आम तौर पर माहवारी को अंग्रेजी में पीरियड्स कहते हैं, और यही शब्द महिलाओं में ज्यादा प्रचलित है। मासिक धर्मचक्र महिलाओं में होने वाली एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। 10–15 वर्ष की आयु की स्त्री के अण्डाशय से हर महीने एक विकसित डिम्ब (egg) उत्पन्न होना शुरू हो जाता है। यह डिम्ब अण्डवाहिका नली (Fallopian tube) द्वारा नीचे जाता है जो कि अण्डाशय (ovary) को गर्भाशय (uterus) से जोड़ती है। जब यह डिम्ब (egg) गर्भाशय में पहुँचता है तो उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अण्डा अगर उर्वरित या फर्टिलाइज हो जाए तो वह बढ़ कर शिशु के जन्म के लिए विकसित होने लगता है परन्तु जब यह डिम्ब पुरुष के शुक्राणु से सम्मिलित नहीं होता है तब यह स्राव या ब्लीडिंग होकर निकल जाता है। यह प्रक्रिया हर माह चलती है और यह स्राव हर माह योनि से बाहर निकल जाता है। इसी स्राव को मासिक धर्म, माहवारी या पीरियड्स (Menstrual cycle) कहते हैं।
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समय से पहले मासिक धर्म करवाने से हमारे शरीर में स्थित दोषों, वात, पित्त और कफ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे दोष असंतुलित हो जाते हैं। इनमें मुख्यत: वात दोष प्रभावित होता है, क्योंकि मासिक स्राव को शरीर से बाहर निकालने के लिए वायु ही जिम्मेदार होता है अत: समय से पहले माहवारी लाने के लिए किए गए उपचारों से शरीर में मौजूद वात दोष दूषित होकर कई लक्षणों को जन्म देती है।
समय से पूर्व मासिक धर्म को लाने से महिलाओं के सामान्य हार्मोनल स्तर में बदलाव आते हैं और बार-बार ऐसा करने से हार्मोन संबंधी समस्या या गर्भाशय से संबंधित समस्या होने का खतरा रहता है। अण्डाशय में ग्रंथिया बनना या गर्भाशय में फिबरॉयड (Fibroid) बनने की समस्या हो सकती है। यदि ऐसा बार-बार किया जाए तो महिलाओं की प्रजनन क्षमता में भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। साथ ही चिड़चिड़ापन, नींद न आना, भूख में कमी, चेहरे पर मुँहासे निकलना और पेट और कमर में दर्द जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए समय से पूर्व माहवारी करना सेहत के नजरिए से सुरक्षित नहीं होता।
इसके अलावा समय से मासिक धर्म चक्र करवाने से शरीर में भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। समय से पहले पीरियड्स करवाने से पेट और कमर में हल्का या तेज दर्द होना, सिर दर्द, ब्रेस्ट में दर्द, माइग्रेन का दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और चक्कर आना तथा थकान जल्दी होना, नींद न आना और भूख कम लगना जैसे लक्षण आने का खतरा रहता है। इसके अलावा पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्तस्राव या ब्लीडिंग में बदलाव और चेहरे पर मुँहासे आ सकते हैं।
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पीरियड्स को जल्दी लाने के एलोपैथिक दवाइयों में हार्मोनल टैबलेट चलाई जाती हैं, जैसे प्रोजेस्टेरॉन। इसके सेवन से शरीर के सामान्य हार्मोनल स्तर में बदलाव आता है जिस कारण अनियमित मासिक धर्म चक्र की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और साथ माहवारी से संबंधित अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं। इसलिए पीरियड्स को बार-बार जल्दी लाने के लिए चेष्टा नहीं करनी चाहिए परन्तु जरूरत पड़ने पर घरेलू उपायों को ही अपनाना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से शरीर में विपरीत प्रभाव नहीं पड़ते तथा मासिक धर्म के दौरान होने वाले लक्षणों से भी राहत मिलती है।
पपीते के फल का सेवन करें। इसमें मौजूद कैरोटीन (Carotene) और एस्ट्रोजेन ( estrogen) हार्मोन को उत्तेजित करने में मदद करता है जिससे पीरियड्स जल्दी हो जाता है तथा दर्द नहीं होता।
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गाजर में कैरोटीन प्रचुर मात्रा में होता है जिससे शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और पीरियड्स जल्दी शुरु हो जाते हैं। इसलिए मासिक धर्मचक्र को जल्दी लाने के लिए दिन में दो-तीन ताजा गाजर खाना चाहिए या गाजर का रस भी पी सकते हैं।
पीरियड्स समय से पहले करवाने के लिए निर्धारित समय से 15 दिन पहले गुड़ के साथ एक छोटा चम्मच तिल ले सकते हैं। इसके अलावा दिन में दो बार एक छोटा चम्मच तिल गर्म पानी के साथ पीने से भी पीरियड्स जल्दी शुरु हो सकता है।
एक गिलास पानी में अदरक के रस के साथ एक छोटा टुकड़ा गुड़ घोलकर खाली पेट पी सकते हैं। नहीं तो, केवल एक चम्मच अदरक के रस में भी गुड़ मिलाकर भी पी सकते हैं। ऐसा पीरियड्स के निर्धारित तिथि (डेट) से पाँच दिन पहले करना चाहिए।
एक गिलास पानी में दो चम्मच अजवायन डालकर उबालें। आधा गिलास रह जाने पर इसे गुनगुना अवस्था में ही पी लें।
गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर निर्धारित समय से 15 दिन पहले सुबह-शाम नियमित रूप से पीने से पीरियड्स जल्दी होने की संभावना रहती है।
एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ रात भर भिगा कर रखें और सुबह छान कर पी लें। माहवारी के निर्धारित समय से एक दिन पहले ऐसा करें।
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खजूर से शरीर में गर्मी बढ़ती है इसलिए अपनी निर्धारित तारीख से पहले खजूर खाना शुरु करें। प्रतिदिन 4–5 खजूर खाने से समय से पहले पीरियड्स लाने में आसानी होती है।
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नींबू, संतरा, किवी, आँवला जैसे खट्टे फलों का सेवन करें। इनके सेवन से प्रोजेस्टेरॉन (Progesterone) के स्तर में बढ़ोतरी होती है जो कि मासिक धर्म को बढ़ाने वाला हार्मोन होता है।
गाजर और चुकंदर का रस एक समान मात्रा में मिला कर पीने से पीरियड्स समय से पहले आने लगते हैं।
निर्धारित तारीख से 15 दिन पहले से दिन में दो बार अनार का जूस पीना शुरु कर देने से पीरियड्स जल्दी आने लगता है।
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दो चम्मच प्याज के रस में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर सेवन करने से पीरियड्स (Periods) जल्दी आने की संभावना बढ़ जाती है।
वैसे तो करेले का जूस पीना बहुत मुश्किल होता है इसलिए एक कप करेले के जूस में एक चम्मच चीनी मिलाकर सेवन करने से पीरियड्स जल्दी आने की संभावना रहती है।
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यदि समय से पहले पीरियड्स लाने के उपायों द्वारा आपको पीरियड्स होना शुरू हो गया है लेकिन आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे पेट या कमर में दर्द होना, जी मिचलाना, उल्टी होना, भूख न लगना, सिर में दर्द रहना, चेहरे पर मुँहासे निकल आना तथा आगे होने वाले मासिक धर्म चक्र में अनियमितता आना आदि हो रहा है तो डॉक्टर से तुरन्त सलाह लेनी चाहिए।
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