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Tinish: सेहत के लिए कमाल का है तिनिश- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

तिनिश के पौधे को कई लोग कालापलाश के नाम से भी जानते हैं. त्वचा रोगों और डायबिटीज समेत अन्य कई समस्याओं के इलाज में तिनिश बहुत फायदेमंद है. आयुर्वेद में भी तिनिश के कई औषधीय गुणों का जिक्र मिलता है. इसमें कफ-पित्त को कम करने वाले और पाचक अग्नि को बढ़ाने वाले गुण होते हैं. इस लेख में हम आपको तिनिश के फायदे, औषधीय गुणों और उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. 

 

Contents

तिनिश क्या है? (What is Tinish?)

आमतौर पर 6-12 मी ऊंचाई वाला तिनिश का पौधा साल भर हरी पत्तियों से ढका रहता है. इसका तना, आकर में गोल और गहरे भूरे रंग का होता है जिसमें गहरी दरारें होती हैं. इसके तने में छेद करने से गोंद निकलता है जिसे सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी बताया गया है. तिनिश का फूल सफ़ेद और गुलाबी रंग के होते हैं और पतझड़ के मौसम के बाद पूरा पेड़ फूलों से लदा हुआ बहुत ही आकर्षक लगता है. 

 

अन्य भाषाओं में तिनिश के नाम (Name of Tinish in Different Languages)

तिनिश का वानस्पतिक नाम Ougeinia oojeinensis (Roxb.) Hochr. (ओऊजीनिया उज्जैनेनसिस) Syn-Ougeinia dalbergioides Benth., Desmodium oojeinense (Roxb.) H.Ohashi है. यह Fabaceae (फैबेसी) कुल का पौधा है. आइये जानते हैं कि अन्य भाषाओं में इसे किन नामों से जाना जाता है. 

Sandan in : 

  • Sanskrit : तिनिश, स्यन्दन, नेमी, रथद्रु, चित्रकृत, वञ्जुल
  • Hindi : सानन, पानन, तिनिस, कालापलाश, सन्दन
  • Udia : बांधेना (Bandhona)
  • Kannad : कुरी-मुतल (Kuri-mutal)
  • Gujrati : तेनेच (Tanach), तन्च (Tanch)
  • Tamil : नारीवेन्गई (Narivengai)
  • Telugu : तेल्लामोटुकु (Tellamotuku)
  • Bengali : तिनिश (Tinish)
  • Nepali : तिनिके (Tinikae)
  • Punjabi : सांदन (Sandan)
  • Malyalam : मालावेना (Malavenna)
  • Marathi : तीमास (Timas), कालाफूलास (Kalaphulas)

 

तिनिश के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Tinish)

तिनिश कषाय, कटु, उष्ण, लघु, रूक्ष, कफपित्तशामक, ग्राही और दाहकारक होता है। यह मेदोरोग, कुष्ठ, प्रमेह, श्वित्र, कफविकार, दाह, व्रण, पाण्डु, कृमि, वातविकार और रक्तातिसार-नाशक होता है। इसकी त्वक् ज्वर, श्वित्र और कुष्ठ-शामक होती है।

 

तिनिश के फायदे एवं उपयोग (Benefits and Uses of Tinish Tree in Hindi)

पेट से जुड़े रोगों के अलावा तिनिश त्वचा संबंधी रोगों के इलाज में भी कारगर है. आइये आगे विस्तार से जानते हैं कि विभिन्न बीमारियों में तिनिश का उपयोग कैसे करना चाहिए. 

 

दस्त और पेचिश के इलाज में फायदेमंद है तिनिश (Uses of Tinish Beneficial in Diarrhoea in Hindi)

अगर आप दस्त या पेचिश (एमएल के साथ खून आने) की समस्या से परेशान हैं तो आप निम्न तरीकों से तिनिश का उपयोग कर सकते हैं. 

  • प्रियाल, सेमल, प्लक्ष, शल्लकी और तिनिश के (1-2 ग्राम) पेस्ट में बकरी का दूध और शहद मिलाकर सेवन करने से पेचिश में लाभ मिलता है। 
  • 2-3 ग्राम तिनिश की छाल के चूर्ण का सेवन करने से दस्त और पेचिश में लाभ होता है।
  • 1 ग्राम तिनिश गोंद का चूर्ण बनाकर खाने से दस्त में लाभ होता है।
  • तिनिश की गोंद (1 ग्राम) में बराबर मात्रा में सोंठ और मिश्री मिलाकर खाने से दस्त में में लाभ होता है।

 

पेशाब के दौरान दर्द की समस्या से राहत दिलाता है तिनिश (Tinish Helps to Relief from Pain during Urination in Hindi)

अगर आपको पेशाब करते समय दर्द महसूस होता है तो इस समस्या से निजात पाने के लिए आप तिनिश का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए 10-20 मिली तिनिश के काढ़े का सेवन करें। इससे पेशाब के दौरान दर्द की समस्या में लाभ मिलता है. 

 

डायबिटीज के नियंत्रण में लाभदायक है तिनिश (Benefits of Tinish for Diabetes in Hindi)

डायबिटीज के मरीजों के लिए तिनिश बहुत फायदेमंद है. इसके लिए आप तिनिश की छाल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे डायबिटीज में फायदा मिलता है. 

Diabetes

 

कुष्ठ रोग के इलाज में सहायक है तिनिश (Benefits of Tinish in Treatment of Leprosy in Hindi) 

तिनिश की छाल का काढ़ा बनाएं. उस काढ़े से नहाएं और प्रभावित जगह पर उसका लेप करें. इसके प्रयोग से कुष्ठ रोग में बहुत फायदा मिलता है। 

 

घाव को जल्दी ठीक करता है तिनिश (Tinish Helps in Healing Wound in Hindi)

त्वचा पर घाव होना एक आम समस्या है. अगर आपकी त्वचा पर भी कहीं घाव हुआ है तो तिनिश की छाल का काढ़ा बनाकर उस घाव को धोएं. इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

Wound Healing

खुजली से छुटकारा पाने के लिए करें तिनिश का उपयोग (Benefits of Tinish to get rid of Itching in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि खुजली दूर करने में तिनिश बहुत ही उपयोगी है. इसके लिए तिनिश की छाल का पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को खुजली  वाली जगह पर लगाएं. कुछ ही दिनों में खुजली ठीक हो जाती है।

 

टॉनिक की तरह काम करता है तिनिश ( Tinish Effective as Healthy Tonic in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार तिनिश में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो आपको लम्बे समय तक निरोग रखने में मदद करते हैं. इससे तैयार रसायन का उपयोग करने से शरीर स्वस्थ रहता है. इसके लिए एक साल तक 5 ग्राम तिनिश की छाल के पेस्ट या रस को दूध के साथ सुबह शाम पिएं या इसमें घी और शहद मिलाकर चाटें. इसके साथ में भोजन के रूप में दूध और चावल का सेवन करें.  

 

बुखार से आराम दिलाता है तिनिश (Benefits of Tinish for fever in Hindi)

अगर आप बुखार से परेशान हैं तो घरेलू इलाज के रूप में तिनिश का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए तिनिश की छाल का काढ़ा बनाएं और  5-10 मिली की मात्रा में इसका सेवन करें।

Fever

तिनिश के उपयोगी भाग (Useful parts of Tinish)

आयुर्वेद में तिनिश के निम्न भागों को सेहत के लिए उपयोगी बताया गया है. 

  • तने की छाल  
  • गोंद

 

तिनिश का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Tinish in Hindi?)

सामान्य रूप से तिनिश का इस्तेमाल नीचे बताई गई मात्रा के अनुसार करना चाहिए. 

  • छाल का चूर्ण :  1-2 ग्राम
  • गोंद : 1 ग्राम
  • काढ़ा : क्वाथ 10-20 मिली 

अगर आप किसी गंभीर बीमारी के घरेलू इलाज के लिए तिनिश का उपयोग करना चाहते हैं तो पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें. 

 

तिनिश का पौधा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Tinish Found or Grown in Hindi?)

तिनिश हिमालयी एवं उपहिमालयी भागों में जम्मू से भूटान तक 1500 मी की ऊँचाई पर पाया जाता है। उत्तरी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में यह उत्तराखण्ड में 1300 मी की ऊँचाई पर एवं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, दक्षिण की ओर कोंकण एवं दक्कन प्रायद्वीपीय भारत में पाया जाता है।