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एड़ी के दर्द के लिए घरेलू उपचार : Home remedies for Heel Pain

आम तौर पर एड़ियों में दर्द की समस्या महिलाओं को ज्यादा होती है लेकिन यह आम समस्या है जो किसी को भी कभी भी हो सकती है। एड़ियों में दर्द होने पर कई बार चलना तक मुश्किल हो जाता है। एड़ियों में दर्द का मुख्य कारण प्लानटर फैसिटिस (Plantar fascitis) होता है, इस परिस्थिति को हिल स्पर सिंड्रोम (Heel spur syndrome) भी कहते है। इसके अलावा एड़ियों में दर्द अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे- स्ट्रेस,फ्रैक्चर, टेंडोनाइटिस, अर्थराइटिस और नसों को जो नुकसान पहुँचता है उसके कारण भी होता है। कई मामलों में एड़ी का दर्द काफी गंभीर और असहनीय हो जाता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता। सामान्यत यह दर्द हल्का और अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन प्लानटर फैसिटिस (Plantar fascitis) की स्थिति में यह दर्द निरन्तर और लम्बे समय तक बना रहता है। इसके अलावा यदि यह दर्द किसी चोट के कारण हो तो भी दर्द लंबे समय तक बना रह सकता है।

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एड़ी में दर्द होना असल में होता क्या है? ( What is Heel Pain?)

आयुर्वेद में एड़ी में होने वाले दर्द को वातकण्टक कहा गया है। यह मुख्य रूप से वात एवं कफ दोष के कारण होता है। वात दोष एवं कफ दोष को बढ़ाने वाले आहार के सेवन से तथा अत्यधिक व्यायाम, खेल-कूद, भाग-दौड़ के कारण कभी-कभी वात बढ़ जाता है। अत: कहने का  मतलब यह है कि आयुर्वेद में वात एवं कफ दोष एड़ियों के दर्द के कारण माने गए हैं।

एड़ियों का दर्द अक्सर सुबह उठते वक्त रहता है, लोग कई बार इस दर्द को एक आम दर्द समझ्कर नजर अन्दाज कर देते है लेकिन यह हानिकारक हो सकता है। अगर हर रोज सुबह उठने के बाद ही आपकी एड़ियों में दर्द रहता है तो यह प्लानटर फैसिटिस (Plantar Fascitis) होने का संकेत है जिसकी वजह से आपको रोज एड़ी के दर्द से जूझना  पड़ता है। उपचार के अभाव में यह एक गंभीर समस्या बन सकती है, इसके कारण से व्यक्ति को दैनिक कार्यों एवं चलने-फिरने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। इस दर्द के वजह से अधिक देर तक खड़े रहने या वजन उठाने में भी कठिनाई हो सकती है।

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एड़ी में दर्द होने के लक्षण (Symptoms of Heel Pain)

यदि एड़ी में दर्द सामान्य मांसपेशीगत दर्द न होकर प्लानटर फैसिटिस (Plantar fascitis) के कारण होता है तो इसमें दर्द के अलावा अन्य लक्षण भी पाए जाते है, जैसे-

-पैरों के निचले हिस्से में दर्द के साथ जलन या कुछ समय के लिए एड़ी से बाहर निकलता हुआ महसूस होना।

-पैरों के तलें में दर्द के साथ जकड़न।

-सोकर उठने के बाद एड़ियों में असहनीय दर्द।

-ज्यादा देर तक खड़ा रहने पर पैरों में दर्द।

-तलवे या एड़ी का उठा हुआ महसूस होना।

-पैर में हल्की सूजन या लाल होना।

-पैरों के तल में जकड़न या कड़ापन।

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एड़ी में दर्द होने के कारण (Causes of Heel Pain)

कभी-कभी शरीर में विटामिन-डी की कमी के कारण भी एड़ी में दर्द की समस्या हो सकती है। विटामिन-डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो कि हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है। विटामिन-डी की कमी के कारण व्यक्ति को ऑस्टिरोपोरोसिस (Osteoporosis), हड्डियों में फ्रैक्चर (bone fracture) या हड्डियों, मांसपेशियों, पैर और टखने में दर्द जैसी समस्याएं होने की आशंका रहती है। इसके अलावा विटामिन बी-12, कैल्शियम और मैग्निशियम की कमी के कारण भी एड़ी में दर्द की समस्या हो सकती है। शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए मैग्निशियम की जरूरत होती है, उसकी कमी के वजह से कैल्शियम की भी कमी हो जाती है। कहने का मतलब है कि विटामिन बी12 भी मांसपेशियों की सामान्य गतिविधि के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा और भी कारण होते है, जो निम्न हैं-

-वजन बढ़ने की वजह से।

-लंबे समय तक खड़े रहने के कारण।

-ऊंची एड़ी वाले जूते या सैंडिल पहनने से।

-कोई नया व्यायाम या शारीरिक गतिविधि करने के कारण।

-पैर का सपाट होना या  तले का असामान्य रूप से ऊँचा होना।

एड़ी में दर्द से बचने के उपाय (How to Prevent Heel Pain?)

एड़ी में दर्द न हो इसके लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाना भी ज़रूरी होता है। जैसे-

आहार-

एड़ियों में दर्द होने पर ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे इंफ्लामेशन या सूजन होने का खतरा हो, जैसे कि परिष्कृत अनाज, अत्यधिक मात्रा में चीनी, जंक फूड और बेकरी प्रोडक्ट में मौजूद ट्रांसफैट, मांसाहारी भोजन आदि। इसलिए इन चीजों का सेवन एड़ियों के दर्द में बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

जीवनशैली-

एड़ी में दर्द होने पर बहुत देर तक खड़े रहना, ऊँची एड़ी वाले जूते पहनना, अधिक भार उठाना या अधिक वजन बढ़ना आदि, इन चीजों से भी दूर रहना चाहिए।

एड़ी के दर्द के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home remedies for Heel Pain)

आम तौर पर छोटे-मोटे दर्द से निजात पाने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं।  यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से एड़ी के दर्द से आराम पाया जा सकता है।

हल्दी दूध एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Haldi Doodh Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

हल्दी का एंटी इंफ्लैमटोरी गुण शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है। इसलिए हल्दी का यह गुण एड़ियों के दर्द में बहुत फायदेमन्द साबित होती है। यह दर्द एवं सूजन दोनों में काम करती है। इसलिए अपने आहार में हल्दी का इस्तेमाल जरूर करें साथ ही दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी लाभ मिलता है।

बर्फ का सेंक एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Ice Compress Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

दिन में लगभग चार से पाँच बार प्रभावित जगह पर बर्फ का टुकड़ा लगाएँ। इसके लिए एक कपड़े में बर्फ के टुकड़े को लपेटकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है।

अदरक का काढ़ा एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Ginger Decoction Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

अदरक को बारीक काटकर दो कप पानी में डालकर उबालें। अच्छी तरह उबल जाने पर जब पानी एक कप ही रह जाए तब गुनगुना होने पर इसमें दो से तीन बूंद नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। अदरक दर्द एवं सूजन दोनों से ही राहत दिलाने में मदद करता है।

सिरका एड़ी के दर्द से दिलाये राहत (Vinegar Beneficial in Heel Pain in  Hindi)

सिरका (Vinegar) सूजन, मोच और ऐंठन जैसे लक्षणों को ठीक करने में मदद करता है। गर्म पानी की एक बाल्टी में दो बड़े चम्मच सिरका और एक छोटा चम्मच नमक या सेंधा नमक मिलाएं फिर इसमें अपने पैरो को लगभग बीस मिनट के लिए डुबा कर रखने से दर्द से आराम मिलता है।

सेंधा नमक एड़ी के दर्द से दिलाये राहत (Rock Salt Beneficial in Heel Pain in  Hindi)

गर्म पानी के एक टब में दो से तीन बड़े चम्मच सेंधा नमक मिलाकर इसमें अपने पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए डाल दें, इससे एड़ी के दर्द और सूजन में आराम मिलता है।

लौंग का तेल एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Clove Oil Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

लौंग के तेल से धीरे-धीरे दर्द वाली जगह पर मालिश करें। इससे रक्त प्रवाह तेज होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। पैरों में किसी भी तरह का दर्द होने पर लौंग का तेल बहुत लाभदायक होता है।

सेब का सिरका एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

एक कप सेब के सिरके में एक तेजपत्ता डालकर उबाल लें। अब एक रूई के पैड को इसमें डुबाकर प्रभावित जगह पर सिकाई करें।

सरसों का बीज एड़ी के दर्द से दिलाये राहत (Mustard Seed Beneficial in Heel Pain in  Hindi)

लगभग 50 ग्राम सरसों के बीज लेकर पीस लें और गर्म पानी की बाल्टी में मिला लें। अब अपने पैरों को इस पानी में 10 से 15 मिनट के लिए डाल कर रखें।

स्ट्रेचिंग एड़ी के दर्द से दिलाये राहत (Stretching Beneficial in Heel Pain in  Hindi)

नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करें। एक तौलिए को मोड़कर अपने तलवों के नीचे रखें अब एड़ियों को ऊपर की तरफ उठाएं और पैर को स्ट्रेच करें। एक-एक करके दोनों पैरो में 15-30 सेकेण्ड के लिए ये प्रक्रिया दोहराये।

गर्म सेंक एड़ी के दर्द से दिलाये राहत (Hot Compress Beneficial in Heel Pain in  Hindi)

पैर के तले के नीचे एक पानी की बोतल रखें। इसके बाद इसे तलवों की मदद से एक मिनट आगे-पीछे करके घुमाएँ। फिर इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी दोहराए।

एलोवेरा जेल एड़ी के दर्द से राहत पाने में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial to Get Relief from Heel Pain in  Hindi)

एक बर्तन में ऐलोवेरा जैल ड़ालकर धीमी आँच पर गर्म करें। इसमें नौसादर और हल्दी ड़ालें, जब यह पानी छ़ोड़ने लगे तो इसे थ़ोड़ा गुनगुना होने पर रुई से एड़ियों पर लगा लें, इसे कप़ड़े के साथ बाँध ले, और इसे रात को प्रयोग करें। लगातार 30 दिनों तक प्रतिदिन सेवन करने से आराम मिलता है।

और पढ़े-एलोवेरा के फायदे

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

यदि एड़ियों में होने वाला दर्द ज्यादातर सुबह के समय सोकर उठने के बाद होता है जिस कारण से व्यक्ति की सामान्य दिनचर्या प्रभावित होती है। यदि यह दर्द एक या दो दिन रहकर स्वयं ही ठीक हो जाता है तो इसे सामान्य मांसपेशीगत दर्द समझना चाहिए तथा उचित आराम से ही यह ठीक हो जाएगा लेकिन अगर यह दर्द चार से पांच दिन ज्यादा रहता है साथ ही पैर में जकड़न रहती है तो यह गम्भीर संकेत है। ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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