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Doob: करिश्माई ढंग से फायदा करता है दूब- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

दूर्वा का परिचय (Introduction of Durva Grass)

दूर्वा को दूब भी कहते हैं। ये तो सभी जानते हैं कि गणेशजी को दूर्वा बहुत पसंद है। गणेश चतुर्थी पूजा के समय इस घास का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। लेकिन पूजा के अलावा दूर्वा के फायदे अनगिनत होते हैं।

Durva grass

आयुर्वेद के अनुसार दूर्वा के औषधीय गुणों के कारण ये कई तरह के बीमारियों के लिए उपचार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। दूर्वा सिरदर्द, आँखों का दर्द, नकसीर, उल्टी जैसे बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है।

दूर्वा घास क्या होता है? (What is Durva Grass in Hindi?)

दूर्वा घास (durba) के हरी-हरी मखमली नैसर्गिक सौन्दर्य को देखकर हृदय दिव्य आनन्द से भर जाता है, वहीं  इस पर नंगे पांव चलने के अनेक लाभ हैं। इससे न  सिर्फ आँखों की ज्योति बढ़ती है वरन् शरीर के अनेक रोग भी शांत हो जाते हैं। वर्षभर दूब खूब फलती फूलती है। निघंटुओं में सफेद व नील एवं गंड दूर्वा, दूब के तीन भेदों का उल्लेख मिलता है। सफेद दूब वास्तव में कोई अलग तरह की वनस्पति नहीं है। हरी दूब ही जब सफेद हो जाती है तो श्वेत दूब कहलाती है।

यह पूरे वर्ष भर उगने वाला, आरोही, चिकना, बहु शाखाओं वाला तृण या घास होता है। दूब फैलकर बढ़ने वाला पौधा होता हैं, जो भूमि पर चारों ओर फैलते हैं। नवीन तने या कांड भूमि पर आगे-आगे प्रसरण करता जाता है और पीछे-पीछे प्रत्येक पर्व से जड़ निकलकर भूमि में घुसती जाती है और वाह्य कांड से निकल कर नया पौधा जन्म लेता जाता है। जैसे विश्व विजय पर निकला कोई रथी पीछे सैनिक तैनात करता जाता है। इसका काण्ड अनेक पर्वयुक्त, जड़ निकल कर जमीन पर लगी हुई तथा शाखाएँ छोटी जमीन से उठी हुई, कोमल, सीधी, लगभग 30 सेमी लम्बी होती हैं। इसके पत्ते संकुचित, 2-10 सेमी लम्बे, 1.2-3 मिमी चौड़े, सुदृढ़ आवरण-युक्त, नरम, रेखीय,भालाकार, आगे का भाग सुई की तरह होता है। इसके फूल हरे बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल छोटे-छोटे दानों के रुप में होते हैं। दाने 1 मिमी लम्बे, बड़े होते हैं तथा बीज छोटे, आयताकार भूरे रंग के होते हैं। यह ज्यादातर मूल रुप से जुलाई से जनवरी तक फलते फूलते हैं।

दूब कड़वी तथा शीतल गुण वाली होती है। यह उल्टी, विसर्प या हर्पिज़ , प्यास, कफ, पित्त, गर्मी, आमातिसार या दस्त, रक्त-पित्त (नाक -कान से खून बहना) तथा खांसी को दूर करती है। गंड दूब अर्थात् गाडर दूब शीतल, लोहे को गलाने वाली, मल को रोकने वाली, हल्की, कसैली, मधुर, वातकारक, जल्दी हजम होने वाली तथा प्यास-गर्मी-कफ-रक्त संबंधी रोग, कुष्ठ, पित्त और बुखार को दूर करने वाली होती है। 

सफेद दूर्वा-कड़वी, मधुर, तीखी, शीतल गुण वाली तथा कफपित्त दूर करने वाली होती है। यह व्रण या घाव के लिए हितकर जीवनीशक्ति बढ़ाने वाली, खाने में रुची बढ़ाने वाली; आमातिसार या दस्त, खाँसी, जलन, प्यास, उल्टी, रक्तपित्त तथा विसर्प या हर्पिज़ में फायदेमंद होती है।

विशेष  :आचार्य सुश्रुत ने बालकों के लिए श्वेत-दूर्वा को शक्ति बढ़ाने वाला कहा है।

अन्य भाषाओं में दूर्वा घास के नाम (Name of Durva Grass in Different Languages)

दूर्वा घास का वानास्पतिक नाम Cynodon dactylon (Linn.) Pers.(साइनोडॉन् डैक्टाइलान) Syn-Panicum dactylon (Linn.) Lam है। दूर्वा घास Poaceae (पोएसी) कुल का है। दूर्वा घास को अंग्रेजी में  Bermuda grass (बरमुडा ग्रास) कहते हैं। लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतों में दूर्वा घास को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

Durva grass in-

संस्कृत-शतपर्वा, गोलोमी, दूर्वा, नीलदूर्वा, रुहा, अनन्ता, भार्गवी, शतपर्विका, सहस्रवीर्या, शतवल्ली, सिता, हरित, शीतकुम्भी, शीतली, हरिता, शम्भवी, श्यामा, शतग्रंथि, अमृता, अनुवल्लिका, शिवा, सुभगा, भूतघ्नी, गौरी, शान्ता, रुहा, अमरी, महावरी, हस्सालिका, दुर्भरा, बहुवीर्या, हरिताली, कच्छरुहा;

Hindi-हरी दूब, नीली दूब, रामघास, दूब, दूर्वा;

Urdu-दूब (Dub);

Odia-फैइतुलनिम (Phaitualnim), दूबोघास (Dubboghas);

Kannada-कुडीगरकाई (Kudigarikai), गरिके (Gareike);

Gujrati-धोकड (Dhrokad), ध्रोह (Dhroh);

Tamil-अरुवमपिल्लु (Aruvampillu);

Telegu-दूलु (Dulu), गरीकगडडी (Garikaggaddi);

Bengali-नीलदुर्बा (Neeldurba), दुर्बा (Durba);

Nepali-दुबो (Dubo);  

Punjabi-दूबड़ा (Dubra);

Marathi-नीलीदूर्वा (Neelidoorva), हरियाली (Hariyaly)।

English-डेविल्स ग्रास (Devil”s grass), दूब ग्रास (Dub grass), काउच ग्रास (Couch Grass), फ्लोरिडा ग्रास (Florida grass), इण्डियन दूब ग्रास (Indian doob grass);

Arbi-नादिर (Nadir), नाजिल (Nagil);

Persian-मर्ग (Marg)।

दूर्वा घास के फायदे (Durva Grass Uses and Benefits in Hindi)

दूर्वा घास (durba)के औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में दूर्वा घास को बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। चलिये आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

सिर दर्द में फायदेमंद दूर्वा घास (Doob Grass Benefits in Headache in Hindi)

Doob benefits

अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो दूब का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। दूब घास तथा चूने को समान मात्रा में लेकर पानी में पीसकर कपाल पर लेप करने से सिरदर्द से आराम मिलता है।

आँखों का दर्द दूर करे दूर्वा घास (Doob Grass Benefits in Eye Disease in Hindi)

आजकल देर तक कंप्यूटर पर काम करने या दिन भर काम करने के बाद आँखों में दर्द होने लगता है इससे राहत पाने में दूर्वा बहुत काम आती है।

दूर्वा (doob ghas) को पीसकर पलकों पर बांधने से आँखों का दर्द कम होता है तथा नेत्र मल का आना बंद हो जाता है।

नकसीर (नाक से खून बहना) की समस्या से दिलाये राहत दूर्वा घास (Benefits of Durva grass in Nose Bleeding in Hindi)

कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है। दूब से बना घरेलू उपाय नाक से खून बहना कम करने में काम आता है।

-अनार फूल के रस को दूब के रस (durva grass juice) के साथ अथवा लाक्षारस या हरड़ के साथ मिलाकर 1-2 बूंद नाक में डालने से नाक से खून बहना कम होता है।

-दूब (durba) का रस या मुनक्का, ईख का रस या गाय के दूध या जवासा जड़ का रस या प्याज का रस या दाड़िम के फूल का रस के प्रयोग से नकसीर में आराम मिलता है।

-दूर्वा रस (durva grass juice)को 1-2 बूंद नाक में डालने से नाक से निकलने वाले खून से राहत मिलती है।

उल्टी से दिलाये राहत दूर्वा घास (Durva Grass Beneficial in Vomiting in Hindi)

अगर मसालेदार खाना खाने या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से उल्टी हो रही है तो दूर्वा का सेवन इस तरह से करने पर फायदा मिलता है।

-5 मिली दूब का रस पिलाने से उल्टी बन्द हो जाती है।

-दूर्वा (doob ghas)पञ्चाङ्ग को पीसकर चावलों के धोवन के साथ पिलाने से उल्टी बन्द हो जाती है।

चावल के धोवन के साथ दूर्वा के रस (durva ras benefits)का पान करने से त्रिदोषज उल्टी से जल्दी आराम मिलता है।

-दूर्वा को मण्ड के साथ सेवन करने से वमन या उल्टी में लाभ मिलता है।

दस्त रोके दूर्वा घास (Benefit of Durva grass for Diarrhoea in Hindi)

 

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो दूर्वा का घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा।

-दूर्वा (doob ghas)के ताजे पञ्चाङ्ग स्वरस का सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है।

-दूब को सोंठ और सौंफ के साथ उबालकर पिलाने से आमातिसार से राहत मिलती  है।

जलशोफ (Dropsy) में फायदेमंद दूर्वाघास (Doob to Treat Dropsy in Hindi)

शरीर के ऊतकों यानि टिशु में पानी की मात्रा बढ़ जाने के कारण या पानी जम लाने के कारण सूजन और दर्द होता है। इसका घरेलू उपचार करने में दूर्वाघास बहुत काम आता है। 10-30 मिली दूर्वा घास से बने काढ़े को पीने से जलशोफ तथा प्रवाहिका (dysentric) में लाभ होता है।

पाइल्स में फायदेमंद दूब घास (Durva Grass Benefit for Haemorrhoid in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें  दूब का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

दूर्वा (durba ghas)पञ्चाङ्ग को पीसकर दही में मिलाकर देने से और इसके पत्तों को पीसकर बवासीर पर लेप करने से अर्श में लाभ होता है।

-दूर्वा-रस से विधिवत् घृतपाक कर अथवा घृत को दूब रस (durva ras benefits)में भली-भाँति मिला कर अर्श के अंकुरों पर लेप करने से तथा शीतल-चिकित्सा करने से रक्तस्राव शीघ्र रुक जाता है।

-दूर्वा का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पीने से रक्त वाले बवासीर तथा मूत्र संबंधी समस्या में लाभ होता है।

और पढ़े: बवासीर में कुश के फायदे

ब्लीडिंग रोकने में करे मदद दूर्वा घास (Doob Grass to Treat Bleeding in Hindi)

मासिक धर्म या पीरियड्स होने के दौरान बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- मासिक धर्म होने के दौरान दर्द होना, अनियमित मासिक धर्मचक्र, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव या ब्लीडिंग कम होना या ज्यादा होना आदि। इन सब में बांस का घरेलू उपाय बहुत ही लाभकारी होता है।

दूर्वा रस (durva ras benefits)को घी के साथ बनाकर अथवा घृत को दूब रस में भली-भाँति मिला कर अर्श के अंकुरों पर लेप करने से तथा शीतल-चिकित्सा करने से रक्तस्राव शीघ्र रुक जाता है।

और पढ़े: ब्लीडिंग में चांगेरी के फायदे

पथरी निकालने में करे मदद दूब घास (Durva Grass Beneficial in Kidney Stone in Hindi)

आजकल के असंतुलित आहार और जीवनशैली का असर किडनी पर भी पड़ता जिसके कारण किडनी स्टोन या अश्मरी  का खतरा बढ़ता जा रहा है। दूब (durba ghas)का सेवन प्राकृतिक तरीके से पथरी को निकालने में मदद करती है। ,

दूब को 30 मिली पानी में पीसकर, मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।

मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद दूर्वा घास (Durva Grass Benefits for Urine Diseases in Hindi)

urine infection

दूब (durba ghas)के जड़ का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पीने से वस्तिशोथ, सूजाक और मूत्रदाह का शमन होता है।

-दूब को मिश्री के साथ घोट-छान कर पिलाने से पेशाब के साथ खून आना बंद हो जाता है।

-1-2 ग्राम दूर्वा को दूध में पीसकर छानकर पिलाने से मूत्रदाह कम होता है।

और पढ़ें: सूजाक में काली मूसली के लाभ

रक्तप्रदर (योनि मार्ग से रक्तस्राव) में लाभकारी दूर्वाघास (Durva Grass Beneficial in Metrorrhagia in Hindi)

-दूब के रस में सफेद चन्दन का चूर्ण और मिश्री मिलाकर पिलाने से रक्तप्रदर में लाभ होता है।

-प्रदर रोग में तथा रक्तस्राव, गर्भपात व योनि-व्याधियों में इसका प्रयोग करते हैं। इससे रक्त बहना रुक जाता है। गर्भाशय को शक्ति मिलती है तथा गर्भ को पोषण मिलता है।

और पढ़ें: रक्तप्रदर में फायदेमंद अर्जुन 

हर्पीस से दिलाये राहत दूर्वाघास (Durva Grass Benefit to Get Relief from Herpes in Hindi)

-दूर्वा स्वरस से सिद्ध घृत का सेवन करने से विसर्पजन्य व्रण में लाभ होता है।

-तैल तथा घृत-युक्त दूर्वा के लेप से ग्रन्थिविसर्प तथा विषादि रोग दूर होते हैं और दूर्वा पञ्चाङ्ग स्वरस को दूध के साथ सेवन करने से पैत्तिक-मसूरिका में लाभ होता है।

-घृत में दूर्वा को पकाकर लगाने से विसर्प में लाभ होता है।

दाद के खुजली से दिलाये राहत दूर्वा घास (Doob Grass Help to Ease from Ringworm in Hindi)

scabies symptoms

किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से या एलर्जी के कारण दाद हुआ है तो दूर्वा का इस तरह से इस्तेमाल करने पर आराम मिलता है।

-चार गुना दूर्वा के रस से सिद्ध तेल को लगाने से कण्डू, पामा, या खुजली आदि में लाभ होता है।

-दूब, हरीतकी, सैन्धव, चक्रमर्द बीज और वनतुलसी के पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीसकर लेप करने से कण्डू तथा दद्रु (Ringworm) में लाभ होता है।

-दूर्वा तथा दारुहरिद्रा को समान मात्रा में लेकर तक्र के साथ पीसकर लेप करने से कण्डू, पामा, कृमि, दद्रु तथा शीतपित्त आदि रोगों में लाभ होता है।

-हरताल, दूर्वा तथा सेंधानमक इन तीनों को गोमूत्र में पीसकर लेप करने से दद्रु तथा कण्डू रोग में लाभ होता है।

-दूब को हल्दी के साथ पीसकर लेप करने से भी खुजली और दाद का शमन होता है।

 

शीतपित्त या  पित्ती में फायदेमंद दूर्वा घास (Durva Grass Beneficial in Urticaria in Hindi)

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अगर किसी एलर्जी के कारण पित्ती निकल रही है तो दूर्वा एवं हल्दी का पेस्ट लगाने से कण्डू या खुजली, पामा (Scabies), दद्रु (Ringworm)तथा शीतपित्त या पित्ती में लाभ होता है।

 

मुंह के छाले में दूर्वा के फायदे (Durva Grass Beneficial in Mouth Ulcer in Hindi)

अगर आप मुँह के छालों से परेशान है तो दूर्वा का रस या दूर्वा की पत्तियों को चबाना होता है। आपके लिये फायदेमंद हो सकता है क्योंकि दूर्वा में रोपण हीलिंग का गुण पाया जाता है, जो छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। 

 

चोट से रक्तस्राव कम करे दूर्वा (Durva Grass Beneficial in Wound in Hindi)

चोट लगने पर यदि रक्त एक बहाना बंद नहीं हो रहा है तो दूर्वा का लेप आपके लिये फायदेमंद हो सकती है क्योंकि दूर्वा में रक्त को बहने से रोकने का गुण पाया जाता है जिस कारण से चोट पर लगाते ही रक्त स्त्राव होना कम होने लगता है। 

 

मानसिक रोग में दूर्वा के फायदे (Durva Grass Beneficial to Treat Mental Disease in Hindi)

मानसिक रोग की चिकित्सा में भी दूर्वा का उपयोग मुँह से द्वारा लेकर किया जाता है, जैसे एपिलेप्सी। इसके लिए दूर्वा को सेवन किया जाता है जो कि एपिलेप्सी के दौरों को कम कर देता है, क्योंकि इसमें एंटी कंवलसेन्ट का गुण पाया जाता है। 

 

सिर दर्द में दूर्वा के फायदे (Benefits of Durva Grass in Headache in Hindi)

headache relief

सिर दर्द की समस्या में भी दूर्वा का उपयोग फायदेमंद होता है। इसके लिए दूर्वा को लेप सिर पर लगाए जिससे सिरदर्द की समस्या में आराम मिलता है। 

 

कामशक्ति की कमी को पूरा करने में दूर्वा घास (Durva Grass Beneficial in Sexual Urge in Hindi)

दूर्वा का सेवन कामशक्ति की कमी को दूर करने में भी किया जाता है, आयुर्वेद के अनुसार दूर्वा में वाजीकरण का गुण पाया जाता है जो कामशक्ति को बनाये रखने मदद करता है।

 

 पेशाब करने के समस्या पर दूर्वा घास फायदेमंद (Durva Grass Beneficial in Urinary Diseases in Hindi)

अगर आपको पेशाब उतरने में कष्ट हो रहा है तो दूर्वा का रस आपको फायदा दे सकता है, क्योंकि दूर्वा में मूत्रल यानि ड्यूरेटिक का गुण पाया जाता है। जिस कारण ये मूत्र के प्रवाह को बढ़ाकर मूत्र संबंधी रोगो में आराम देता है। 

 

चेहरे की झांइया को दूर करें (Benefit of Durva Grass in Pigmentation in Hindi)

चेहरे की झाइयां दूर करने में भी दूर्वा का लेप फायदेमंद होता है इसके लिए दूर्वा को पीसकर दूध के साथ लेप बनाये कर चेहरे पर लगाए जिससे त्वचा संबंधी विकार दूर होते है। 

अपस्मार या मिर्गी में लाभकारी दूर्वा घास (Doob Grass for Epilepsy in Hindi)

मिर्गी के कष्ट को कम करने के लिए दूब का इस तरह से सेवन करने से लाभ मिलता है। 5-10 मिली दूर्वा पञ्चाङ्ग के रस को पीने से अपस्मार  में लाभ होता है।

और पढ़े: मिर्गी में तालीशपत्र के फायदे

मलेरिया के लक्षणों से दिलाये राहत दूब घास (Durva Grass to Treat Maleria in Hindi)

मलेरिया के संक्रमण से राहत दिलाने में दूर्वा का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। दूब के रस में अतीस के चूर्ण को मिलाकर, दिन में दो तीन बार चटाने से मलेरिया के बुखार में अत्यधिक लाभ मिलता है।

दूर्वा घास का उपयोगी भाग (Useful Parts of Durva Grass)

आयुर्वेद में दूर्वा घास (doob grass in hindi)के पञ्चाङ्ग और जड़ का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।

दूर्वा घास का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Durva Grass in Hindi)

बीमारी के लिए दूर्वा घास के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए दूर्वा घास का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

 चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-

10-20 मिली रस,

10-30 मिली काढ़ा का सेवन कर सकते हैं।

दूर्वा घास कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Durva Grass Found or Grown in Hindi)

दूर्वा अर्थात् हरी घास प्राणी मात्र के लिए प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। यह घास हर जगह पाया जाता है।