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शरीर को निरोग बनाए रखने के लिए पिएं पतंजलि गिलोय जूस

गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत कारगर है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी गिलोय के फायदे और औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है. गिलोय के पत्ते, डंठल, तने, जड़ें सब कुछ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, गिलोय का सेवन करने का सबसे आसान तरीका है कि आप पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice) का नियमित सेवन करें. इस लेख में हम आपको पतंजलि गिलोय जूस के फायदे, नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

Contents

पतंजलि गिलोय जूस क्या है? (What is Patanjali Giloy Juice in Hindi?)

पतंजलि गिलोय जूस, पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है. जिसका इस्तेमाल बुखार, पीलिया और कई संक्रामक रोगों के इलाज में किया जाता है.

पतंजलि गिलोय जूस में मौजूद सामग्रियां: (Ingredients used in Patanjali Giloy Juice in Hindi)

पतंजलि गिलोय जूस के लेबल पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रोडक्ट में निम्न चीजें शामिल हैं :

  • गिलोय (Tinospora cordifolia)

पतंजलि गिलोय जूस के फायदे (Patanjali Giloy Juice Benefits in Hindi)

गिलोय में बुखार को कम करने वाले और शरीर की इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने वाले गुण होते हैं. कई लोग इसे टैबलेट के रूप में लेते हैं या घर पर ही इसका जूस बनाकर पीते हैं. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, जिन लोगों के घरों में या आसपास गिलोय का पौधा नहीं है वे निरोग रहने के लिए पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करें. आइए पतंजलि गिलोय जूस के सभी फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

बुखार से राहत दिलाता है पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice Benefits for Fever)

आमतौर पर लोग बुखार होते ही तुरंत एलोपैथिक दवाएं लेने लगते हैं. हद से अधिक मात्रा में इन दवाओं के सेवन से शरीर की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इन दवाओं की बजाय अगर आप गिलोय जूस का सेवन करें तो इससे बुखार भी ठीक हो जाता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.

गठिया के इलाज में उपयोगी है पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice Benefits for Gout Patients)

उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों और घुटनों में दर्द होना एक आम बात है. अधिकांश लोग उम्रदराज होने पर गठिया के मरीज हो जाते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप नियमित रूप से पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करें तो इससे गठिया होने की संभावना कम होती है. इतना ही नहीं अगर आप गठिया के मरीज हैं, तो भी गिलोय जूस पीने से गठिया के लक्षणों जैसे कि जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिलती है.

और पढ़ें : गठिया के घरेलू इलाज

पीलिया के इलाज में फायदा पहुंचाता है पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy juice helps in treatment of Jaundice)

पीलिया एक गंभीर बीमारी है और इसका सही समय पर इलाज होना बेहद ज़रूरी है. गिलोय में ऐसे औषधीय गुण हैं जो पीलिया के लक्षणों से राहत दिलाते हैं साथ ही शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाते हैं. अगर आप पीलिया से पीड़ित हैं तो तुरंत आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर पतंजलि गिलोय जूस का सेवन शुरू कर दें.

एनीमिया के मरीजों के लिए फायदेमंद है पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice helps in treatment of Anemia)

खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाने से एनीमिया की समस्या हो जाती है. आमतौर पर एनीमिया की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस पीने से एनीमिया के लक्षणों में कमी आती है और हीमोग्लोबिन के लेवल में सुधार होता है.

और पढ़ें : एनीमिया के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

मूत्र मार्ग से जुड़े संक्रमण को ठीक करता है पतंजलि गिलोय जूस (Patanjali Giloy Juice Benefits for UTI)

अगर आपको पेशाब करने में दर्द महसूस होता है या बार-बार पेशाब लग रही है तो इन लक्षणों को अनदेखा ना करें. विशेषज्ञों के अनुसार, ये मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपको ये लक्षण नजर आते हैं तो गिलोय जूस पीना शुरू कर दें. पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करने से कुछ ही हफ़्तों में मूत्र मार्ग से जुड़े संक्रमण ठीक हो जाते हैं.

पतंजलि गिलोय जूस पीने का तरीका (How to take Patanjali Giloy Juice)

पतंजलि आयुर्वेद की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस का सेवन रोजाना सुबह खाली पेट करना चाहिए. इसके लिए 15-30 एमएल पतंजलि गिलोय जूस लें और इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं. अगर आप किसी गंभीर बीमारी के घरेलू इलाज के रूप में पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करना चाहते हैं तो पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.

पतंजलि गिलोय जूस के नुकसान (Patanjali Giloy Juice Side Effects)

आमतौर पर गिलोय जूस पीने से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है. हालाँकि किसी भी सूरत में जरूरत से ज्यादा मात्रा में जूस का सेवन ना करें. इस बात का ध्यान रखें कि बहुत अधिक मात्रा में गिलोय जूस पीने से बीमारी जल्दी ठीक नहीं होगी बल्कि इससे सेहत को नुकसान ही होगा.

पतंजलि गिलोय जूस की कीमत और पैक साइज़ (Patanjali giloy Juice Price and Pack Size)

पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि गिलोय जूस के 500 एमएल वाले पैक की कीमत 90 रुपए है. प्रोडक्ट की कीमत और पैक साइज़ में बदलाव हो सकते हैं. आप Tata 1mg से भी पतंजलि गिलोय जूस ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. इसे ऑर्डर करने के लिए यहाँ क्लिक करें.

पतंजलि गिलोय जूस से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ related to Patanjali Giloy Juice in Hindi)

पतंजलि गिलोय जूस कब पीना चाहिए?

पतंजलि गिलोय जूस का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बताए गए समय पर ही करना चाहिए. आमतौर पर पतंजलि गिलोय जूस का सेवन सुबह करने की सलाह दी जाती है.

पतंजलि गिलोय जूस कितने दिन तक पीना चाहिए?

पतंजलि गिलोय जूस के सेवन की अवधि बीमारी के अनुसार अलग- अलग होती है. सामान्यतया किसी भी बीमारी की रोकथाम में इसे अधिकतम तीन महीने तक ही लेना चाहिए. अगर आप तीन महीने से अधिक समय तक इसका सेवन करना चाहते हैं तो नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें.

क्या मैं पतंजलि गिलोय जूस रोज ले सकता हूँ?

जी हाँ, आप पतंजलि गिलोय जूस का सेवन रोज कर सकते हैं. जूस का सेवन चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक और अवधि के अनुसार ही करें.

क्या पतंजलि गिलोय जूस पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है?

पतंजलि गिलोय स्वरस एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकता है. आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात-पित्त- कफ तीनो को संतुलित रखने में मदद करता है साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद है. इसलिए अगर आप अक्सर एसिडिटी या गैस की समस्या से परेशान रहते हैं तो पतंजलि गिलोय जूस पिएं.

क्या पतंजलि गिलोय जूस लीवर को नुकसान पहुंचाता है?

पतंजलि गिलोय जूस का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार करने से लीवर पर इसके नुकसान की कोई सही और प्रामाणिक रिसर्च अभी तक सामने नहीं आई है.

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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