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Ramdana: रामदाना के हैं अद्भुत फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

रामदाना का परिचय (Introduction of Rajgira) 

आमतौर पर रामदाना (Ramdana) को राजगिरा भी कहा जाता है। इसका सेवन अक्सर पूजा के समय उपवास करने पर किया जाता है। व्रत में राजगिरी के आटे (rajgiri ka Atta) का परांठा या हलवा बनाकर खाया जाता है। नवरात्री के समय रामदाने का लड्डू (rajgira ladoo) भी बनाकर खाया जाता है। रामदाना पौष्टिकारक होने के कारण इसके अनगिनत फायदे हैं, इसलिए उपवास के समय ज्यादातर इसका सेवन किया जाता है। राजगिरा चौलाई के दानों से बनाया जाता है, इसलिए कहीं-कहीं इसको चौलाई का बीज भी कहा जाता है। रामदाना को अनाज नहीं माना जाता है इसलिए व्रत के दौरान खाया जाता है।

 

Ramdana

 

रामदाना क्या है ?(What is Ramdana in Hindi?)

रामदाना या राजगिरा अमरांथ या चौलाई का बीज होता है। ये चौलाई हरी नहीं बल्कि लाल होती है। लाल चौलाई को लाल साग या लाल भाजी भी कहा जाता है। लाल चौलाई में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाती है। रामदाना उपवास के समय बहुत ही पौष्टिक फलाहार होता है। राजगिरा शाकाहारी लोगों के लिये प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत बन सकता है। प्राचीन युग में किसान या गरीब इसको खाकर शरीर में पौष्टिकता की कमी और ऊर्जा को पूरा करते थे। इसलिए वे राजगिरा को भगवान का दान मानते थे और इसी संदर्भ में इसका नाम रामदाना रख दिया गया।

रामदाना का पौधा सीधा, लगभग 1.5 मी ऊँचा, तनायुक्त पौधा होता है। इसके पत्ते चारो ओर से कोण-अण्डाकार होते हैं। इसके फूल गुलाबी रंग के, एकलिङ्गी होते हैं। इसके फल के बीज छोटे, अर्धगोलाकार, पीले-सफेद रंग के होते हैं। इसकी दो किस्में लाल और हरे रंग की होती   हैं। रामदाना अगस्त से सितम्बर महीने में फलता-फूलता है।

रामदाना का पञ्चाङ्ग मूत्र अगर कम हो रहा है या रूक-रूक कर हो रहा है (मूत्रल)  तो इसको बढ़ाने में मदद करता है। राजगिरा का तना मलत्याग करने के प्रक्रिया को आसान (विरेचक गुण) बनाने में मदद करता है। यहां तक कि राजगिरा का पत्ता भी मूत्रल और विरेचक गुण या पेट से मल निकलाने में मदद करता है। और इसका बीज  मूत्रल गुणों वाला और पोषकता से भरपूर होता है।

अन्य भाषाओं में रामदाना के नाम (Name of Ramdana in Different languages)

रामदाना का वानस्पतिक नाम : Amaranthus cruentus Linn. (ऐमारेन्थस क्रुऐंटस) Syn-Amaranthus paniculatus Linn है। राजगिरा  Amaranthaceae (ऐमारेन्थेसी) कुल का होता है। रामदाना को अंग्रेज़ी में : Caterpillar amaranth (कैटरपिलर ऐमारेन्थ ) कहते हैं।

लेकिन राजगिरा भारत के दूसरे प्रांतों में अन्य नामों से भी जाना जाता है-

Rajgira in-

  • Sanskrit –कुमारजीव, राज्रदि, राजगिरि, राजशाकिनी;
  • Hindi-रामदाना, चौपरसा;
  • Kannadaचिलिकेसोप्पु (Chilikessopu), राजगिरि (Rajgiri);
  • Gujrati-चूको (Chuko), राजगारो (Rajgaro);
  • Tamil-पुन्गीकिरेई (Pungikorai);
  • Teluguनेताकुरू (Netakuru);
  • Bengali-चूको (Chuko), नत्या (Natya), कहाराभोजी (Kaharabhoji), भाथु (Bhathu);
  • Marathi-काहोला (Kahola), भाजी (Bhaji), राजागिरा (Rajagira)।   
  • English-टेस्सल फ्लावर (Tassel flower), ब्लू ऐमारेन्थ (Blue amaranth), ब्लड ऐमारेन्थ (Blood amaranth), अगरीकन स्पाईनेच (Agrican spinach);
  • Arbi-हमाम (Hamaham);
  • Persian-ताजेरवुरुस (Taje khuras), अंगोजा (Angoza)

रामदाना के फायदे  (Ramdana Benefits and Uses in Hindi)

राजगिरा या चौलाई में इतने पोषक तत्व हैं कि आयुर्वेद में इसको बहुत तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। अब तक आपने जाना कि राजगिरा या रामदाना क्या होता है तो चलिये अब ये जानते हैं कि रामदाना (Amarnath) किन-किन बीमारियों में काम आता है-

गर्दन के लिम्फ नोड की सूजन को कम करे राजगिरा (Rajgira or Amarnath Atta Benefits in Scrofula in Hindi)

तपेदिक होने पर बैक्टिरीया गर्दन के लिम्फ नोड्स को संक्रमित करता है जिसके कारण वह सूज जाता है। रामदाना पञ्चाङ्ग को पीसकर गण्डमाला यानि लिम्फ नॉड में लेप करने से सूजन कम होती है।

Rajgira sweets

रामदाना सीने में बेचैनी से दिलाता है आराम (Ramdana Benefit to Ease Chest Problem in Hindi)

अक्सर किसी बीमारी के कारण या कमजोरी में कारण छाती में बेचैनी होती है या सांस लेने में परेशानी होती है तो इसको वक्षगत विकार कहते हैं। रामदाना के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से वक्षोगत विकारों या सीने में बैचैनी से राहत मिलती है।

और पढ़े: सीने में दर्द के घरेलू उपचार

राजगिरा कब्ज से दिलाये राहत (Rajgeera Benefit to Get Relief from Constipation in Hindi)

खाने-पीने में असंतुलन होने पर कब्ज या विबन्ध की परेशानी होती है। कब्ज से राहत पाने में रामदाना के पत्ते काफी फायदेमंद (amaranth leaves benefits) हो सकते हैं।  रामदाना पत्तों का शाक बनाकर सेवन करने से मल नरम होता है जिसके कारण विबन्ध या कब्ज से राहत मिलती है। 

अर्श या बवासीर में फायदेमंद है रामदाना (Ramdana or Amarnath to Treat Piles in Hindi)

आजकल के असंतुलित खान-पान और कम सक्रियाशील जीवनशैली के कारण कब्ज होता है जो पाइल्स या बवासीर होने के मूल वजह बन रहा है। इसके लिए रामदाना का 5-10 ग्राम पञ्चाङ्ग चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से अर्श या पाइल्स की परेशानी से राहत मिलती है।

और पढ़े: बवासीर में कुश के फायदे

ऊर्जा का संचार करने में फायदेमंद रामदाना (Benefits of Rajgira to Boost Energy in Hindi)

चौलाई में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी होती है एवं शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।  

सीलिएक से बचाये रामदाना के फायदे (Rajgira Beneficial to Treat Siliac in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार चौलाई या रामदाना सीलिएक जैसी बीमारियों में भी उपयोगी हो सकता है क्योंकि खाने योग्य रामदाने से सैपोनिन और फाइटेट नामक तत्त्व निकाल दिए जाते है जो कि एंटी न्यूट्रिशनल होते हैं।  

सूजन में फायदेमंद रामदाना (Ramdana Beneficial in Inflammation in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार चौलाई सीलिएक में भी उपयोगी हो सकता है क्योंकि खाना बनाने के दौरान इसमें से सैपोनिन और फाइटेट नामक तत्त्व निकाल दिए जाते है जो कि एंटी न्यूट्रिशनल होते हैं।  

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में लाभकारी रामदाना (Beneficial of Ramdana to Control Ramdana in Hindi)

अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल के समस्या है तो आपके लिए चौलाई का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि  एक रिसर्च में यह पाया गया है की चौलाई में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होने के कारण यह कोलेस्ट्रॉल को भी काम करने में मदद करता है। 

हड्डियों को करे मजबूत रामदाना (Ramdana Beneficial for Strong Bones in Hindi)

चौलाई में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जिसके कारण चौलाई का सेवन हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है।  

आँखों के लिए फायदेमंद रामदाना (Ramdana Good for Eye Health in Hindi)

चौलाई में एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन ए जैसे तत्त्व पाए जाने के कारण यह आँखों की रौशनी को अच्छा बनाए रखने में मदद करती है।  

वजन कम करने में फायदेमंद चौलाई (Ramdana Beneficial for Weight loss in Hindi)

चौलाई में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्त्व पाए जाने के कारण यह वजन को काम करने में भी मदद करती है।  

मधुमेह को नियंत्रित करने में लाभकारी रामदाना (Ramdana Beneficial to Control Diabetes in Hindi)

चौलाई पर की गई कुछ रिसर्चो के अनुसार इसमें एंटी डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं इसलिए चौलाई का सेवन मधुमेह में लाभदायक होता  हैं।  

मूत्रकृच्छ्र या मूत्ररोग में लाभकारी रामदाना (Benefits of Rajgira to treat Dysuria in Hindi)

मूत्र रोग यानि मूत्र में जलन या दर्द, धीरे-धीरे मूत्र होना या सामान्य मात्रा से कम मूत्र होना आदि अनेक तरह की समस्याएं होती हैं। रामदाना का सेवन इस बीमारी में लाभकारी होता है।  रामदाना पञ्चाङ्ग का काढ़ा  बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पीने से मूत्रकृच्छ्र में आराम मिलता है।

मूत्रदाह या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में फायदेमंद रामदाना (Ramdana seeds for Urinary Tract Infection in hindi)

महिलाओं में यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की बीमारी सबसे ज्यादा होती है। इस बीमारी में  मूत्र करते समय दर्द व जलन होती है। रामदाना का इस तरह से सेवन करने पर इस बीमारी से राहत मिल सकती है। 5-10 मिली रामदाना के पत्ते के रस का सेवन करने से मूत्रदाह से राहत मिलती है।

रामदाना के उपयोगी भाग (Useful Parts of Ramdana)

आयुर्वेद में रामदाने के पत्ते, बीज एवं जड़ अथवा पञ्चाङ्ग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

रामदाना का सेवन कैसे करें (How to Consume Rajgira in Hindi)

हर बीमारी के लिए रामदाना का सेवन और इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए रामदाना का सेवन या प्रयोग कर रहें हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

 चिकित्सक के परामर्शानुसार

-5-10 ग्राम – रामदाना की जड़।

-5-10 ग्राम- पञ्चाङ्ग चूर्ण।

-5-10 मिली -रस का सेवन कर सकते हैं।

rajgiri ke atta ka halwa

रामदाना कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Rajgira Found or Grown in Hindi)

रामदाना (Rajgira) विश्व में उष्ण कटिबंधीय अफ्रिका एवं अन्य गर्म देशों में पाया जाता है। हिमालय में यह 3000 मी तक की ऊँचाई पर पाया जाता है तथा समस्त भारत में इसकी कृषि की जाती है। इसका पौधा चौलाई के जैसा होता है। इसके बीजों से कई तरह के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं।