वानस्पतिक नाम : Mimusops elengi Linn.(मिमुसोप्स एलेन्गी)
Syn-Kaukenia elengi (Linn.) Kuntze
कुल : Sapotaceae (सैपौटेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Bullet wood tree (बुलेट वुड ट्री)
संस्कृत-बकुल, मधुगन्धि, चिरपुष्प, स्थिरपुष्प; हिन्दी-बकुल, मौलसीरी, मौलसिरी, चिरपुष्प, स्थिरपुष्प; उर्दू-किराकुली (Kirakuli), मुलसारी (Mulsari); उड़िया-बोकुलो (Bokulo), बौला (Baula), बोउलो (Boulo); कोंकणी-वोनवोल (Vonvol); कन्नड़-पगडेमारा (Pagademara), बकुला (Bakula); गुजराती-बरसोली (Barsoli), बोलसारी (Bolsari); तमिल-मगीलम (Magilam), इलांची (Ilanchi); तेलुगु-पोगडा (Pogada), पोगड (Pogad); बंगाली-बकुल (Bakul); पंजाबी-मौलसारी (Maulsari); मलयालम-इन्नी (Inni), एलन्नी (Elanni); मराठी-ओवल्ली (Ovalli), बकुल (Bakul)।
अंगेजी-स्पेनिश चेरी (Spanish cherry), टेनजोंग ट्री (Tanjong tree); फारसी-मौलसिरि (Moulsiry)।
परिचय
चित्त को अति आनंद देने वाले मनोरम सुंधित पुष्पों से युक्त बकुल के सदाहरित वृक्ष, सड़कों के किनारे, गृहवाटिकाओं में यहां-वहां सर्वत्र लगाए हुए मिलते हैं। इसके फूल इतने सुंधित होते हैं कि शुष्क होने पर भी उनमें सुंध बनी रहती है।
इसका 12-15 मी तक ऊँचा, सीधा, बहुशाखित, छायादार, सदाहरित वृक्ष होता है। इसके पुष्प छोटे, पीताभ श्वेत वर्ण के, ताराकार, सुगन्धित, लगभग 2.5 सेमी व्यास के होते हैं।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
मौलसिरी पित्त-कफशामक, स्तम्भक, ग्राही, कृमिघ्न, गर्भाशय की शिथिलता, शोथ एवं योनिस्राव को दूर करता है, वस्ति एवं मूत्र मार्ग के स्राव और शोथ को कम करता है। पुष्प हृद्य और मेध्य तथा सौमनस्य जनन होते हैं। फल तथा छाल पौष्टिक, रक्त-स्तम्भक, ज्वरघ्न एवं विषघ्न, कुष्ठघ्न तथा दांतों के लिए विशेष लाभकारी है।
यह स्तम्भक, ग्राही, कृमिघ्न, रक्तस्भंक, शुक्रस्तम्भक, शीतल, कृमिरोधी, बलकारक, ज्वरघ्न; शिरशूल, मस्तिष्क दौर्बल्यता, पूयदंत, दंत दुर्बलता, अतिसार, प्रवाहिका, कृमि, रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर, शुक्रमेह, पूयमेह तथा वस्तिशोथ में लाभप्रद है।
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औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग : त्वक्, पत्र, पुष्प, फल तथा बीज।
मात्रा : चूर्ण 1-2 ग्राम, क्वाथ 50-100 मिली या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
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