पेट में कीड़ा होना कृमि रोग कहलाता है। पेट के कीड़े कईं समस्याओं को जन्म देते हैं। यह समस्या सबसे अधिक बच्चों में होती है जिस कारण उनमें पेट दर्द, भूख न लगना और वजन घटने जैसे लक्षण नजर या महसूस होते हैं।
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शायद आपको पता नहीं कि पेट में कीड़ा 20 प्रकार के होते हैं, जो पेट में घाव तक कर देते हैं। कृमिरोग या पेट में कीड़ा दूषित आहार एवं खराब जीवनशैली के कारण ही होता है। जो लोग खुले में बनने वाला भोजन या दूषित भोजन करते हैं उन्हें ही कृमिरोग होने की अधिक संभावना रहती है। भोजन करने से पहले हाथ न धोना, गन्दा और बासी भोजन करना तथा अधिक आराम करना इस प्रकार की जीवनशैली के कारण कृमि रोग होता है।
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पेट में कीड़े होने पर बार-बार पेट में दर्द होता है। आँखे लाल रहती हैं, जीभ का रंग सफेद एवं जीभ मोटी नजर आती है। मुँह से हर समय दुर्गन्ध आती है। इसी के साथ रात को सोते समय जिन बच्चों के दाँत बजते हो उनके भी पेट में कीड़े होते हैं।
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पेट में कीड़े होने की कई वजह होती हैं पर मुख्य रूप से यह दूषित खान-पान के सेवन की वजह से होता है जैसे- गलत खान-पान, गन्दे हाथों से भोजन करना, खुले में रखे हुए भोजन को खाना, अधिक मीठा खाना, दिन भर सिर्फ आराम करना और परिश्रम न करने से पेट में कीड़े हो जाते हैं।
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पेट में कृमि होने से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना ज़रूरी होता है।
-भोजन करने से पहले हार्थों को अच्छी प्रकार धोएँ।
-खुले में बनने वाला भोजन न खाएँ।
-पीने के लिए साफ जल का प्रयोग करें। नल के पानी को उबाल कर फिर ठण्डा कर के पिएँ।
-दूषित एवं बासी भोजन न खाएँ।
-अधिक मीठे एवं डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन न करें।
-अच्छी प्रकार पका हुआ एवं स्वच्छ भोजन करें।
-खुले में बनने वाले भोजन की बजाय घर में बना भोजन ही खाएँ।
-बासी और दूषित भोजन से दूर रहें।
-कच्ची सब्जियाँ और कच्चे मांस का सेवन न करें। भोजन को अच्छी प्रकार पका कर खाएँ।
-मीठे एवं चिपचिपे पदार्थों का सेवन कम करें।
आम तौर पर पेट से कीड़ा निकालने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से पेट के कृमि से निजात पाया जा सकता है।
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-अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम और उतना ही गुड़ गोली बनाकर दिन में तीन बार सेवन करें। अजवायन में एंटी बैक्टिरीयल तत्व पाए जाते हैं जो कीड़ों को समाप्त कर देते हैं। इसका सेवन चार से पाँच दिन तक करें।
-इसके अलावा चुटकी भर काला नमक और आधा ग्राम अजवायन चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय गर्म पानी से लें। यह उपयोग बच्चों में काफी कारगर है यदि बड़ों को यह समस्या है तो काला नमक और अजवायन दोनों को बराबर मात्रा में लीजिए। दिन में दो बार तीन से चार दिन तक इसका सेवन करें।
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अनार पेट की कृमि के इलाज में फायदेमंद (Pomegranate Beneficial to Get Relief from Stomach Worm in Hindi)
अनार के छिलकों को सुखाकर इसका चूर्ण बना लीजिए। यह चूर्ण दिन में तीन बार एक-एक चम्मच लीजिए। बच्चों और बड़ों दोनों में ही यह उपाय फायदेमन्द है।
नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टिरीयल तत्व होते हैं जो पेट के कीड़ों को नष्ट कर देते हैं। नीम के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर पीने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
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कृमि रोग होने पर लहसुन की चटनी बनाकर खाएँ। लहसुन की चटनी में सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम खाने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। बच्चों और बड़ों दोनों में ही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
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पेट में कृमि होने पर टमाटर को काटकर उसमें सेंधानमक और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
पेट में कीड़े होने पर तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस दिन में दो बार पीने से पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
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कच्चे आम की गुठली का चूर्ण दही या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इसके नियमित सेवन से कुछ ही दिन में पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
कच्चे पपीते को एक चम्मच दूध में एक चम्मच शहद और चार चम्मच उबला पानी मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
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लौंग को पानी में भिगा कर रखें और इसके पानी को बच्चों को पिलाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं। इससे बच्चों के पेट में होने वाली बेचैनी से आराम मिलता है।
पेट में कीड़े होने की वजह से कई तरह की परेशानियाँ रोगी को हो सकती हैं, जैसे- पेट में दर्द, अधिक भूख लगना या भूख न लगना, शरीर में खून की कमी, मुँह से बदबू आना आदि। इसलिए शीघ्र ही घरेलु उपाय द्वारा इसका इलाज करना चाहिए। यदि घरेलु उपायों द्वारा लाभ न मिले तो तुरन्त ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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