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Hainsa: हैंसा के हैं बहुत चमत्कारिक लाभ- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

शायद बहुत कम लोग हैंसा (Hainsa) नाम से अबगत होंगे। हैंसा को हिन्दी, उर्दु और अरबी में कबर भी कहते हैं। हैंसा नाम से चाहे अनजाने हों लेकिन सच तो ये है कि इस जड़ी बूटी का आयुर्वेद में औषधी के रूप में बहुत इस्तेमाल होता है। हैंसा का इस्तेमाल कई तरह के बीमारियों के लिए भिन्न-भिन्न तरह से प्रयोग किया जाता है।

Hainsa benefits

हैंसा के जड़, जड़ की छाल, पत्ता, फल और बीज का इस्तेमाल औषधी के लिए किया जाता है। हैंसा की दो प्रजातियां होती है-हैंसा और हिंस्रा (कंथारी)। दोनों भिन्न-भिन्न तरह से विभिन्न बीमारियों पर असर करते हैं। जैसे- हैंसा दांत, गले और कान में दर्द, दाद, जोड़ों में दर्द जैसे बीमारियों पर असरदार हैं तो हिंस्रा या कंथारी सिर, आंख, पेट जैसे दर्द में असरदार रूप से काम करते हैं।

Contents

हैंसा क्या होता है (What is Capers in Hindi)

इस वनस्पति की दो प्रजातियां होती है- हैंसा ((Capparis spinosa Linn.) और हिंस्रा (कंथारी) (Capparis sepiaria Linn.)।

हिंस्रा कटु, तिक्त, उष्ण, लघु, रूक्ष, कफवात को दूर करने वाला, अनुलोमक तथा बलकारक होती है। इसके फल दीपन, वातानुलोमक, मूत्रल तथा सर होते हैं। हिंस्रा के जड़ की छाल बलकारक, मूत्रल, कफनिसारक, आर्तवप्रर्वतक, कृमिघ्न तथा वेदना को दूर करने वाली होती है।

हिंस्रा (कंथारी)

कंथारी कटु, तिक्त, उष्ण, त्रिदोषशामक, दीपक तथा रुचिकारक होती है। यह रक्तविकार, स्नायुरोग, शोफग्रन्थि, श्वास तथा कासशामक होता है। इसका पौधा बलकारक, क्षुधावर्धक, ज्वरघ्न, परिवर्तक एवं पूयरोधी होता है। इसकी मूल त्वक् क्षुधावर्धक एवं वेदनाप्रशामक होती है।

अन्य भाषाओं में हैंसा के नाम (Name of Caper in Different Languages in Hindi)

हैंसा का वानास्पतिक नाम Capparis spinosa Linn. (कैपेरिस स्पाइनोसा) Syn-Capparis aculeata Steud. है। हैंसा Capparaceae (कैपेरेसी) कुल का होता है। हैंसा को अंग्रेजी में Capper plant (कैपर प्लान्ट) कहते हैं। लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतो में हैंसा को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-

Hainsa in-

Sanskrit-हिंस्रा;

Hindi-कबर, हैंसा;

Urdu-कबर (Kabar);

Kannada-मूल्लुकट्टारी (Mullukattari), कथारी मूल्लीना गीडा (Kathari mullina gida);

Gujrati-कन्थारो (Kantharo), कालो कन्थारो (Kalo kantharo), कबरी (Kabri);

Telegu-कोकिलाक्षमु (Kokilakshamu);

Bengali-कब्रा (Kabra);

Punjabi-बारर (Barar), कॉर (Kaur);

Marathi-कबर (Kabar)।

English-कॉमन केपर (Common caper), केपर बेरी (caperberry);

Arbi-कबर (Kabar), हेब्बरस (Hebbers);

Persian-केबिर (Kebir)।

हिंस्रा का वानास्पतिक नाम कंथारी Capparis sepiaria Linn है। हिंस्रा Capparaceae (कैपेरेसी) कुल का होता है। हिंस्रा को अंग्रेजी में Capper plant (कैपर प्लान्ट) कहते हैं। लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतो में हिंस्रा को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-

Sanskrit-कन्थारिका, कूरकर्मा, कंथारी, अहिंस्रा, चक्रवल्लरी, कपालकुलिका, अम्लफला, गुच्छगुल्मिका; Hindi-हैंसा, हिंस्राभेद, कन्थारी;

Odia-हुलुभी (Hulubhi), कोली (Koli);

Kannada-कादुकाटारी (Kadukattari);

Gujrati-कंथारो (Kantharo);

Tamil-करुनजुराई (Karunjurai);

Telegu-नालावूपी (Nallavuppi);

Bengali-कलियाकरा (Kaliakara), कांटागुरकामी (Kantagurkamai);

Nepali-जुँगे लहरो (Junge laharo);

Punjabi-हिउनगरना (Hiungarna);

Marathi-कन्थार (Kanthar)।

English-केपर ट्री (Caper tree), केपर बुश (Caper bush), केप केपर्स (Cape capers)।

हैंसा के फायदे (Caper Benefits and Uses in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार हैंसा की दोनों प्रजातियां कई बीमारियों  के लिए औषधी के रूप में काम करता है। चलिये इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं-

दांत दर्द में  फायदेमंद हैंसा (Caper Benefits Toothache in Hindi)

Hainsa root benefits

दांत के दर्द से परेशान रहते हैं और कोई उपचार से राहत नहीं  मिल रहा तो हैंसा (caper plant in hindi)के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से दांतों का दर्द कम होगा।

और पढ़ें: दाँतों के रोग में फायदेमंद हींग

कान दर्द में दिलाये राहत हैंसा (Capers Health Benefits in Ear pain in Hindi)

हिंस्रा के ताजे पत्तों का स्वरस निकालकर 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है। इसके अलावा कंथारी के जड़ के रस का 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है।

मंम्स या कंठमाला का कष्ट करे कम हैंसा (Hainsa Helps to Ease Mumps in Hindi)

हिंस्रा (caper plant in hindi) के जड़ की छाल तथा पत्तियों को सिरके में पीसकर लेप करने से कंठमाला की परेशानी कम होती है। इससे सूजन और दर्द से धीरे-धीरे आराम (caperberry benefits)मिलता है। 

अजीर्ण की परेशानी करे कम हिंस्रा (Hainsa Benefits to Get Relief from Dyspepsia in Hindi)

हिंस्रा (caper plant in hindi)की मूल को जल के साथ पीसकर, छानकर उसमें थोड़ा जल मिलाकर पीने से अजीर्ण जन्य उदरशूल यानि सरल शब्दों में कहे तो पेट दर्द से आराम मिलता है।

 

रतिज विकार में फायदेंमद हैंसा (Hainsa Benefits to Get Relief from Antivenereal in Hindi)

symptoms of vaginal infection

हैंसा की मूल को पीसकर योनि में लगाने से रतिज विकार के कष्ट यानि योनि में जो दर्द और सूजन होता है उससे धीरे-धीरे आराम (caperberry benefits) मिलने लगता है।

दाद की खुजली करे कम हैंसा (Hainsa Help to Recover from Ringworm in Hindi)

 अगर किसी बीमारी के कारण या साइड इफेक्ट के वजह से दाद की परेशानी से जुझ रहे हैं तो हिंस्रा (capparis sepiaria)मूल छाल को पीसकर दद्रु या दाद में लगाने से खुजली कम होती है। 

जोड़ो का दर्द या अर्थराइटिस की परेशानी करती है कम हैंसा (Benefits Of Hainsa Helps to Ease Arthritis  in Hindi)

समय के साथ हर कोई जोड़ों के दर्द की परेशानी से एक न एक बार ज़रूर जुझता है। हिंस्रा (capparis sepiaria)के जड़ को पीसकर गुनगुना करके लगाने से जोड़ो का दर्द या जोड़ो की सूजन कम होती है।

गठिया के दर्द से दिलाये राहत हैंसा (Hainsa Helps to Treat Gout in Hindi)

बुजुर्ग लोगों को सबसे ज्यादा गठिया की समस्या होती है। इस दर्द से आराम पाने के लिए हिंस्रा (capparis sepiaria)की जड़ तथा पत्ते को पीसकर लेप करने से आमवात तथा वातज वेदना कम होती है।

सिरदर्द से दिलाये राहत हैंसा (Hainsa Benefits in Headache in Hindi)

अगर तनाव या दिन भर के काम से अक्सर सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो  1-3 ग्राम कंथारी (capparis sepiaria)मूल चूर्ण का सेवन करने से सिरदर्द से आराम मिलता है।

आँखों के सूजन से दिलाये आराम हिंस्रा (Caper Beneficial to Get Relief from Eye Disease in Hindi)

कंथारी (capparis sepiaria)मूल को पीसकर पलकों के ऊपर तथा आंख के निचले भाग में लगाने से नेत्र शोथ, पीड़ा तथा नेत्र लालिमा का शमन होता है।

पेट दर्द में फायदेमंद कंथारी (Hainsa to Reduce Pain of Stomachalgia in Hindi)

 आजकल अनियमित जीवनशैली की देन है पेट में दर्द की समस्या। कंथारी के जड़ का काढ़ा  (capers in hindi) बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पिलाने से उदरशूल का शमन होता है।

फूफ्फूसशोथ में लाभकारी हिंस्रा या कंथारी ( Hainsa Help to Recover from Pleurisy in Hindi)

5-10 मिली कंथारी (capers in hindi)के जड़ के रस का सेवन करने से फूफ्फूस शोथ या सूजन में लाभ (caperberry benefits) होता है।

त्वचा विकार से दिलाये राहत हिंस्रा (Hainsa Benefits to Get Relief from Skin Disease in Hindi)

 त्वचा का जो अंग प्रभावित हुआ है वहां  कंथारी-के पत्ते के काढ़े से धोने से त्वचा संबंधी समस्या से राहत मिलने लगती है। 

स्कैबिज या पामा को करे कम हिंस्रा (Hainsa Benefit to Ease from Scabies in Hindi)

कंथारी (capers in hindi)के जड़ के अंदर के छाल के रस को लगाने से कण्डू एवं पामा में लाभ होता है।

अल्सर का दर्द करे कम हिंस्रा (Hainsa Help to Treat Ulcer in Hindi)

mouth ulcer

 अगर अल्सर का घाव ठीक होने का नाम नहीं ले रहा तो कंथारी (capers in hindi)मूल को पीसकर लेप करने से व्रण या अल्सर का घाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।

विद्रधि में फायदेमंद हिंस्रा (Hainsa Help to Ease from Abscess in Hindi)

कंथारी मूल छाल को पीसकर पुल्टिस बनाकर बांधने से विद्रधि तथा ग्रन्थि में लाभ होता है। इससे घाव धीरे-धीरे सूखने लगता है और जल्द ठीक हो जाता है।

आंत्रिक ज्वर से मिले छुटकारा (Hainsa Beneficial in Typhoid Fever in Hindi)

फलों से बने काढ़ा को 10 मिली की मात्रा में, दिन में तीन बार लगभग तीन सप्ताह तक प्रयोग करने से आंत्रिकज्वर में लाभ होता है।

खून को साफ करता है कंथारी (Benefit of Hainsa in Blood Purification in Hindi)

अगर आप खून में अशुद्धियाँ होने के कारण रक्त विकारों से परेशान है तो आपके लिये कंथारी का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कंथारी में खून साफ करने का गुण पाया जाता है। 

मांसपेशियों का दर्द कम करने में सहायक कंथारी (Hainsa Beneficial to Get Relief from Muscular Pain in Hindi)

कंथारी का प्रयोग आप पीड़ा-हर या दर्दनिवारक के रूप में भी कर सकते है, क्योंकि कंथारी मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक होता है। यह दर्द इसके वात के शमन के कारण होता है।

बुखार में लाभकारी है कंथारी का उपयोग (Hainsa Beneficial to Treat Fever in Hindi)

कंथारी के जड़ की छाल बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करती है, क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें कुछ ऐसे तत्व पाये जाते है जो कि बुखार को कम करने में मदद करते है।

अस्थमा के इलाज में कंथारी फायदेमंद (Benefit of Hainsa to Treat Asthma in Hindi)

अगर आप अस्थमा के लक्षणों से परेशान है तो कंथारी का उपयोग आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें कफ के प्रकोप को कम करने का गुण पाया जाता है। 

सूजन (एडिमा) के इलाज में कंथारी के फायदे (Hainsa Beneficial to Treat Edema in Hindi)

सूजन(एडिमा) के इलाज में कंथारी का उपयोग लाभप्रद है, क्योंकि इसमें ड्यूरेटिक का गुण पाया जाता है जो कि शरीर में इकठ्ठा पानी या तरल को बाहर निकालने में मदद करता है।

जलशोफ से दिलाये राहत हिंस्रा (Hainsa Help to Cure Dropsy in Hindi)

10-20 मिली त्वचा का छाला एवं 1-3 ग्राम मूल चूर्ण का सेवन करने से जलशोफ में लाभ होता है।

रक्तविकार में फायदेमंद हिंस्रा (Hainsa Beneficial in Blood Disorder in Hindi)

हिंस्रा (capers in hindi)के जड़ के छाल और पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से रक्त का शोधन होकर रक्तज विकारों का शमन होता है।

सांप के विष के असर को कम करने में करे मदद कंथारी (Hainsa Benefit to Reduce the Effect of Poison of Snake in Hindi)

मूल त्वक् को पीसकर दंश स्थान पर लेप करने से सांप के काटने से जो विष का प्रभाव कुछ हद तक कम होने की संभावना रहती है। 

हैंसा का सेवन कैसे करना चाहिए (How to Consume Hainsa in Hindi)

आयुर्वेद में  औषधी के रूप में मूल, मूलछाल, पत्र, फल तथा बीज का प्रयोग किया जाता है। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार 10-30 मिली काढ़ा, 1-3 ग्राम चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।

हैंसा कहां पाया जाता है (Where is Hainsa is Found or Grown in Hindi)

यह वनस्पति समस्त भारत में विशेषत हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखण्ड की निचली घाटियों में पाई जाती है। इसकी दो प्रजातियां होती हैं। 1. हैंसा (कबर) 2. हिंस्रा (कंथारी)।

हैंसा (Capparis spinosa Linn.)

यह बहुशाखित, हल्के-पीत वर्ण से नारंगी वर्ण का कंटकयुक्त पौधा होता है। इसके पुष्प सुंदर, श्वेत वर्ण के होते हैं। इसके फल 3.8-5 सेमी लम्बे, अण्डाकार तथा पक्वावस्था में रक्त वर्ण के तथा रसयुक्त होते है। इसके बीज अनेक, चिकने, गोलाकार, 3-4 मिमी व्यास के तथा भूरे वर्ण के होते हैं।

हिंस्रा (कंथारी) (Capparis sepiaria Linn.)

यह बहुशाखित झाड़ीदार, कण्ठकित बहुवर्षायु पौधा होता है। इसकी काण्ड, शाखाएं रोमश, तीक्ष्ण तथा मुडे हुए कण्टकों से युक्त तथा धूसरवर्णी होती हैं। इसके पुष्प श्वेतवर्णी, छोटे तथा गुच्छों में लगे हुए होते हैं। इसके फल सरस, गूदेदार, गोलाकार, 0.6-1.3 सेमी व्यास के, गुच्छों में उत्पन्न, पकने के बाद गहरे बैंगनी- कृष्णवर्णी होते हैं।