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Khadir: खदिर के हैं अनेक अनसुने फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

खैर (खादिर) का परिचय (Introduction of Khadir)

आप पान खाते हैं अगर आप पान खाते हैं तो पान में लगाए जाने वाले कत्था के बारे में जरूर जानते होंगे। क्या आप जानते हैं कि आप जो पान खाते हैं उसमें लगाया जाने वाला लाल कत्था (Khadira Plant Uses) कैसे बनता है? नहीं ना! तो जान लीजिए कि खैर (khair tree) की शाखाओं तथा छाल को उबालकर ही कत्था निकाला जाता है। इतना ही नहीं खैर या खादिर का प्रयोग धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। इसके अलावा खादिर या खैर (Khair) का उपयोग औषधि रूप में किया जाता है।

Catechu benefits

आयुर्वेदिक ग्रंथों में यह बताया गया है कि खैर या खादिर कुष्ठ, एक्ज़िमा इत्यादि चर्म रोगों की अच्छी दवा है। खैर (खादिर) स्वाद में तीखा और कसैला होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। इसमें भूख जगाने और खाना आसानी से पचाने के गुण होते हैं। यह बल देने वाला, ग्रहणी (duodenal) तथा दांतों को मजबूत करने वाला होता है। यह पेट के दर्द से आराम दिलाता है। आइए जानते हैं कि आप रोगों को ठीक करने के लिए खैर (acacia catechu) का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

खैर (खादिर) क्या है? (What is Khadir?)

खादिर या खैर (Khair) की लकड़ी (khadira tree) का उपयोग ज्यादातर पूजा आदि कामों के लिए इस किया जाता है। यह यज्ञ–हवन आदि कामों की समिधा में प्रयोग की जाने वाली नवग्रह लकड़ियों में से एक है। खैर का पेड़ (khair tree) बहुत ही मजबूत होते हैं। इसका तना हड्डियों की तरह कठोर होता है।

खैर (खादिर) का पेड़ (khair tree) 9 से 12 मी तक ऊँचा होता है। यह कांटेदार होता है और इसकी उम्र लम्बी होती है। इसकी गांठें बाहर से गहरे मटमैले भूरे रंग की तथा अन्दर से भूरे और लाल रंग की होती हैं। कुछ पुराने पेड़ों के तने के अन्दर की दरारों में रवा या चूर्ण (khadira powder) रूप में कभी काले तो कभी सफ़ेद पदार्थ पाए जाते हैं। इसे खैर (खादिर)- सार कहते हैं।

अलग-अलग विद्वानों ने अलग-अलग स्थानों पर खैर (acacia catechu) के आयुर्वेदिक गुणों का वर्णन किया है। भावप्रकाश-निघण्टु में खैर, कदर तथा विट्-खदिर के नाम से इसकी तीन प्रजातियों का वर्णन मिलता है। राजनिघण्टु में तो इन तीन के अतिरिक्त, सोमवल्क व ताम्रंटक नाम से दो अन्य, अर्थात कुल पाँच प्रजातियों का उल्लेख मिलता है।

अनेक भाषाओं में खैर (खादिर) के नाम (Name of Khadir in Different Languages)

खादिर या खैर (Khair) मिमोसेसी (Mimosaceae) कुल का पौधा (khadira tree) है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम ऐकेशिया कैटेचू (Acacia catechu (Linn.f.) Willd.) है। वनस्पति विज्ञान में इसे मिमोसा कैटेचू लिन (Mimosa catechu Linn. f.) भी कहा जाता है। खैर (खादिर) को अंग्रेजी में Black Catechu (ब्लैक कैटेचू) कहते हैं। अंग्रेजी में इसके लिए कच ट्री (Cutch tree) या सिर्फ कैटेचु (Catechu) जैसे नाम भी प्रयोग किये जाते हैं। आइये, जानते हैं कि हिंदी समेत अन्य भाषाओं में खैर (खादिर) के नाम क्या हैं:-

Khadir in –     

  • Hindi (acacia catechu in hindi) – खैर, कत्था, खैरबबूल
  • English – Black Catechu (ब्लैक कैटेचू), कैटेचु (Catechu), कच ट्री (Cutch tree),
  • Sanskrit – खदिर, रक्तसार, गायत्री, दन्तधावन, कण्टकी, बालपत्र, बहुशल्य, यज्ञिय, कदर
  • Urduखैर (खादिर) (Khair), काठो (Katho)
  • Assamese – खेर (Kher), कट (Kat)
  • Oriya – खोदिरो (Khodiro), खोईरो (Khoiro)
  • Kannada काचू (Kaachu)
  • Gujarati खेर (Kher), काथो (Katho)
  • Telugu (acacia catechu in telugu) – करगालि (Kargali), खदिरमु (Khadiramu)
  • Tamil (khadira in tamil)कदिरम (Kadiram), कोदम (Kodam)
  • Bengali – खयेर गाछ (Khayer gaccha), कुथ (Kuth)
  • Nepaliखयर (Khayar)
  • Marathiकदेरी (Kaderi), खैर (खादिर) (Khair), लालखैर (खादिर)(Lalkhair)  
  • Malayalamकमरंगम (Kamrangam), पुलिन्जी (Pulingi)  
  • Arabic – काड हिन्दी (Kad Hindi)
  • Persian – मस्क दाना (Musk dana)

खैर (खादिर) के औषधीय प्रयोग से लाभ (Khadir Benefits and Uses in Hindi)

आप खादिर (acacia catechu) का औषधीय प्रयोग इन तरीकों से कर सकते हैंः-

खैर (खादिर) के प्रयोग से रुसी (डैंड्रफ) का इलाज (Uses of Khadir in Fighting with Dandruff in Hindi)

Catechu skin

बालों में रुसी (Dandruff) से परेशान लोगों के लिए खैर ((khair tree)) बहुत ही फायदे की चीज है। खादिर या खैर (Khair), नीम और जामुन अथवा कुटज की छाल को सेंधा नमक के साथ गोमूत्र में पीस लें। इसका लेप करने से रूसी से छुटकारा मिलता है।

और पढ़ें- रूसी हटाने के लिए करें कमल का उपयोग

खादिर (खैर) के इस्तेमाल से मुंह के रोगों का इलाज (Benefits of Khadir in Cure Oral Diseases in Hindi)

  • खैर (kaggali tree) से मुंह के सभी प्रकार के रोगों में लाभ मिलता है। खैर (खादिर) और अन्य पदार्थों से बनी खदिरादि गुटिका को चूसने से इन रोगों में आराम मिलता है। खदिरादि तेल का प्रयोग भी इन रोगों में आराम मिलता है।
  • खैर (khair plant) की छाल का काढ़ा बनाकर इसे दांतों के बीच की कैविटी में डालने (गण्डूष बनाकर रखने) से दांत के रोगों में लाभ होता है।
  • खैर (खादिर)का सेवन से मसूड़ों से खून निकलना भी रुक जाता है।
  • खैर (खादिर) की छाल तथा बादाम के छिलकों को जलाकर भस्म बना लें। इनसे मंजन करने से भी दांत के रोगों में लाभ होता है।

और पढ़े मुंह के रोग में कुटकी के फायदे

मुंह के छाले को ठीक करने के लिएं करें खैर (खादिर) का उपयोग (Khadir Benefits to Cure Mouth Ulcers in Hindi)  

खदिर (khair plant) सार को मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले और सूजन कम होते हैं।

इसके अलावा, त्रिफला तथा खदिर के पेड़ की छाल (khair tree) का काढ़ा बनाकर गरारा (गले में अटकाकर घुमाना) करने से भी छाले और सूजन कम होते हैं।

गले की खराश में खैर (खादिर) से लाभ (Khadir Benefits to Use Cure Sore Throat in Hindi)  

खदिर सार अथवा खदिर चूर्ण (khadir churna)को तेल से भिगो कर रखें। गले में खराश हो तो इसे मुंह में रखने से खराश दूर होती है।

खैर के प्रयोग से खांसी का इलाज (Uses of Khadir to Get Relief from Cough in Hindi)  

दमा-खांसी के उपचार के लिए खैर (khair tree) की लकड़ी को जला लें। इसे जल में बुझाकर, जल को तुरंत ढक दें। इस जली लकड़ी के धुंए का सुगंध को सूंघें। इसके साथ ही सुगन्धित जल को पीने से खांसी में लाभ होता है।

500 मिग्रा खदिर-सार में बराबर मात्रा में हल्दी तथा मिश्री मिलाकर खाने से खांसी में लाभ होता है।

दस्त को रोकने के लिए करें खैर (खादिर) का इस्तेमाल (Benefits of Khadir to Stop Diarrhoea in Hindi)

Dysentery

खदिर-सार के 1 ग्राम मात्रा में बराबर मात्रा में बेल गिरी का चूर्ण (khadir churna)मिलाकर खिलाने से दस्त शांत हो जाती है।

भगंदर के इलाज में खैर (खादिर) का उपयोग लाभदायक (Khadir Benefits to Cure Fistula in Hindi)

खैर (kaggali tree) तथा त्रिफला से बने 50 मिली काढ़ा में 6 ग्राम घी तथा 3 ग्राम वायविडङ्ग चूर्ण मिला लें। इसे पीने से भगंदर में लाभ होता है।

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डायबिटीज में उपयोगी है खैर (खादिर) का प्रयोग (Uses of Khadir to Control Diabetes in Hindi)

खादिर या खैर (Khair) के फूल के 500 मिग्रा चूर्ण में (khadira powder) 125 मिग्रा जीरक को मिला लें। इसे शक्कर मिले दूध में डालकर सेवन किया जाए तो डायबिटीज में लाभ होता है।

ल्यूकोरिया खैर (खादिर) से फायदा (Khadir Beneficial in Leucorrhoea Treatment in Hindi)

खदिर की छाल का काढ़ा बनाकर योनि को धोने से श्वेत तथा लाल दोनों तरह के ल्यूकोरिया (Leucorrhoea) में लाभ होता है।

गठिया के इलाज में खैर (खादिर) से लाभ (Benefits of Khadir in Rheumatoid Arthritis in Hindi)

हड्डियों के दर्द (आमवात) में खदिर की जड़ का चूर्ण (khadir powder) सेवन करें। इसे 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करना चाहिए। इससे गठिया में लाभ होता है।

फाइलेरिया (हाथी पांव) की बीमारी में खैर (खादिर) से फायदा (Khadir Benefits to Cure Filaria in Hindi)

हाथी पांव (Filaria) या फाइलेरिया के रोगियों के लिए खैर (khair ka ped) बहुत ही उपयोगी होती है। इस रोग के उपचार के लिए ररोजाना सुबह खदिर, विजयसार एवं शाल के सार भाग में गाय के मूत्र के साथ मधु मिलाकर पिएं। इससे हाथी पांव या फाइलेरिया खत्म हो जाता है।

कुष्ठ रोग के इलाज में खैर (खादिर) का उपयोग लाभदायक (Khadir Uses to Cure Leprosy in Hindi)

  • कुष्ठ रोग के उपचार के लिए खैर (खादिर) कई रूपों में उपयोग किया जा सकता है। औषधि रूप में खाने, काढ़ा इत्यादि रूप में पीने लेप बनाकर त्वचा पर लगाने इत्यादि रूप में बाहरी और भीतरी दोनों तरह के प्रयोगों के लिए खैर (khadir plant) का प्रयोग अच्छा परिणाम देता है।
  • खैर (खादिर) की जड़ को जलाने से रस नीचे गिरता है। ऐसे रस को घड़े में जमा करके उसमें मात्रा के अनुसार मधु, घी एवं आँवला का रस मिलाकर पीने से कुष्ठ दूर होने लगता है।
  • इसके साथ ही इसके सेवन से कुष्ठ प्रभावित अंगों को नया जीवन मिलता है।
  • खैर (खादिर) की पेस्ट एवं काढ़ा को घी में पकाकर खाने से रक्त तथा पित्त के असंतुलन से हुए कुष्ठ में लाभ होता है। सभी प्रकार के कुष्ठों में खदिर तथा विजयसार का किसी भी तरह से प्रयोग करना अच्छा होता है।
  • खदिरसार अथवा खदिरोदक का सेवन करने से सफेद कुष्ठ (सफ़ेद दाग) (Leucoderma) में लाभ होता है। इन्हें विभिन्न कुष्ठ नाशक घी अथवा तेल इत्यादि योगों के साथ सेवन करने से भी सफ़ेद कुष्ठ में लाभ होता है।
  • खैर (khadir plant) की छाल, आंवला तथा बाकुची का काढ़ा बनाकर इसे 10 से 30 मिली की मात्रा में पिलाने से भी सफ़ेद कुष्ठ में लाभ होता है।

खैर (खादिर) के प्रयोग से चेचक का इलाज  (Uses of Khadir to Cure Chicken Pox in Hindi)

खदिर एवं विजयसार को जल में डुबोकर छान लें। इसे गर्म करके ठंडा कर लें। इस जल को पीने से चेचक (शीतला) में लाभ होता है।

खदिर एवं श्लेष्मातक को मिलाकर जल से स्नान आदि करने से भी इस रोग में लाभ होता है। चेचक के इलाज में खैर के पेड़ लाभ मिलने से जल्दी राहत मिलती है।

चर्म रोगों के इलाज में खैर (खादिर) से फायदा (Benefits of Khadir for Skin Diseases in Hindi)

  • चेचक, कुष्ठ, दाद-खाज, खुजली तथा फोड़े आदि रोगों में खैर (खादिर) के प्रयोग से बहुत तेजी से लाभ होता है। इस लाभ के लिए खैर, त्रिफला, नीम, परवल, गुडूची तथा वासा आदि द्रव्यों से बनी खदिराष्टक काढञा को 20 से 30 मिली की मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।
  • खैर (खादिर) की छाल एवं कुटज के बीज से बनी काढ़ा से घाव को धोने पर घाव साफ़ होता और धीरे धीरे ख़त्म हो जाता है।
  • इसके प्रयोग से अन्य त्वचा रोगों में भी लाभ होता है। खैर (khadir plant) की छाल के चूर्ण (khadira powder) में घी मिलाकर त्वचा पर लगाने से गर्मी से होने वाले फोड़े तथा फुन्सी आदि रोगों के उपचार में लाभ होता है।

रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहना) में खैर (खादिर) से लाभ (Khadir Benefits to Stop Bleeding Problem in Hindi)

खैर, प्रियंगु, लाल कचनार तथा सेमल के फूल के चूर्ण 2 से 4 ग्राम लेकर मधु के साथ इसका सेवन करने से रक्तपित्त में बहुत लाभ होता है।

जामुन, अर्जुन, लाल कचनार, शिरीष, लोध्र, विजयसार, सेमल तथा सहिजन के फूलों के चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से भी इस रोग में लाभ होता है। इससे नाक-कान आदि से खून बहना रुक जाता है।

बुखार उतारने के लिए करें खादिर (खैर) का उपयोग (Khadir Uses to Control Fever in Hindi)

Fever symptoms

खदिर सार तथा चिरायता का काढ़ा बनाकर, 10 से 30 मिली की मात्रा में पिलाने से प्लीहा वृद्धि तथा बुखार आदि पर नियंत्रण होता है।

चिरायता के 10-30 मिली काढ़ा में 500 मिग्रा खदिर सार (khadira plant) को मिलाकर पीने से बुखार उतर जाता है।

सूजन दूर करने के लिए करें खैर (खादिर) की छाल का प्रयोग (Benefits of Khadir to Get Relief from Swelling in Hindi)

खैर (खादिर) की छाल को पीसकर सूजन वाली जगह पर लेप लगाने से सूजन कम हो जाती है और जल्द आराम होता है।

 

मलेरिया से राहत दिलाने में फायदेमंद खैर (खादिर) (Khadir Beneficial to Treat Maleria in Hindi)

मलेरिया के लक्षणों को दूर करने में खैर का प्रयोग फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि खैर में मलेरिया से लड़ने की क्षमता पायी जाती है। 

 

बवासीर में खैर के पेड़ के फायदे (Benefit of Khadir to Get Relief from Piles in Hindi)

खैर का प्रयोग बवासीर के लक्षणों को दूर करने में भी किया जाता है क्योंकि खैर पाचन शक्ति को अच्छा रखने के साथ – साथ कषाय होने से ये बवासीर में खून आने की समस्या को भी नियंत्रित करता है। 

 

प्रदर रोग में खैर के पेड़ के फायदे (Benefit of Khadir in Leucorrhoea in Hindi)

प्रदर रोग में भी खैर की छाल का क्वाथ फ़ायदेमंद होता है क्योंकि खैर में कषाय गुण होने के कारण ये प्रदर में होने वाले स्त्राव को निंयत्रित करने में मदद करता है। 

 

दमा रोग के लक्षणों से दिलाये राहत खैर (Khadir Beneficial to Treat Asthma in Hindi)

दमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में भी खैर का प्रयोग फ़ायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार खैर में कफ शमन का गुण होता है जिस कारण ये कफ को शांत कर दमे की समस्या में आराम देने में मदद करता है।

 

मसूड़ों से खून निकलने पर खैर का उपयोग फायदेमंद  (Khadir Beneficial to Get Relief from Gum Bleeding in Hindi)

अगर आपको गम यानि मसूड़ों से ब्लीडिंग आने के समस्या है तो कत्था आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें कषाय और शीत गुण होने से ये ब्लीडिंग को रोकने में सहायक होता है। 

 

संक्रमण से बचाने में फायदेमंद खैर का उपयोग (Khadir Beneficial to protect from Infection in Hindi)

कत्थे का प्रयोग शरीर में होने वाले संक्रमण से बचाता है क्योंकि रिसर्च के अनुसार इसमें एंटी माइक्रोबियल और एंटीबैक्ट्रियल का गुण पाया जाता है। यह संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में मदद करता है।

 

लीवर में कत्थे के फायदे (Khadir Beneficial in Healthy Liver in Hindi)

कत्थे में लीवर प्रोटेक्टिव का गुण पाया जाता है इसलिए लीवर संबंधी समस्याओं में कत्थे का प्रयोग फ़ायदेमंद होता है। 

आग से जल जाने पर या घाव सुखाने के लिए करें खैर (खादिर) का इस्तेमाल (Khadir Benefits to Heal Wound in Hindi)

  • खैर (खादिर) की छाल के चूर्ण (khadira powder) को घाव पर डालने से घाव से बहता हुआ खून तुरंत रुक जाता है एवं जले हुए स्थान पर लगाने से घाव भर जाता है।
  • खैर (khadira plant) और अन्य पदार्थों से बने खदिरारिष्ट का 20 से 30 मिली की मात्रा में सेवन करने से महाकुष्ठ, दिल की बीमारियाँ, ट्यूमर, गांठ, इत्यादि पर नियंत्रण होता है।
  • इसके सेवन से खून की कमी (अनीमिया) भी दूर होती है तथा पेट के कीड़े मरते हैं। खांसी, दमा तथा प्लीहा वृद्धि आदि रोगों में भी इस दवा से लाभ होता है।

और पढ़े: खून की कमी दूर करे प्रभाकर वटी

विष उतारने के लिए खैर (खादिर) का इस्तेमाल लाभदायक (Khadir Uses as Antitoxic in Hindi)

खैर (खादिर) की जड़ तथा नीम के फल को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट की 2 से 3 ग्राम मात्रा को को हल्के गर्म जल के साथ सेवन करने से विष का प्रभाव कम हो जाता है।

इस्तेमाल के लिए खैर (खादिर) के उपयोगी भाग (How to Use Khadir?)

खैर (खादिर) पेड़ (khadira plant) के निम्नलिखित अंगों का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है:-

  1. जड़,  
  2. छाल,
  3. खदिर सार (कत्था)
  4. फूल
  5. पंचांग

उपरोक्त अंगों के औषधि रूप में प्रयोग के विभिन्न तरीके ऊपर बताये गए हैं। उसके अनुसार चिकित्सक के परामर्श से औषधि बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।   

खैर (खादिर) के सेवन की मात्रा  (Dosage of Khadir)

  1. काढ़ा – 50-100 मिली।
  2. खदिर सार – 1-2 ग्राम।
  3. अन्य रूप में चिकित्सक के परामर्शानुसार।

खैर (खादिर) के प्रयोग के नुकसान (Side Effects of Khadir)

खैर (खादिर) के बहुत ज्यादा सेवन करने से नपुंसकता की शिकायत हो सकती है। इसलिए बेहतर होता है कि उपचार के लिए इसका प्रयोग करने से पहले चिकित्सक की राय ले ली जाए 

खादिर (खैर) कहाँ पाया या उगाया जाता है (Where is Khadir Found or Grown in Hindi)

खैर वृक्ष(khadira tree) गर्म प्रदेशों में मिलता है। यह समस्त भारत के गर्म क्षेत्रों में तथा बाग-बगीचों में मिलता है। यह उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र तथा उड़ीसा के मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1200 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है।

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