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Shankhpushpi Ke Fayde: शंखपुष्पी के ज़बरदस्त फायदे

Contents

शंखपुष्पी का परिचय (Introduction of Shankhpushpi)

शंखपुष्पी (Shankhpushpi) का नाम सुनते ही पहली बात जो दिमाग में आती है वह ये है कि शंखपूष्पी के फूल (shankhpushpi flower) और शंखपुष्पी का पौधा (shankhpushpi plant) यादाश्त बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। वैसे तो शंखपुष्पी के फूल कई तरह के रंगों के होते हैं लेकिन आयुर्वेद में सफेद रंग के शंखपुष्पी का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। चलिये शंखपुष्पी के फायदे (shankpushpi benefits)और गुणों बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे ये बीमारियों के उपचार में काम आती है।

शंखपुष्पी के फायदे | Shankhpushpi benefits
शंखपुष्पी के फायदे | Shankhpushpi benefits

शंखपुष्पी क्या है? (What is Shankhpushpi?)

शंखपुष्पी एक प्रकार का फूल है तो आयुर्वेद के औषधि के क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाती है। शंखपुष्पी फूलों के रंग के अनुसार दो प्रकार के होते हैं -(1) श्वेत (Convolvulus pluricaulis choisy), (2) नील (Evolvulus alsinoides (L.)। लेकिन औषधि में  सफेद रंग के फूल का ही व्यवहार करना चाहिए।

Convolvulus pluricaulis choisy (शंखपुष्पी)- शंखपुष्पी का पौधा (shankhpushpi ka podha) जमीन पर फैलने वाला मुलायम तथा रोम वाला होता है। इसकी शाखाएं लम्बी तथा फैली हुई होती हैं। इसके फूल हल्के सफेद या गुलाबी रंग के, बाहर से रोमयुक्त तथा कुप्पी के आकार के होते हैं। ऊपर जिस प्रजाति की बात की गई उसमें मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रजाति का प्रयोग भी चिकित्सा में किया जाता है।

Convolvulus arvensis  Linn. (हिरणखुरी)- पूरे भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 3000 मी की ऊँचाई तक तथा बेकार पड़ी हुई भूमि और सड़कों के किनारों, झाड़ियों में इसकी बेलें चढ़ी हुई पाई जाती हैं। इसकी लम्बी लतायें होती हैं। इसके पत्ते चिकने, रेखाकार, नोंकदार, तीर के समान होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के या गुलाबी रंग की आभा से युक्त सफेद रंग के होते हैं। इसके जड़ (shankhpushpi ki jad)के सेवन से पेट से अवांछित पदार्थ मल के द्वारा निकलने में मदद मिलती है।  शंखपुष्पी (shankhpushpi ka podha) में इसकी मिलावट की जाती है। इसका प्रयोग सांप के विष का असर कम करने तथा सांस संबंधी बीमारी के चिकित्सा में किया जाता है।

और पढ़े: सांस की बीमारी में अशोक वृक्ष के फायदे

चरकसंहिता के ब्रह्मरसायन में तथा मिर्गी के चिकित्सा में शंखपुष्पी का प्रयोग का उल्लेख मिलता है। इसके अतिरिक्त खांसी की चिकित्सा के लिए अगस्तयहरीतकी योग में और द्विपंचमूलादिघृत में शंखपुष्पी का वर्णन मिलता है। आचार्य सुश्रुत ने भी तिक्त गण में शंखपुष्पी के बारे में चर्चा की है तथा सुवर्णादि के साथ बच्चों में शंखपुष्पी के सूक्ष्म चूर्ण (shankhpushpi churna ke fayde)के प्रयोग का तरीका भी बताया है।

शंखपुष्पी कड़वा और ठंडे तासीर का होता है। आयुर्वेद के अनुसार शंखपुष्पी (shankh pushp) एक ऐसी जड़ी बूटी है जो दिमाग को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अनेक तरह के बीमारियों के लिए औषधि के  रूप में काम करती है। कहने का मतलब ये है कि शंखपुष्पी की खास बात ये है कि यह मानसिक रोगों के लिए बहुत ही लाभादायक होती है। यह कुष्ठ, कृमि और विष का असर कम करने में भी मदद करती है। शंखपुष्पी सिर्फ यादाश्त बढ़ाने में ही मदद नहीं करती बल्कि सेक्स संबंधी समस्याओं में भी लाभकारी होती है। 

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अन्य भाषाओं में शंखपुष्पी के नाम (Name of Shankhpushpi in Different Languages)

  • शंखपुष्पी का वानास्पतिक नाम Convolvulus microphyllus Sieb. ex Spreng. (कान्वाल्वुलस माइक्रोफिलस) Syn-Convolvulus pluricaulis Choisy
  • शंखपुष्पी Convolvulaceae (कान्वाल्वुलेसी) कुल का है।
  • शंखपुष्पी को अंग्रेजी में: Bindweed (बाइण्डवीड) कहते हैं।

शंखपुष्पी भारत के हर प्रांत में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे-

  • Name of Shankhpushpi in Sanskritशङ्खपुष्पी, विष्णुगन्धी, क्षीरपुष्पी, मांगल्यकुसुमा, मेध्या, सुपुष्पी, कम्बुमालिनी, सूक्ष्मपत्रा, सितपुष्पी, श्वेतकुसुमा, शङ्खाह्वा;
  • Name of Shankhpushpi in Hindi – शङ्खपुष्पी;
  • Name of Shankhpushpi in Kannada – विष्णुक्रान्ती (Vishnukranti)
  • Name of Shankhpushpi in Marathi – शंखवल्ली (Shankhvalli)
  • Name of Shankhpushpi in Tamil – विष्णुकरन्दी (Vishnukrandi)
  • Name of Shankhpushpi in Telugu – विष्णुक्रान्ता (Vishnukranta)
  • Name of Shankhpushpi in Gujrati – शंखावली (Shankhavali), शंखपुष्पी (Shankhpushpi)
  • Name of Shankhpushpi in Malayalam – शंखुपुष्पम (Sankhupuspam)
  • Name of Shankhpushpi in English – व्हाईट ग्राउण्ड ग्लोरी (White ground glory)

शंखपुष्पी के फायदे  (Benefits and Uses of Shankhpushpi in Hindi)

वैसे तो आम तौर पर शंखपुष्पी (shankhpushpi ka podha) को मस्तिष्क का टॉनिक कहा जाता है लेकिन इसके अलावा भी शंखपुष्पी अनेक तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रूप में काम करती है। चलिये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

सिरदर्द में फायदेमंद शंखपुष्पी (Shankhpushpi Benefits in Headache in Hindi)

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 आजकल के जीवनशैली में सिरदर्द आम बीमारी बन गई है। 1 ग्राम शंखपुष्पी तथा 250 मिग्रा खुरासानी अजवायन चूर्ण को मिलाकर गुनगुने जल के साथ सेवन करने से सिर दर्द में तुरन्त फायदा मिलता है।  [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़ें: सिरदर्द में पिस्ता के फायदे

सर्दी-खांसी में असरदार शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpami  for Cough and Cold in Hindi)

सर्दी-खांसी के परेशानी से आराम पाने के लिए शंखपुष्पी का प्रयोग ऐसा करना चाहिए।  शंखपुष्पी के पत्तों को जलाकर उसका धूम्रपान करने से सांस लेने में आसानी होती है।  [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़ें: खांसी में अजवाइन से फायदा

उल्टी में दिलाये आराम शंखपुष्पी (Benefits of Shankhpushpam for Vomiting in Hindi)

उल्टी से अगर हाल बेहाल है तो शंखपुष्पी को इस तरह से लेने पर आराम मिलता है। शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग के दो चम्मच रस में एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर मधु के साथ बार-बार पिलाने से उल्टी होना कम हो जाता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

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 खून की उल्टी में फायदेमंद शंखपुष्पी (Uses of Shankhpushpi Plant to Treat Vomiting Blood in Hindi)

अगर उल्टी करने पर खून निकल रहा है तो तुरन्त राहत पाने के लिए 5-10 मिली शंखपुष्पी का रस या शंखपुष्पी सिरप पियें। इसके सेवन से आराम मिलता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

मधुमेह या डायबिटीज में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Control Diabetes in Hindi)

  • डायबिटीज को नियंत्रण में करने के लिए शंखपुष्पी के 6 ग्राम चूर्ण (shankhpushpi churna ke fayde)को सुबह-शाम गाय के मक्खन के साथ या पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है
  • इसके अलावा मधुमेह की कमजोरी को दूर करने के लिए 2-4 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण अथवा 10-20 मिली स्वरस का सेवन लाभप्रद होता है।
  • 2-4 ग्राम शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग चूर्ण को मक्खन के साथ मिलाकर सेवन कराने से मधुमेह में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़ें: मधुमेह में मखाने के फायदे

मूत्रकृच्छ्र या मूत्र रोग में फायदेमंद शंखपुष्पी  (Shankhpushpi to Treat Dysuria in Hindi)

मूत्र रोग या मूत्रकृच्छ्र वह रोग है जिसमें  पेशाब करते समय जलन या दर्द होना या रूक-रूक कर पेशाब होने जैसी समस्याएं होती है। ऐसे रोगों से राहत पाने के लिए 10-30 मिली शंखपुष्पी के काढ़े में दूध मिलाकर पिलाने से इस रोग फायदा मिलता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़ें – पेशाब संबंधित रोग में अलसी के फायदे

याददाश्त बढ़ाने में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Boost Memory in Hindi) 

 

अक्सर उम्र होने पर यादाश्त कमजोर होने लगती है तो शंखपुष्पी का सेवन इस तरह से करें। इससे याद रखने की शक्ति बढ़ती है।

  • 3 से 6 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण को सुबह शक्कर और दूध के साथ सेवन करने से स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
  • 2-4 ग्राम शंखपुष्पी एवं 1 ग्राम मीठी बच चूर्ण को बच्चों को देते रहने से वह बहुत बुद्धिशाली एवं चतुर होते हैं।
  • 10-20 मिली शंखपुष्पी रस (shankhpushpi syrup benefits in hindi)अथवा 2-4 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण में मधु, घी एवं शक्कर मिलाकर 6 मास तक सुबह सेवन करने से उम्र बढ़ने पर झुर्रियों की समस्या, यादाश्त कमजोर होने और कमजोर महसूस होने की समस्या में लाभ मिलता है।
  • 3-6 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण में, शहद मिलाकर सेवन करें तथा बाद में दूध पीयें। इसके सेवन से बुद्धि बढ़ती है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

मिरगी से राहत दिलाये शंखपुष्पी (Shankpushpi Benefits for Epilepsy in Hindi)

मिर्गी के मरीज को अगर बार-बार दौरा पड़ता है तो शंखपुष्पी का सेवन इस तरह कराने से लाभ मिलता है –

  • 2-5 मिली शंखपुष्पी रस (shankhpushpi syrup benefits in hindi) में शहद मिलाकर सुबह शाम पिलाने से अपस्मार रोग या मिर्गी में लाभ मिलता है।
  • शंखपुष्पी, वच और ब्राह्मी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार देने से अपस्मार, हिस्टीरिया और उन्माद रोग में लाभ होता है।
  • छाया में सुखाई हुई 1 किलोग्राम शंखपुष्पी तथा 2 किलोग्राम शर्करा दोनों को पीसकर छान लें। उसके बाद उस मिश्रण को बोतलों में भरकर रख लें। इस चूर्ण को 5-10 ग्राम तक की मात्रा में दूध के साथ लेने से मस्तिष्क बेहतर तरीके से काम करता है। 
  • 10-20 मिली शंखपुष्पी रस या शंखपुष्पी सिरप (shankhpushpi syrup benefits in hindi) में 500 मिग्रा कूठ का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ सेवन करते रहने से उन्माद व अपस्मार में लाभ होता है।
  • 10-20 मिग्रा शंखपुष्पी रस को मधु के साथ सेवन करने से सब प्रकार के उन्माद में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढेंमिरगी के इलाज में मंजिष्ठा के फायदे

उन्माद या पागलपन में फायदेमंद शंखपुष्पी (Benefits of Shankhpushpi for Insanity in Hindi)

उन्माद अवस्था में मरीज को 5-10 मिली शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग का रस पिलाने से मन शांत होता है।   [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़े: पागलपन में चांगेरी के फायदे

लू लगने पर शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi benefits to Get Relief from Heatstroke in Hindi )

अगर लू लगने से बुखार हुआ है और उस अवस्था में मरीज बेमतलब की बात कर रहा है तो उस समय नींद लाने के लिए 5-10 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण को दूध एवं मधु के साथ देने से बहुत लाभ होता है। (Shankhpushpi ke Fayde)  [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

रक्तस्राव या ब्लीडिंग करे कम शंखपुष्पी (Shankhpushpi to Treat Bleeding in Hindi)

अगर कहीं चोट लगने से रक्तस्राव हो रहा है तो 10-20 मिली शंखपुष्पी के रस को मधु के साथ देने से रक्त का बहना तुरन्त बन्द हो जाता है । [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़ेंब्लीडिंग रोकने में दूर्वा घास के फायदे

 उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रण शंखपुष्पी (Shankhpushpi Plant Benefits to Get Relief from High Blood Pressure in Hindi)

shankhpushpi benefits

आजकल तनाव भरी जिंदगी में ब्लड प्रेशर हाई होना आम बात हो गया है।  हाई ब्लडप्रेशर को निंयत्रण में करने के लिए ताजी शंखपुष्पी (shankhpushpi benefits in hindi) के 10-20 मिली के रस को सुबह, दोपहर तथा शाम, कुछ दिनों तक सेवन करने से उच्चरक्त चाप में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़े: उच्च रक्तचाप कम करने के घरेलू उपाय

बुद्धि को तेज करने में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushp Benefits to Boost Mental power in Hindi)

अगर मानसिक दुर्बलता या बुद्धि कम है तो शंखपुष्पी का सेवन करने से लाभ मिलेगा। इसके लिए शंखपुष्पी पञ्चाङ्ग को पीसकर पेस्ट या कल्क बना लें । 1-2 ग्राम पेस्ट का सेवन गाय के दूध के साथ करने से शक्ति, रंग, एनर्जी, आयु तथा बुद्धि की वृद्धि होती है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

कमजोरी दूर करने में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Benefits to Boost Weakness in Hindi)

शंखपुष्पी का सेवन दुर्बलता को दूर करने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें आयुर्वेद के अनुसार बल्य का गुण पाया जाता है जो कि शरीर की अंदरूनी कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। 

कफ और वात दोष दूर करने में शंखपुष्पी के फायदे (Benefits of Shankhpushpi to Get Relief from the Effect of Cough and Vatt in Hindi)

शंखपुष्पी का का सेवन कफ और वात दोष से प्रकुपित होने पर होने वाले रोगों में फायदमंद होता है क्योंकि आचार्य भावमिश्र के अनुसार शंखपुष्पी में कफ और वात को शमन करने का अर्थात उष्णता का गुण होता है। 

शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Beneficial to Boost Sperm Count in Hindi)

शंखपुष्पी का सेवन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो कि शुक्राणुओं की कमी की समस्या से परेशान है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार शंखपुष्पी शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। 

तेज़ बुखार से राहत दिलाने में शंखपुष्पी के फायदे (Benefit of Shankhpushpi to Get Relief from High Fever in Hindi)

शंखपुष्पी का सेवन बुखार के समय फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में बताया गया है कि शंखपुष्पी का काढ़े का सेवन बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 

बालों के लिए शंखपुष्पी के फायदे (Benefit of Shankhpushpi for Strong and Shiny Hair in Hindi)

शंखपुष्पी का प्रयोग बालों के लिये फायदेमंद होता है, क्योंकि शंखपुष्पी में रसायन और बल्य का गुण पाया जाता है जो कि बालों को पोषण देकर बालों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाता है। 

अवसाद के अवस्था में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Beneficial in Depression in Hindi)

शंखपुष्पी का प्रयोग  अवसाद को कम करने का एक अच्छा उपाय है, क्योंकि इसमें मेध्या का गुण पाया जाता है जो मानसिक शांति प्रदान करता है जिससे अवसाद के लक्षणों को कम  करने में सहायता करता है। 

भूख बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का सेवन (Benefit of Shankhpushpi to Boost Loss of Apetite in Hindi)

अगर आप को भूख कम लगती है तो शंखपुष्पी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें भूख बढ़ाने वाले गुण पाये जाते है। 

अनिद्रा के लिए शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Beneficial in Insomnia in Hindi)

शंखपुष्पी का प्रयोग अनिद्रा को दूर करने में किया जाता है। जब मानसिक तनाव अधिक होने पर नींद आने में समस्या होती है तो शंखपुष्पी का मेध्या गुण होने के कारण ये मानसिक तनाव को कम कर प्राकृतिक नींद लाने में मदद करती है। 

थायराइड के लिए शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Beneficial in Thyroid in Hindi)

शंखपुष्पी का सेवन थायराइड के फायदेमंद होता है। एक रिचर्स के अनुसार शंखपुष्पी का सेवन करने से थायराइड के लक्षणों में कमी होती है। 

शरीर के रसायन या केमिकल को संतुलित करने में फायदेमंद शंखपुष्पी (Shankhpushpi Benefits in Body Rejuvination in Hindi)

शरीर को नवजीवन प्रदान करने के लिए समान मात्रा में खस तथा कुटकी के कल्क या पेस्ट (1-3 ग्राम) में ठीन गुना मात्रा में शंखपुष्पी का रस तथा चार-चार गुना गाय का दूध और गाय का घी मिलाकर पकायें और मिश्रण को 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से बोलने और सुनने की शक्ति बढ़ती है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

शिशु के दंतरोग में फायदेमंद शंखपुष्पी (Benefits of Shankha pushpi for Kids Dental Disorder in Hindi)

 शिशुओं के लिए पहली बार दांत निकलना बहुत बड़ी समस्या होती है, क्योंकि इस दौरान उन्हें तरह-तरह के सेहत संबंधित समस्याएं होती हैं।  शिशुओं को दांत निकलते समय जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उस समय शंखपुष्पी की जड़ (shankhpushpi ki jad), जवासे की जड़ तथा दुद्धी की जड़ को शुभ नक्षत्र में शिशु की भुजा पर बांधने से दांत निकलने के समय के समस्याओं से राहत मिलती है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

और पढ़े दंतरोग में सिंघाड़े के फायदे

रात को बिस्तर में पेशाब करने की बीमारी में शंखपुष्पी के फायदे (Shankhpushpi Benefits in Nocturnal enuresis in Hindi)

 अक्सर बच्चे रात में सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। इसके बीमारी में भी शंखपुष्पी का चूर्ण काम आता है। उन बच्चों को रात में सोते समय 2 ग्राम शंखपुष्पी चूर्ण और 1 ग्राम काला तिल मिलाकर दूध के साथ सेवन कराने से इस बीमारी से राहत मिलती है। [Go to: Benefits of Shankhpushpi]

शंखपुष्पी का उपयोगी भाग (Useful Parts of Shankhpushpi)

आयुर्वेद में शंखपुष्पी के जड़, फूल और रस का प्रयोग औषधि के तौर पर ज्यादा होता है।

शंखपुष्पी का सेवन कैसे करना चाहिए? (How to consume Shankhpushpi?)

रोगों के उपचार के लिए शंखपुष्पी (shankhpushpi benefits in hindi) का सेवन कैसे करेंगे ये ऊपर बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए शंखपुष्पी का उपयोग कर रहें हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

– 3-6 ग्राम शंखपुष्पी का सेवन चिकित्सक के सलाह अनुसार कर सकते हैं।

शंखपुष्पी कहां पाई और उगाई जाती है (Where is Shankhpushpi Found or Grown)

बारिश के मौसम में पथरीली एवं परती भूमि में प्राकृतिक तरीके से शंखपुष्पी (sankhapuspi) के छोटे-छोटे घास के समान पौधे उगते हैं। बहुत से स्थानों पर यह बारह मास देखी जा सकती है।

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