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Chandrashur: चंद्रशूर के ज़बरदस्त फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

चन्द्रशूर का परिचय (Introduction of Chandrashur)

क्या आपको पता है कि चंद्रशूर (chandrashoor) क्या है और चंद्रशूर का उपयोग किन कामों में किया जाता है। चंद्रशूर एक औषधि है जिसका प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में चंद्रशूर के उपयोग से संबंधित अनेक उत्तम जानकारियां दी गई हैं।

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्रशूर का उपयोग कर हिचकी की परेशानी, दस्त, शूल, चर्म रोग, वात  रोग, आंखों की बीमारी और दर्द आदि में लाभ पाया जा सकता है। इसकी बीज तीखी, याददाश्त और पेशाब की मात्रा बढ़ाती है और मासिक धर्म विकार में फायदेमंद होती है। आइए जानते हैं कि आप चंद्रशूर (chandrashoor) का प्रयोग किन-किन रोगों में कर सकते हैं।

चन्द्रशूर क्या है (What is Chandrashur?)

चन्द्रसूर का प्रयोग प्राचीन-काल से चिकित्सा के रूप में किया जा रहा है। इसकी गणना चर्तुबीजों में की गई है। यह काम क्षमता और स्तनों में दूध को बढ़ाने में मदद करता है। इसका प्रसूतावस्था में विशेष प्रयोग किया जाता है।

यह 15-45 सेमी ऊँचा सीधा, चिकना और वर्षायु पौधा होता है। इसका तना सीधा, अरोमिल होता है। इसके पत्ते विभिन्न आकार के होते हैं। इसके फूल छोटे, सफेद रंग के, 2 मिमी लम्बे और द्वि-लिंगी होते हैं। चंद्रशूर (chandrashoor) का फल 4 मिमी व्यास का चपटा होता है तथा प्रत्येक फल में 1-2, छोटे, लाल रंग के बीज होते हैं। बीजों को जल में भिगोने से लुआबदार हो जाते हैं। बीजमज्जा सफेद और बीजकवच चिकना होता है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल दिसम्बर से अपैल तक होता है।

अनेक भाषाओं में चन्द्रशूर के नाम (Chandrashur Called in Different Languages)

चंद्रशूर का  वानस्पतिक नाम Lepidium sativum Linn (लैपिडियम सैटाइवम) Syn-Lepia sativa (Linn.) Desv. है और यह Brassicaceae (ब्रैसेकेसी) कुल का है। इसके अन्य नाम और भी हैं जिनसे इसे देश और विदेश में जाना जाता है, जो ये हैंः-

Chandrashur in –

  • Hindi – हर्फ अलकालम, हालों, हालिम, चनसुर, चन्दसूर, चन्द्रशूर
  • English – कॉमन गार्डन क्रेस (Common garden cress), पेप्र ग्रास (Pepper grass), पेप्र वर्ट क्रेस, (Pepper wort cress), नास्टर्शियम क्रेस (Nasturtium cress), Common cress (कॉमन क्रेस)
  • Sanskrit – चन्द्रिका, चर्महत्री, पशुमेहनकारिका, नन्दिनी, कारवी, भद्रा, वासपुष्पा, सुवासरा, चंद्रसूर, चंद्रसूरा
  • Urdu – हालिम (Halim)
  • Oriya – चंदसारा (Chandsara), चंदसूरा (Chandsura)
  • Kannada – अलिबीज (Allibija), कुरूटीग (Kurutige)
  • Gujarati – अशेहीओ (Asahio), अशेरिया (Asheriya)
  • Tamil – अलिविराई (Aliverai)
  • Telugu – अदितयलु (Adityalu)
  • Bengali – हालिम (Halim), हालिमा (Halima)
  • Nepali – चम्सुर (Chamsur)
  • Punjabi – तेजक (Tezak)
  • Marathi – आलीव (Ahliva), हलिम (Halim)
  • Malayalam – असली (Asali)
  • Arabic – हल्फ (Half), हब्बे अल रसद (Habb el-rashad) हरफुलावाज (Harfulawaj)
  • Persian – रूखमी-स्पान्दा (Rukhmi-ispanda)

चन्द्रशूर के औषधीय गुण (Chandrashur Benefits and Uses in Hindi)

चंद्रशूर (chandrashoor) का औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

हिचकी की परेशानी में करें चंद्रशूर का सेवन (Benefits of Chandrashur in Cure Hiccup Problem in Hindi)

10 ग्राम चन्द्रसूर के बीज को 8 गुने जल में पकाएं और गाढ़ा हो जाने पर कपड़े से छान लें। इस जल को 50 मिली की मात्रा में बार-बार पीने से हिचकी की परेशानी ठीक होती है।

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amp/सर्दी की परेशानी में चंद्रशूर का उपयोग लाभदायक (Chandrashur Benefits to Treat Cold in Hindi)

चन्द्रसूर के बीजों का काढ़ा बनाएं। इसे 10-15 मिली मात्रा में पिलाने से सर्दी की वजह से होने वाली परेशानियों में लाभ होता है।

चंद्रशूर का प्रयोग करता है सूखी खांसी का इलाज (Chandrashur Uses for Cough Treatment in Hindi)

चंद्रशूर की टहनियों का काढ़ा बना लें। इसे 5-10 मिली मात्रा में पिलाने से सूखी खांसी में लाभ होता है।

दस्त को रोकने के लिए करें चंद्रशूर का सेवन (Uses of Chandrashur to Stop Diarrhea in Hindi)

1 चम्मच चन्द्रसूर (chandrashoor) की बीज के रस में 1 गिलास नारियल पानी मिला लें। इसे पीने से दस्त और पेचिश में लाभ होता है।

1-2 ग्राम चंद्रशूर की जड़ के चूर्ण का सेवन करने से दस्त की परेशानी ठीक होती है।

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पेट दर्द में आराम दिलाता है चंद्रशूर का प्रयोग (Chandrashur Benefits in Getting Relief from Abdominal Pain in Hindi)

चन्द्रसूर की बीजों का काढ़ा बना लें। इसे 10-15 मिली मात्रा में पीने से पेट के दर्द जैसे आमाशय के दर्द से राहत मिलती है।

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खूनी बवासीर में फायदेमंद चंद्रशूर का सेवन (Benefits of Chandrashur in Piles Treatment in Hindi)

5 मिली चन्द्रसूर बीज के रस में पानी या नारियल का पानी मिलाकर पीने से रक्तार्श (खूनी बवासीर) में लाभ होता है।

लिवर रोग में फायदा दिलाता है चंद्रशूर का सेवन (Chandrashur Benefits to Treat Lever Disease in Hindi)

10-15 मिली चंद्रसूर की बीज का काढ़ा पीने से लिवर के विकारों में लाभ होता है।

शारीरिक कमजोरी दूर करता है चंद्रशूर (Benefits of Chandrashur to Cure Body Weakness in Hindi)

चन्द्रसूर (chandrashoor) की बीजों को घी में भूनकर शर्करा मिला लें। इसका सेवन करने से प्रसव के बाद होने वाली शारीरिक कमजोरी ठीक होती है।

स्तनों में दूध को बढ़ाता है चंद्रशूर का सेवन (Chandrashur is Beneficial in Increasing Breast Milk in Hindi)

  • चन्द्रसूर की बीजों से बने 10-20 मिली काढ़े में एक चम्मच शहद मिला लें। इसे पीने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
  • 5-10 ग्राम बीजों को 100 मिली दूध में खूब गर्म कर लें। इसे पिलाने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
  • चन्द्रसूर की बीजों को घी में भूनकर शर्करा मिला लें। इसका सेवन करने से स्तनों में दूध बढ़ता है।

सिफलिस (उपदंश) रोग में चंद्रशूर का सेवन लाभदायक (Chandrashur Benefits for Syphilis Treatment in Hindi)

चन्द्रसूर पंचांग का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पिलाने से उपदंश (सिफलिस) रोग में लाभ होता है।

मोच आने पर करें चंद्रशूर का उपयोग (Benefits of Chandrashur in Sprain in Hindi)

चन्द्रसूर (chandrashoor) के बीजों को पीसकर लगाने से मोच में अत्यन्त लाभ होता है।

गठिया में लाभदायक चंद्रशूर का प्रयोग (Uses of Chandrashur in Arthritis Treatment in Hindi)

चन्द्रसूर की बीजों तो तिल के तेल में पका लें। इसे लगाने से वातरक्त तथा गठिय में लाभ होता है।

शरीर में होने वाले दर्द को ठीक करता है चंद्रशूर (Chandrashur Uses in Relief from Body Pain in Hindi)

चन्द्रसूर को पानी में पीसकर पीने तथा लेप करने से खून से संबंधित बीमारियों तथा शरीर के दर्द से आराम मिलता है।

चन्द्रसूर के 50 ग्राम बीजों को 200 मिली तिल के तेल में पका लें। तेल को छानकर लगाने से दर्द ठीक होता है।

सूजन को ठीक करता है चंद्रशूर का प्रयोग (Benefits of Chandrashur in Reducing Sweelling in Hindi)

चन्द्रसूर की बीजों को पीसकर लगाने से शरीर के सभी अंगों की सूजन ठीक हो जाती है।

चंद्रसूर की बीजों को कूट लें। इसमें नीबू का रस मिलाकर लगाने से सूजन कम हो जाती है।

इस्तेमाल के लिए चन्द्रशूर के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Chandrashur)

बीज

जड़

पत्ते

पंचांग

चन्द्रशूर के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Chandrashur?)

बीज का चूर्ण – 1-3 ग्राम

अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार चंद्रशूर का प्रयोग करें।

चन्द्रशूर से नुकसान (Side Effect of Chandrashur)

उचित मात्रा में सेवन करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से यह उदरात्रीय-श्लेष्मकला में क्षोभ उत्पन्न कर सकता है।

विशेष – गर्भवती स्त्रियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

चन्द्रशूर कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Chandrashur Found or Grown?)

भारत में सभी जगह चंद्रशूर (chandrashoor) की खेती की जाती है। यह मूलतः इथोपिया का है। इसके अतिरिक्त विश्व में यूरोप, पश्चिमी एशिया, मिश्र, सूडान, सउदी अरब, तुर्की, ईरान, ईराक, पाकिस्तान एवं तिब्बत में पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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