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Kanchat: कंचट के हैं बहुत अनोखे फायदे – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

बारिश के मौसम में सड़कों के किनारे आपमें से कई लोगों ने इस छोटे से पौधे को देखा होगा. बहुत कम लोग इस पौधे को नाम से पहचानते हैं. इसे कंचट, कंजरा नाम से जाना जाता है. आयुर्वेद में कंचट के फायदों और औषधीय गुणों का विस्तृत उल्लेख मिलता है. कब्ज और बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में कंचट बहुत ही उपयोगी है.

Contents

कंचट क्या है? (What is Kanchat?)

कंचट का पौधा 60-90 सेमी लम्बा और गूदेदार तने वाला होता है. मानसून के मौसम में यह पौधा खाली पड़ी जगहों पर, सड़कों के किनारे अपने आप उग जाता है. इसकी पत्तियां और सब्जियां सेहत के लिए बहुत गुणकारी है. कई जगहों पर लोग इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं. इस लेख में हम आपको कंचट के फायदे, औषधीय गुण और उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

अन्य भाषाओं में कंचट के नाम (Name of kanchat in Different languages)

कंचट का वानस्पतिक नाम Commelina benghalensis Linn. (कोमेलाइना बेन्गालेन्सिस Syn-Commelina prostrata Reg. है और यह Commelinaceae (कोमेलाइनेसी) कुल का पौधा है. आइये जानते हैं अन्य भाषाओं में इसे किन नामों से पुकारा जाता है.

Spiderwort in :

  • Hindi : हिन्दी-कञ्चरा
  • English : बेंगाल वाँण्डरिंग जियू (Benghal wandering jew), डयू फ्लावर (Dew flower), बेंगाल डे फ्लावर (Benghal day flower), ट्रापिकल  स्पाइडरवर्ट (Tropical Spiderwort)
  • Sanskrit : कञ्चट, कर्णमोरट, वत्सप्रिय, कोषपुष्पी
  • Kannad : हिट्टगनी (Hittagani)
  • Gujrati : शीशमूली (Shishmuli)
  • Tamil : काननगाकरई (Kanangakarai)
  • Telugu : नीरुकस्सुवु (Nirukassuvu)
  • Bengali : कचरादम (Kachradam), कंचरा (Kanchara)
  • Nepali : काने झार (Kane jhar)
  • Punjabi : चूरा (Chura), कन्ना (Kanna)
  • Malyalam : कानोमवछि (Kanomvachhai), कीन (Kin)
  • Marathi : केना (Kena)
  • Arabi : हदैब (Hadaib)

कंचट के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Kanchat in Hindi)

कञ्चट तिक्त, लघु, वातशामक, रक्तपित्तशामक, मूत्रल, विरेचक, पूयरोधी, पाचक, मृदुकारी, तिक्त, वेदनाशामक, मृदुविरेचक,मधुमेहहर, शोथहर तथा श्लेष्म-स्राववर्धक होता है।

कंचट के फायदे और उपयोग (Benefits and Uses of Kanchat in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो कंचट की सब्जी खाने से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है. इसकी पत्तियां दाद और खुजली दूर करती हैं वहीं इसके चूर्ण के उपयोग से नाक कान से खून बहने की समस्या से छुटकारा मिलता है. आइये जानते हैं कि किन बीमारियों में फायदेमंद है कंचट

आंखों से जुड़े रोगों में फायदेमंद है कंचट ( Benefits of kanchat for Eye Diseases in Hindi)

कंचट के पौधों को पीसकर आंखों के चारों तरफ़ लगाने से आंखों के रोगों जैसे कि आंखों में दर्द, जलन आदि में फायदा मिलता है. आंखों से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी के इलाज में इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह लें.

नाक से खून बहने की समस्या ठीक करता है कंचट ( Kanchat Helps to Stops Nose Bleeding in Hindi)

अगर आप नाक से खून बहने की समस्या से परेशान हैं तो कंचट का उपयोग करें. कंचट की पत्तियों के रस को नाक में डालने से नाक से रक्तस्राव की समस्या में आराम मिलता है.

और पढ़ेंः नाक से खून बहने पर अंगूर के फायदे

कब्ज दूर करने में कंचट के फायदे ( Kanchat Benefits for Constipation in Hindi)

कब्ज के कारण कई लोगों को सुबह शौच के दौरान काफी तकलीफ होती है. सही समय पर कब्ज का इलाज ना कराने से कई अन्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है. कब्ज़ दूर करने के लिए कंचट की सब्जी बनाकर उसका सेवन करें.

और पढ़ें: कब्ज में टिंडा के फायदे

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करता है कंचट ( Kanchan Benefits for Stomach Disorders in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कंचट की पत्तियां पेट के रोगों को दूर करने में बहुत लाभकारी हैं. पेट के रोगों से आराम पाने के लिए 1-3 ग्राम कंचट की पत्तियों के चूर्ण का सेवन करें।

बवासीर के इलाज में लाभदायक है कंचट ( Benefits of Kanchat in Piles Treatment in Hindi)

बवासीर के मरीजों के लिए भी कंचट बहुत उपयोगी है. जैसा हमने ऊपर बताया कि कंचट कब्ज दूर करने और पेट के रोगों को ठीक करने में बहुत उपयोगी है. इन फायदों के साथ साथ कंचट को पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्सों में होने वाले दर्द से आराम मिलता है.

और पढ़ेंः बवासीर के लिए घरेलू इलाज

पेशाब में दर्द और पथरी की समस्या दूर करने में सहायक है कंचट (Kanchat Benefits for UTI in Hindi)

कई लोगों को पेशाब करते समय दर्द महसूस होता है, इस समस्या से राहत पाने के लिए आप कंचट का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए 2-5 ग्राम कंचट पंचाग को पानी के साथ पीसकर सेवन करें. यह मिश्रण पेशाब करते समय दर्द और पथरी की समस्या दोनों के इलाज में लाभदायक है.

घाव को जल्दी ठीक करता है कंचट (Kanchat Helps in Wound Healing in Hindi)

अगर आपको कहीं हल्की-फुल्की चोट लग गयी है या त्वचा पर कोई घाव हो गया है तो कंचट का प्रयोग करें. कंचट की पत्तियों के रस को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है.

और पढ़ेंः घाव के इलाज में मेथी के फायदे

दाद और खुजली से छुटकारा दिलाता है कंचट ( Uses of Kanchat for Ringworm and Itching in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कंचट के उपयोग से दाद और खुजली की समस्या ठीक होती है. इसके लिए  कंचट की पत्तियों को पीसकर दाद और खुजली वाली जगह पर लेप करें.

इसके अलावा कंचट और चक्रमर्द के पत्तों को उबालकर, छानकर दाद वाली जगह पर लगाने से भी दाद की समस्या जल्दी ठीक होती है.

और पढ़ेंः दाद-खाज-खुजली का घरेलू इलाज

बुखार और रक्तपित्त (नाक कान से खून बहने) के इलाज में फायदेमंद है कंचट (Kanchat Benefits in Treatment of Fever in Hindi)

गर्मियों के मौसम में कई लोगों को नाक या कान से खून बहने की शिकायत होने लगती है. इस समस्या को आयुर्वेद में रक्तपित्त कहा गया है. 2-4 ग्राम की मात्रा में कंचट पंचांग चूर्ण का सेवन करने से नाक कान से खून निकलने की समस्या खत्म हो जाती है. इसके अलावा इस चूर्ण के सेवन से बुखार भी ठीक होता है.

कंचट के उपयोगी भाग (Useful Parts of Kanchat in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कंचट के निम्न भाग उपयोग में लाये हैं.

  • पंचांग
  • जड़
  • वायवीय भाग

कंचट का इस्तेमाल कैसे करें? ( How to use Kanchat in Hindi?)

सामान्य तौर पर कंचट चूर्ण का इस्तेमाल 2-5 ग्राम की मात्रा में और कंचट से तैयार काढ़े का उपयोग 20-30 एमएल मात्रा में करना चाहिए. अगर आप किसी गंभीर बीमारी के इलाज में कंचट का उपयोग घरेलू उपाय के रूप में करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें.

कंचट कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kanchat Found or Grown in Hindi?)

कंचट की अलग से खेती नहीं की जाती है बल्कि यह खाली जगहों और सड़कों के किनारे कहीं भी अपने आप उग जाता है. बारिश के मौसम में यह पौधा ज्यादा दिखता है.

    आचार्य श्री बालकृष्ण

    आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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    आचार्य श्री बालकृष्ण

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