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चिकनगुनिया के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार : Home Remedies for Chikungunia

चिकनगुनिया (chikungunya fever) एक वायरल बीमारी है और चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह रोग एडिस प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है। आमतौर पर ऐसी बीमारी होने पर चिकनगुनिया है या डेंगू या फिर आम फीवर है यह जानना मुश्किल होता है। इसलिए बुखार होने पर तुरन्त डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि चिकनगुनिया क्यों होता है, चिकनगुनिया के लक्षण (chikungunya ke lakshan) क्या-क्या होते हैं और चिकनगुनिया के घरेलू उपचार क्या-क्या हैं।

 

Chikungunya mosquito bite

Contents

चिकनगुनिया क्या है? (What is Chikungunia?)

चिकनगुनिया एक संक्रामक रोग होता है। चिकनगनिया के लक्षण (chikungunya ke lakshan) के रूप में आपको 39 डिग्री सेल्सियस तक बुखार (ज्वर) हो जाता है। हाथों और पैरों पर चकत्ते बन जाते हैं। शरीर के विभिन्न जैसे जोड़ों, सिर और आँखों में दर्द होता है। इस रोग में बुखार आमतौर पर दो दिन से ज्यादा नहीं रहता और अचानक समाप्त हो जााता है। चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार का माना जाता है।

चिकनगुनिया के लक्षण महसूस होने पर ये जांच कराना जरूरी होता है। जांच से ही जान सकते हैं कि चिकनगुनिया हुआ है कि नहीं-

1- रिवर्स ट्रांस्क्रिप्शन पॉलीमिरेस चेन रियेक्शन (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) चिकनगुनिया के जीन्स को अधिक स्पष्टता से दर्शाता है और चिकनगुनिया का होना प्रमाणित करता है-

2- इम्यूनोफ्लोरेसेन्स एसेस (Immunofluoresance assays)

3- हेमाग्लूटिनेशन इन्हिबिशन टेस्ट्स (Haemagglutination inhibition tests)

चिकनगुनिया होने के कारण (Causes of Chikungunia)

चिकनगुनिया वायरस एक संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। इस रोग को शरीर में आने के बाद 2  से 4 दिन का समय फैलने में लगता है। इस रोग के लक्षणों (chikungunya ke lakshan) में बुखार आमतौर पर दो से ज्यादा दिन तक नहीं चलता है तथा अचानक ही समाप्त भी हो जाता है। मूल रूप से यह रोग उष्णकटिबंधीय अफ्रिका तथा एशिया में पनपता है। यह रोग एडिस प्रजाति के मच्छर मानव शरीर मे फैलाते हैं।

जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित हो तो मच्छर भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। यह मच्छर दिन के उजाले में काटते हैं। यह रोग मच्छर से मानव को और दोबारा मच्छर द्वारा मानव का संक्रमित खून पीने से होता है अर्थात् मानव-मच्छर-मानव के चक्र में फैलता है। यह रोग विषाणु मुख्यत अर्थात् मुख्य रूप से बन्दर में पायें जाते हैं किन्तु मानव शरीर सहित अन्य प्रजातियाँ भी इस से प्रभावित हो सकती है।

चिकनगुनिया होने के लक्षण (Symptoms of Chikungunia)

चिकनगुनिया को शरीर में आने के बाद फैलने में 4 दिन का समय लगता है और फिर उसके लक्षण समय के साथ नजर आने लगते हैं।

  • हाथों और पैरों में चकत्ते बन जाते हैं।
  • शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होने लगता है जो मनुष्य को कमजोर बना देती है।
  • यह कुछ दिनों तक चलता है या कईं हफ्तों तक भी चल सकता है।
  • मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द एवं थकान (chikungunya ke lakshan) का अनुभव होता है।
  • यह बिमारी विशेष रूप से बुजुर्ग और युवा द्वारा अनुबंधित हो तो अधिक गम्भीर होता है।
  • गम्भीर पीठ दर्द
  • आँखों में पीड़ा एवं कंजेक्टिवाइटिस होना
  • अनिद्रा तथा निर्बलता भी शामिल है।
  • गले में खराश होना

 

Fever

चिकनगुनिया से कैसे बचें? (How to Prevent Chikungunia?)

चिकनगुनिया से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना जरूरी होता है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं : 

जीवनशैली से जुड़े बदलाव 

  • जहाँ कहीं जाएँ वहाँ मच्छरों के काटने से खुद को बचाएँ।
  • यदि आप अपने घर में हैं और मच्छरों से खुद को बचाना चाहते हैं तो मच्छर-दानी के नीचे सोएँ।
  • अपने घर के आस-पास या बाहर जो कंटेनर, गड्ढे, बाल्टी या गमलों में पानी रुका होता है उसे खाली करके मच्छरों को पनपने से रोकें।
  • कीट रेपेल्लेंटस् का उपयोग करें जिससे रोधक दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • कीट से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग सनक्रीन से पहले करें।
  • ऐसे कपड़े पहनें जिससे शरीर पूरी तरह से ढ़क जाए।
  • अगर हो सके तो अपने घर की खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखें।
  • खूब पानी पिएँ जिससे आपकी बॉडी हाइड्रेटेड रहे।
  • अपने घर के किसी कमरे में कपूर जलाएँ, इससे मच्छर घर से दूर रहते हैं।

खानपान में बदलाव : 

  • चिकनगुनिया में आहार के रूप में नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
  • चिकनगुनिया में ताजी हरी पत्तेदार सब्जियाँ खानी चाहिए।
  • चिकनगुनिया में आहार के रूप में हरी सब्जियों का सूप पीने को दें।
  • चिकनगुनिया से ग्रसित रोगी को सेब का सेवन करवाएँ।
  • केले का सेवन फायदेमंद है।
  • चिकुनगुनिया में विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • चिकुनगुनिया में विटामिन-ई एवं जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।

और पढ़ें : चिकुनगुनिया के मरीज अपनाएं ये डाइट प्लान 

 

चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए घरेलू उपाय (Home remedies for Chikungunia)

चिकनगुनिया होने पर उसके लक्षणों सर राहत पाने के लिए घरेलू इलाज करना ही लोग सबसे पहले चाहते हैं। ताकि घर पर आसानी से चिकनगुनिया (chikungunya fever) के परेशानियों से राहत मिल सके।

चिकनगुनिया के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में पिएं पानी (Water: Home Remedies for to Relieve from Chikungunia in Hindi)

 चिकनगुनिया होने पर रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी शरीर के सभी विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है । यदि चिकनगुनिया से ग्रसित रोगी को पानी कम मात्रा में पिलाया जाएगा तो उसे डीहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है।

water

और पढ़ें : आयुर्वेद की मदद से जानिये कब और कितना पानी पिएं 

 

चिकनगुनिया के उपचार के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन (Dairy Products: Home Remedies for to Recover from Chikungunya in Hindi)

चिकनगुनिया से ग्रसित व्यक्ति को दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना चाहिए। डेयरी उत्पाद से चिकनगुनिया बुखरा पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है।

चिकनगुनिया का उपचार अजवाइन से (Ajwain: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

चिकनगुनिया में अजवायन देने की सलाह दी जाती है। अजवायन में थाइमोल नामक एक तेल पाया जाता है जो लोकल एनेस्थिसिया की तरह काम करता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर का दर्द कम (chikungunya ka ilaj) हो जाता है।

और पढ़ें:- अजवाइन के औषधीय गुण

चिकनगुनिया के उपचार के लिए सहजन का इस्तेमाल (Drumstick: Home Remedies for Chikungunia in Hindi)

चिकनगुनिया में सहजन की फलियों का सूप पीने को दिया जाता है। इसके पत्ते भी काफी फायदेमंद होते हैं। सहजन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।

चिकनगुनिया के उपचार के लिए हल्दी का सेवन (Turmeric: Home Remedies for Chikungunia in Hindi)

हल्दी हर रोग का रामबाण है, इसे आप दूध में मिलाकर पएं। इससे चिकनगुनिया से ग्रसित मनुष्य ठीक हो जाता है। यह उपाय बहुत लाभ देता है।

 

Haldi Milk

 

चिकनगुनिया की दवा तुलसी (Tulsi: Home Remedies for Chikungunia in Hindi)

हम सब के घरों में तुलसी का पौधा औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी हमारे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और हमें बिमारियों से बचाती है।

और पढ़े: तुलसी के औषधीय गुण

चिकनगुनिया की दवा गिलोय (Giloy: Home Remedies for Chikungunia in Hindi)

चिकनगुनिया से राहत के लिए गिलोय रस या गिलोय कैप्सूल लें। आप एक दिन में एक ग्राम की खुराक ले सकते हैं। यह चिकनगुनिया के उपचार में मदद करता है।

और पढ़ें: गिलोय के औषधीय गुण

चिकनगुनिया की दवा पपीता की पत्तियां (Papaya Leaves: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

7 से 8 ताजे पपीते की पत्तियां लेकर उन्हें धो लें और उनका पेस्ट बना लें। फिर उस रस को निचोड़कर 2-2 चम्मच रस 3-3 घण्टे बाद पिलाएँ। इस बुखार में शरीर के प्लेट्लेट्स तेजी से गिरते हैं और पपीते की पत्तियाँ प्लेट्लेट्स को बढ़ाते हैं।

और पढ़ें : पपीते के फायदे और औषधीय गुण 

चिकनगुनिया का इलाज अंगूर से (Grapes: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

अंगूर के बीजरहित फल को गाय के गुनगुने दूध के साथ पीने से चिकनगुनिया का वायरस मर जाता है। यह कारगर उपाय है।

चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए लहसुन का सेवन (Garlic: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

  • जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में लहसुन का कोई मुकाबला नहीं है। इसे प्रभावित जगह पर जितना ज्यादा लगाया जाए, उतना अच्छा होता है। यह ना सिर्फ दर्द से राहत दिलाता (chikungunya ka ilaj) है, बल्कि सूजन को कम करके रक्त संचार को बेहतर करता है।
  • लहसुन की 10 से 12 कलियां लें और उनका पेस्ट बनाकर पानी के साथ पेस्ट (ग्राइंड) बना लें। अब इस पेस्ट को जोड़ों पर दर्द वाली जगह पर लगाएँ और कुछ घण्टों के लिए छोड़ दें।

Garlic benefits for chikungunya

चिकनगुनिया बुखार के इलाज में शहद व नीम्बू से फायदा (Honey and Lemon: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

  • चिकनगुनिया का इलाज करने के लिए शहद का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। वहीं नीम्बू बुखार से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • एक चम्मच शहद व आधे नीम्बू को एक गिलास पानी में मिलाकर इसका सेवन करें। आप पानी को गर्म कर उसमें नीम्बू व शहद को मिक्स कर उसकी चाय का सेवन भी कर सकते हैं।

और पढ़ें : शहद के फायदे और सेवन का तरीका 

चिकनगुनिया के लक्षणों से राहत पाने के लिए सब्जियों का सूप का इस्तेमाल (Vegetables Soup: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

सब्जियों का सूप चिकनगुनिया में बहुत अधिक लाभदायक होता है इसलिए चिकनगुनिया में टमाटर का सूप पिएं इसके अलावा तरल पदार्थ का सेवन करें।

चिकनगुनिया बुखार के इलाज ओमेगा-3 फैटी एसिड से (Omega 3 Fatty Acid Foods: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

ओमेगा-3 फैटी एसिड रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह हमें दाल, अलसी और अखरोट से प्राप्त होता है। इससे चिकनगुनिया में लाभ मिलता है।

चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए खाएं केला (Banana: Home Remedies to Get Relief from Chikungunya in Hindi)

केले में चीनी की मात्रा कम होती है और स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा केले में फाइबर भी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से पाचन क्रिया मजबूत रहती है।

banana benefits

चिकनगुनिया के लक्षणों से राहत पाने के लिए चॉकलेट का सेवन (Chocolate: Home Remedies for Chikungunya in Hindi)

चिकनगुनिया बुखार के दौरान रोगी को दिन में 2-3 बार चॉकलेट खानी चाहिए। दिन में 4-6 छेनी और सफेद रसगुल्ले खाने चाहिए क्योंकि ये कैलोरी बढ़ाने में मददगार (chikungunya ka ilaj) साबित होता है। शुगर और ब्लड प्रेशर हाई पेशेन्ट्स को मीठे से परहेज करवाया जाता है।

 

आइस पैक से चिकनगुनिया के लक्षणों से राहत (Ice Pack: Home Remedies for Chikungunia in Hindi)

बर्फ का पैक सूजन और दर्द में आराम पहुँचाता है। यह उपाय चिकनगुनिया के उपचार के दौरान किया जाना चाहिए। इससे रोगी को आराम मिलता है।

 

गाजर चिकनगुनिया के उपचार में फायदेमंद (Carrot: Home Remedies to Get Relieve from Chikungunia in Hindi)

कच्ची गाजर खाने से वह चिकनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपको राहत दिलाता है।

Gajar ke fayde

 

नारियल पानी से चिकनगुनिया के लक्षणों से आराम (Coconut Water: Home Remedies to Get Relief from Chikungunia in Hindi)

कुछ दिनों के लिए दिन में दो से तीन बार नारियल पानी का सेवन करें। यह चिकनगुनिया के उपचार के दौरान बहुत ही फायदा दिलाता है।

 

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When to Contact a Doctor?)

चिकनगुनिया एक वायरल बिमारी है। चिकनगुनिया के लक्षण (chikungunya ke lakshan) डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं। इस बीमारी में ग्रसित को तेज बुखार के साथ शरीर में दर्द होता है। कुछ दिन तक परहेज करने से या घरेलू उपचार का पालन करने से यह ठीक हो जाता है। यदि नियमित रूप से परहेज एवं घरेलू उपचार करने पर भी बुखार कम न हो, और शरीर में दर्द बढ़ जाए तो रोगी को तुरन्त डॉक्टर से मिलकर परामर्श लेना चाहिए।

और पढ़ेंः डेंगू बुखार के लिए घरेलू उपचार