वानस्पतिक नाम : Lepidium virginicum Linn. (लेपिडियम वर्जिनिकम) Syn-Lepidium iberis Linn.
कुल : Brassicaceae (ब्रेसीकेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Pepper grass (पैपर ग्रास)
हिन्दी-तोदरी, सफेद तोदरी; उर्दू-तुदरी (Tudri)।
अंग्रजी-पेपरवीड (Pepperweed); अरबी-तुदारंज (Toodharanj), तुधारी (Toodharee); फारसी-तोदरी (Todaree)।
परिचय
यह विश्व में दक्षिण यूरोप से साईबेरिया तक तथा ईरान में प्राप्त होता है। भारत में मुख्यत हिमालय एवं पंजाब में प्राप्त होता है। श्वेत, लाल और पीले बीजों के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में श्रेष्ठ मानी जाती है।
यह 30 सेमी ऊँचा, लघु आकारीय कंटक-युक्त, वर्षायु शाकीय पौधा होता है। इसके पत्र लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके पुष्प उभयलिंगी, छोटे, श्वेत वर्ण के सहपत्र रहित, बाह्यदल 0.7-1 मिमी लम्बे, दल 1-1.5 मिमी लम्बे होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने के सदृश, किन्तु बहुत छोटे तथा चपटे, 2.5-3.5 मिमी लम्बे, शीर्ष पर पक्षयुक्त होते हैं। बीजों को पानी में भिगाने से लुआब उत्पन्न होता है। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसका पुष्पकाल अप्रैल से अगस्त तक होता है।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
तोदरी कटु, उष्ण, गुरु, पिच्छिल, सर तथा कफवातशामक होती है।
यह कास, श्वास, दौर्बल्य तथा मूत्रकृच्छ्र में लाभप्रद है।
यह मूत्रल, मृदु, उत्तेजक, स्तम्भक, कफनिसारक, रक्तिमाकर, आमवातशामक तथा अत्यार्तव शामक होती है।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग :पत्र, बीज तथा पुष्प।
मात्रा :3-6 ग्राम या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
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