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Jangli Badam: जंगली बादाम के फायदे, औषधीय गुण और उपयोग – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

बादाम के बारे में तो हम सभी जानते हैं और इसके फायदों को देखते हुए रोजाना इसका सेवन भी करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जंगली बादाम भी उतना ही फायदेमंद है? आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों के रस से तैयार मलहम त्वचा और कुष्ठ रोगों के इलाज में बहुत कारगर है। इस लेख में हम आपको जंगली बादाम के फायदे, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं।

Contents

जंगली बादाम क्या है? (What is Jangali Badam?)

जंगली बादाम का पौधा समुद्र तटीय इलाकों में ऊंचाई पर पाया जाता है। जंगली बादाम के फल चपटे, नुकीले-अण्डाकार होते हैं और इनके किनारे लाल और बैगनी रंग के होते हैं। इसके प्रत्येक फल में एक बीज होता है। साल के हर सीजन में इसमें फल और फूल उगते रहते हैं।

अन्य भाषाओं में जंगली बादाम के नाम (Name of Jangali Badam in different Languages)

जंगली बादाम का वानस्पतिक नाम Terminalia catappa Linn. (टर्मिनेलिया कैटेप्पा) Syn-Terminalia latifolia Blanco; Catappa domestica Rumph है और यह Combretaceae (कॉम्ब्रेटेसी) कुल का पौधा है. आइये जानते हैं कि अन्य भाषाओं में इसे किन नामों से जाना जाता है।

Indian Almond Tree :

  • Sanskrit : क्षुद्रवाताम, ग्रहद्रुमा
  • Hindi : देशी बादाम, जंगली बादाम
  • Odia :देसीयोबदामो (Desiyobadamo)
  • Urdu : बादाम (Baadaam)
  • Kannad : टारी (Taree)
  • Gujrati : देशी बादाम (Desi badam), बडामालीली (Badamalili);
  • Tamil : कटापांग (Katapang) नट्टूवडूमई (Nattuvadumai);
  • Telugu : बादामुचेट्टू (Badamuchettu);
  • Bengali : बंगला बादाम (Bangla badam);
  • Nepali : काठे बादाम (Kaathe badaam)
  • Malyalam : अडामर्रम (Adamarram);
  • Marathi : जंगली बादाम (Jangli badam)।
  • English : ट्रौपिकल आमॅण्ड (Tropical almond), सी आमॅण्ड (Sea almond), बेंगाल आमॅण्ड (Bengal almond)
  • Arabi : बेदाम (Bedam)
  • Persian : बड़ामेंहदी (Badamehindi)

जंगली बादाम के औषधीय गुण  (Medicinal Properties of Jangali Badam in Hindi)

  • जंगली बादाम अम्ल, मधुर, कषाय, शीत तथा पित्तशामक होता है।
  • यह मलरोधक, कफ तथा शुक्रवर्धक होता है।
  • इसकी छाल, पत्र तथा कच्चे फल स्तम्भक, मृदुविरेचक, पाचक, मूत्रल, स्वेदल तथा पूयरोधी होते हैं।
  • इसके बीज पोषक, मधुर, तिक्त तथा स्तम्भक होते हैं।
  • इसके फल अम्ल, मधुर, पोषक, पाचक, तीक्ष्ण, शैत्यकारक, वाजीकर, पित्तशामक तथा आंतों के लिए हितकर होते हैं।
  • इसके फल मधुमेहनाशक क्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं।

जंगली बादाम के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Jangali badam in Hindi) :

आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम पित्तशामक होता है अर्थात यह पित्त को कम करने में मदद करता है साथ ही यह आंतों के लिए भी बहुत उपयोगी है। आइये जानते हैं कि किन किन बीमारियों में जंगली बादाम का उपयोग करना लाभदायक है।

सिरदर्द दूर करता है जंगली बादाम (Jangali Badam Benefits for Headache in Hindi)

अगर आप अक्सर होने वाले सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो जंगली बादाम का उपयोग करके आप इससे आराम पा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों का रस नाक में 1-2 बूँद डालने से या पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है।

इसके अलावा जंगली बादाम की गिरी को सरसों के तेल के साथ पीसकर सिर पर लगाने से भी सिर का दर्द दूर होता है।

और पढ़ेंः माइग्रेन के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

दस्त रोकने में सहायक है जंगली बादाम (Jangali Badam gives relief from Diarrhea in Hindi)

आप भी कभी न कभी दस्त की समस्या से परेशान जरूर हुए होंगे और तब समझ में नहीं आता कि क्या करें जिससे जल्दी आराम मिले। आयुर्वेद में दस्त रोकने के कई घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है। इसके लिए आप जंगली बादाम का उपयोग कर सकते हैं। जंगली बादाम की पत्तियों और छाल में टैनिन नामक तत्व पाया जाता है जो दस्त को रोकने में मदद करता है। खुराक संबंधी जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

इसी तरह अगर आप पेट दर्द से परेशान हैं तो जंगली बादाम की पत्तियों के रस की 5 एमएल  मात्रा लें और इसमें काला नमक मिलाकर इसका सेवन करें। इसे पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है।

और पढ़ेंः दस्त को रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे

गठिया के दर्द से आराम दिलाता है जंगली बादाम (jangali Badam Benefits in Treatment of Gout Pain in Hindi)

बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या है। हाल के समय में तो कम उम्र के लोगों में भी गठिया की शिकायत देखने को मिलने लगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप गठिया के दर्द से आराम पा सकते हैं। इसके लिए जंगली बादाम की पत्तियों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इसे नियमित रूप से लगाने से गठिया के दर्द से आराम मिलता है।

और पढ़ेंः गठिया में पिपरमिंट के फायदे

घावों को ठीक करने में मदद करता है जंगली बादाम (Jangali Badam helps in Wound Healing in Hindi)

शरीर के किसी भी हिस्से में घाव होने पर यह बहुत जरूरी है कि आप घाव को संक्रमित होने से बचाएं और घरेलू उपचारों की मदद से घावों का इलाज करें। विशेषज्ञों के अनुसार जंगली बादाम की पत्तियों और छाल को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं। घाव के साथ साथ कुष्ठ रोगों में भी यह घरेलू उपाय कारगर है।

और पढ़ेंः घाव के इलाज में मेथी के फायदे

बुखार से राहत दिलाता है जंगली बादाम (Jangali Badam gives quick relief from Fever in Hindi)

बुखार होने पर आमतौर पर अधिकांश लोग एलोपैथी दवा खाकर तुरंत बुखार से आराम पा लेते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआत में आपको घरेलू उपायों से बुखार को ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए उसके बाद आराम ना मिलने पर एलोपैथी का सहारा लेना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम की तने की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में आराम मिलता है। खुराक संबंधी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

और पढ़ेंः मलेरिया बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

जंगली बादाम के उपयोगी भाग (Useful Parts of Jangali Badam)

आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम के पेड़ के निम्न भाग सेहत के लिए उपयोगी हैं.

  • पत्तियां
  • तने की छाल
  • बीज
  • फल

जंगली बादाम का उपयोग कैसे करें (How to use Jangali Badam)

अगर आप किसी बीमारी के घरेलू उपाय के रूप में जंगली बादाम का उपयोग करना चाहते हैं तो खुराक संबंधी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

जंगली बादाम कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Jangali Badam Found or grown?)

यह भारत के समुद्र तटीय वनों में मुख्यतः अंडमान एवं अन्य द्वीपों में लगभग 300 मी तक की ऊँचाई पर पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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