलो गुड़ मिलाकर, चीनी मिट्टी के पात्र में बन्दकर, धान्य राशि यानि चावल में कुछ दिनों के लिए दबा दें; फिर निकालकर, छानकर बोतलों में भर लें। इसको 10-25 मिली मात्रा में लेकर, समान मात्रा में जल मिलाकर मासिकधर्म के 1 सप्ताह पहले से, मासिकधर्म होने तक सुबह-शाम सेवन करें। इसके प्रयोग से मासिक-विकारों से राहत मिलती है।
–अनियमित मासिकधर्म के साथ ही जांघ और कमर में विशेष पीड़ा हो तो 5 मिली जड़ के स्वरस या 1-2 ग्राम जड़ के चूर्ण में शक्कर या शहद मिलाकर सेवन करने से दो दिन में ही लाभ हो जाता है।
-उलटकंबल की 50 ग्राम सूखी छाल को यवकुट कर 625 मिली पानी में पकाकर, काढ़ा तैयार कर, 10-20 मिली मात्रा में दिन में तीन बार देने से कुछ ही दिनों में मासिकधर्म उचित समय पर होने लग जाता है। इसको एक सप्ताह पूर्व शुरू कर ऋतुस्राव यानि पीरियड्स आरम्भ होने तक देना चाहिए।
-4 ग्राम उलटकंबल जड़ के छाल के चूर्ण तथा 7 नग काली मिर्च को जल के साथ पीसकर मासिकधर्म के समय 7 दिन तक सेवन करने (2-4 मास तक यह प्रयोग करने) से गर्भाशय के सब दोष मिट जाते हैं, यह प्रदर और बन्धयत्व की सर्वश्रेष्ठ औषधि है। आहार यानि भोजन में केवल दूध भात लें।
सूजाक या पूयमेह के इलाज में फायदेमंद उलटकंबल (Benefit of Ulatkambal to Treat Gonorrhoea in Hindi)
सूजाक या गोनोरिया एक यौन संचारित रोग होता है। उलटकंबल के ताजे पत्ते और तने की छाल को समान मात्रा में लेकर फाण्ट बनाकर प्रयोग करने से सूजाक में लाभ होता है। इसके अलावा 5 मिली उलटकंबल के पत्ते एवं तने के स्वरस का सेवन करने से पूयमेह में लाभ होता है।
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आमवात या अर्थराइटिस के दर्द से दिलाये राहत उलटकंबल (Ultakambal Beneficial to Get Relief from Rheumatoid Arthritis in Hindi)
आजकल किसी भी उम्र में अर्थराइटिस की समस्या हो जाती है, इससे राहत पाने के लिए उलटकंबल के पत्ते का काढ़ा बनाकर परिसिंचन तथा बफारा या भाप लेने से आमवात या अर्थराइटिस में लाभ होता है।
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रोमकूप में होने वाले सूजन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ultakambal Beneficial to Treat Inflammed Pores of Skin in Hindi)
उलटकंबल के जड़ को पीसकर लगाने से रोमकूप के सूजन तथा प्रमेह पिड़का यानि त्वचा में मुँहासा या दाना जैसा होने पर उस पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाता है।
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उलटकंबल का उपयोगी भाग (Useful Parts of Ulatkambal)
आयुर्वेद के अनुसार उलटकंबल के औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-
-पत्ता,
-तना,
-जड़ एवं
-छाल
उलटकंबल का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Ulatkambal in Hindi)
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए उलटकंबल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 10-20 मिली काढ़ा या क्वाथ ले सकते हैं।
उलटकंबल का पेड़ कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Ulatkambal Found or Grown in Hindi)
भारत के सभी गर्म एवं आर्द्र भागों में इसका झाड़ पाया जाता है। इसके सुन्दर, आकर्षक और लाल रंग पुष्पों के लिए इसे बाग बगीचों और घरों में भी लगाते हैं। इस पर वर्षाऋतु में फूल आते हैं तथा शरद्-ऋतु में यह फलों से भर जाता है।