ककड़ी (Erwaru) सभी लोग खाते हैं। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो ककड़ी का सेवन नहीं करता होगा। दरअसल ककड़ी के सेवन से इतना अधिक लाभ होता है कि जब ककड़ी बाजार में बिक्री के लाई आती है तो लोग ककड़ी पर टूट पड़ते हैं। आप ये तो जानते हैं कि ककड़ी का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि ककड़ी के कई सारे औषधीय गुण भी हैं। क्या आप यह जानते हैं कि ककड़ी एक जड़ी-बूटी भी है, और मूत्र रोग, कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों में ककड़ी के इस्तेमाल से फायदे (Erwaru benefits and uses) मिलते हैं। इतना ही नहीं, पथरी, मुंहासे आदि समस्याओं में भी ककड़ी के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
आयुर्वेद में ककड़ी के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपके लिए बहुत जरूरी है। आप चेहरे पर रौनक लाने के लिए ककड़ी के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप मूत्र रोग संबंधी परेशानियों जैसे पेशाब का रुक-रुक कर होना, पेशाब में दर्द होना, पेशाब में जलन होने पर भी ककड़ी से लाभ ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि ककड़ी के सेवन से आप किन-किन बीमारियों में फायदा ले सकते हैं, साथ ही यह भी जानते हैं कि ककड़ी से नुकसान (Erwaru side effects) क्या-क्या हो सकता है।
Contents
- 1 ककड़ी क्या है? (What is Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi?)
- 2 अनेक भाषाओं में ककड़ी के नाम (Name of Serpent Cucumber (Erwaru) in Different Languages)
- 3 ककड़ी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi)
- 4 ककड़ी के फायदे और उपयोग (Serpent Cucumber (Erwaru) Benefits and Uses in Hindi)
- 4.1 ककड़ी के औषधीय गुण से आंखों की बीमारी का इलाज (Benefits of Erwaru to Treat Eye Disease in Hindi)
- 4.2 मूत्र रोग (पेशाब संबंधी रोग) में ककड़ी के सेवन के फायदे (Serpent Cucumber (Erwaru) Uses to Treat Urinary Disease in Hindi)
- 4.3 कुष्ठ रोग में ककड़ी का औषधीय गुण फायेदमंद (Erwaru Benefits for Leprosy Treatment in Hindi)
- 4.4 पथरी की बीमारी में ककड़ी के फायदे (Benefits of Serpent Cucumber (Erwaru) to Treat Kidney Stone in Hindi)
- 4.5 गर्भवती महिलाओं के लिए फायेदमंद होता है ककड़ी का सेवन (Erwaru is Beneficial for Pregnant Women in Hindi)
- 4.6 ककड़ी के औषधीय गुण से कील-मुंहासों का इलाज (Serpent Cucumber (Erwaru) Benefits to Treat Ache in Hindi)
- 4.7 ककड़ी के औषधीय गुण से कील-मुंहासों का इलाज (Benefits of Serpent Cucumber (Erwaru) for Skin Glowing in Hindi)
- 5 ककड़ी के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi)
- 6 ककड़ी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi?)
- 7 ककड़ी से नुकसान (Serpent Cucumber (Erwaru) Side Effects in Hindi)
- 8 ककड़ी कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Serpent Cucumber (Erwaru) Found or Grown?)
ककड़ी क्या है? (What is Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi?)
आयुर्वेदीय ग्रंथ में ककड़ी के कई भेदों के बारे में बताया गया है। पकी हुई ककड़ी प्यास अत्यधित प्यास को खत्म करती है। इसका अधिक सेवन करने से यह वात दोष का कारण बन सकती है। यह पेशाब में दर्द होना, पेशाब रुक-रुक कर आना, पथरी, शरीर की जलन, बेहोशी और रक्तविकार में फायदेमंद होती है।
यहां ककड़ी के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Erwaru benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप ककड़ी के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए ककड़ी का सेवन करने या ककड़ी का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से ज़रूर सलाह लें।
अनेक भाषाओं में ककड़ी के नाम (Name of Serpent Cucumber (Erwaru) in Different Languages)
ककड़ी का वानस्पतिक नाम Cucumis melo var.utilissimus Duthie & Fuller (कुकुमिस मेलो) Syn-Cucumis utilissimus Roxb. है, और यह Cucurbitaceae (कुकुरबिटेसी) कुल की है। ककड़ी को देश-विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Erwaru in –
- Hindi-ककड़ी
- English-सर्पेन्ट कुकुम्बर (Serpent cucumber), Snake cucumber (स्नेक कुकुम्बर)
- Sanskrit-एर्वारु, कर्कटी, बहुकाण्डी, बृहत्फल
- Urdu-ककरी (Kakari)
- Kannada-सौते (Soute)
- Gujarati-कांकड़ी (Kankadi)
- Tamilवेल्लुरिक्कै (Vellurikkai)
- Telugu-दोसकाया (Doskaya), खर्बुजा दोसा (Kharbuja dosa)
- Bengali-काकुर (Kakur)
- Marathi-ककड़ी (Kakadi)
- Malayalam-कक्करीका (Kakkarika)
- Arabic-किस्साकदम (Kissakadam), कसद (Qasad)
- Persian-ख्यार जॉब (Khyar jaab), ख्यार दराल (Khyar daral), खीयाजर्द (Khiyajard), खीयातजावा (Khiyatajava)
ककड़ी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi)
ककड़ी के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-
ककड़ी पित्तवर्धक, वातवर्धक, अग्निवर्धक, मूत्रल; उष्ण, क्लमनाशक, दाहनिवारक तथा बलकारक होती है। ककड़ी मधुर, तिक्त; शीत; गुरु, रूक्ष, कफपित्तशामक, ग्राही, रुचिकारक, मूत्रल, विष्टम्भि, अभिष्यन्दि, दीपन, अतिसार में हितकर, पाचक तथा तृप्तिकारक होती है। ककड़ी के पत्ते प्रसेक एवं क्लेद नाशक होते हैं। कोमल ककड़ी लघु, कटु, मधुर, अत्यन्त मूत्रल, शीतल तथा रूक्ष होती है।
ककड़ी के फायदे और उपयोग (Serpent Cucumber (Erwaru) Benefits and Uses in Hindi)
ककड़ी के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
ककड़ी के औषधीय गुण से आंखों की बीमारी का इलाज (Benefits of Erwaru to Treat Eye Disease in Hindi)
ककड़ी के ताजे फलों के टुकड़ों को आंखों पर लगाएं। इसे रखने से आंखों का दर्द ठीक होता है। अन्य तरीके से उपयोग के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
मूत्र रोग (पेशाब संबंधी रोग) में ककड़ी के सेवन के फायदे (Serpent Cucumber (Erwaru) Uses to Treat Urinary Disease in Hindi)
- 2-3 ग्राम ककड़ी के बीजों को पीसकर, जल में घोल लें। इसे नमक-रहित या हल्का नमक मिलाकर सेवन करें। इससे पेशाब में दर्द होने की समस्या में लाभ होता है।
- ककड़ी, खीरा तथा कुसुम्भ के बीजों को पीस लें। इसे 2 ग्राम चूर्ण में 1 ग्राम वासा पत्ते का पेस्ट तथा 5 मिली अंगूर का रस मिला लें। इसे पीने से पेशाब में दर्द होने की समस्या में लाभ होता है।
- आप ककड़ी का ठंडा काढ़ा बनाकर पिएं। इससे पेशाब से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याएं ठीक होती हैं।
- 2-5 ग्राम ककड़ी के बीज के चूर्ण में मुलेठी तथा देवदारु मिला लें। इसे चावल के धोवन के पिएं। इससे पेशाब में दर्द होने की समस्या में लाभ होता है।
- ककड़ी के 5-10 ग्राम पेस्ट और रस (5-10 मिली) को सुबह दूध के साथ पिएं। इससे पेशाब संबंधी रोगों में लाभ होता है।
- ककड़ी के बीज के चूर्ण (5-10 ग्राम) को सुबह दूध के साथ पीने से पेशाब संबंधी रोगों (मूत्र-रोग) में लाभ होता है।
- ककड़ी बीज, मुलेठी तथा दारुहल्दी की छाल को पीसकर पेस्ट बना लें। 5-10 ग्राम पेस्ट को चावल के धोवन के साथ पीने से पेशाब के न आने की समस्या में लाभ होता है।
- बराबर-बारबर मात्रा में नरसल, पाषाणभेद, दर्भ, ईख, खीरा, ककड़ी के बीज तथा विजयसार का चूर्ण लें। इसमें आठ गुना दूध तथा बत्तीस गुना जल मिला लें। इसमें दूध बचने तक पकाएं। अब दूध में चौथाई भाग घी मिलाकर पिएं। इससे पेशाब के न आने की समस्या में लाभ होता है।
- ककड़ी के 5 ग्राम बीजों को जल के साथ पीसकर 65 मिग्रा यवक्षार मिला लें। इसे पिलाने से पेशाब में जलन की समस्या ठीक होती है।
- त्रिफला, ककड़ी (खीरा) के बीज और सेंधा नमक को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 1-2 ग्राम चूर्ण को गुनगुने जल के साथ पिलाने से पेशाब में दर्द होने की समस्या से आराम मिलता है।
- 2-5 ग्राम ककड़ी के बीज के पेस्ट में सेंधा-नमक मिला लें। इसे कांजी के साथ पीने से पेशाब संबंधी रोग जैसे पेशाब में दर्द होने पर बहुत लाभ होता है।
और पढ़ें: मूत्र रोग में लाभ दिलाता है भुई-आंवला का सेवन
कुष्ठ रोग में ककड़ी का औषधीय गुण फायेदमंद (Erwaru Benefits for Leprosy Treatment in Hindi)
पोई-शाक, सरसों, नीम, केला, कर्कारु तथा ककड़ी के क्षार जल में तिल के तेल को पका लें। इसमें सेंधा नमक डालकर प्रभावित स्थान पर मालिश करें। इससे कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे
पथरी की बीमारी में ककड़ी के फायदे (Benefits of Serpent Cucumber (Erwaru) to Treat Kidney Stone in Hindi)
ककड़ी के 5 ग्राम बीजों को पीस लें। इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 50 मिली जल में घोल लें। इसे पिलाने से पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।
और पढ़ेंः पथरी की बीमारी में फायदेमंद खीरा
गर्भवती महिलाओं के लिए फायेदमंद होता है ककड़ी का सेवन (Erwaru is Beneficial for Pregnant Women in Hindi)
5 ग्राम कर्कटी (ककड़ी) की जड़ को 100 मिली दूध में पका लें। इसे छानकर पीने से गर्भवती महिलाओं को होने वाले दर्द से आराम मिलता है।
और पढ़ेंः बला के सेवन से गर्भवती महिलाओं को लाभ
ककड़ी के औषधीय गुण से कील-मुंहासों का इलाज (Serpent Cucumber (Erwaru) Benefits to Treat Ache in Hindi)
ककड़ी फल के रस को मुंह पर लगाएं। इससे कील-मुंहासे आदि दूर होते हैं।
और पढ़ेंः कील-मुंहासे से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
ककड़ी के औषधीय गुण से कील-मुंहासों का इलाज (Benefits of Serpent Cucumber (Erwaru) for Skin Glowing in Hindi)
ककड़ी फल के रस को मुंह पर लगाएं। इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे का रंग निखर जाता है।
और पढ़ेंः चेहरे की रौनक बढ़ाने के घरेलू उपाय
ककड़ी के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi)
ककड़ी के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
- फल
- बीज
ककड़ी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Serpent Cucumber (Erwaru) in Hindi?)
ककड़ी को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
बीज 3-6 ग्राम
ककड़ी से नुकसान (Serpent Cucumber (Erwaru) Side Effects in Hindi)
शीत प्रधान गुण होने से ककड़ी का सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से यह वात दोष का कारण बन सकती है।
यहां ककड़ी के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Erwaru benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप ककड़ी के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए ककड़ी का सेवन करने या ककड़ी का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
ककड़ी कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Serpent Cucumber (Erwaru) Found or Grown?)
भारत में मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार तथा पंजाब आदि प्रान्तों में नदियों के किनारे इसकी खेती की जाती है।