बथुआ (Bathua plant) हर सब्जी मार्केट में आसानी से मिल जाता है, और देश भर में लोग बथुआ का सेवन करते हैं। आप भी जरूर बथुआ को खाते होंगे, लेकिन आपको केवल यह पता होगा कि बथुआ को साग के रूप में खाया जाता है। अधिकांश लोगों को बथुआ के औषधीय गुणों के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है। क्या आपको पता है कि बथुआ एक औषधी भी है, और बथुआ खाने के फायदे कई रोगों में मिलते हैं?
बथुआ खाने के फायदे | Bathua Benefits
आयुर्वेद के अनुसार, बथुआ एक बहुत ही फायदेमंद औषधि भी है। आप बथुआ के इस्तेमाल से कई रोगों का उपचार कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि हरे रंग का यह पौधा आपके कितने काम आ सकता है, और आप बथुआ के प्रयोग से किस-किस रोग में लाभ पा सकते हैं।
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बथुआ एक महत्त्वपूर्ण तथा स्वास्थ्यवर्धक शाक (Bathua vegetable) है। इस पौधे के पत्ते शीतादरोधी (Antiscorbutic) तथा पूयरोधी (Antidiuretic) होते हैं। बथुए में अनेक प्रकार के लवण एवं क्षार पाए जाते हैं, जिससे यह पेट रोग के लिए फायदेमंद होता ही है साथ ही अनेक बीमारियों में भी काम में लाया जा सकता है।
बथुआ का वानस्पतिक नाम Chenopodium album Linn. (कीनोपोडियम् एल्बम्) Syn-Atriplex alba (Linn.) Crantz, है और यह कीनोपोडिएसी (Chenopodiaceae) कुल से है। देश भर में बथुआ को बथुआ या वास्तूक के नाम से जानते हैं लेकिन अलग अलग जगहों पर इसे और भी दूसरे नामों से बुलाया जाता है, जो ये हैंः-
Bathua in-
अब तक आपने जाना कि बथुआ को कितने नामों से जानते हैं। आइए अब जानते हैं कि बथुआ (Bathua plant) के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां क्या हैं-
नाक-कान आदि अंगों से खून बहने की स्थिति में बथुआ के बीजों (1-2 ग्राम) का चूर्ण बना लें। इसे मधु के साथ सेवन करें। इससे रक्तपित्त में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
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बथुआ के पत्तों की सब्जी बनाकर सेवन करें। इससे खांसी में आराम मिलता है। [Go to: Benefits of Bathua]
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कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए बथुआ के पत्तों की सब्जी (bathua vegetable) बनाकर खाएं। इससे कब्ज के साथ-साथ बवासीर, तिल्ली विकार, और लिवर के विकारों में लाभ मिलता है। [Go to: Benefits of Bathua]
मूत्र रोग को ठीक करने के लिए बथुआ के पत्ते का रस (5 मिली) निकाल लें। इसमें मिश्री मिलाकर पिलाने से मूत्र विकार खत्म होते हैं। [Go to: Benefits of Bathua]
बथुआ का इस्तेमाल ल्यूकोरिया में भी लाभ पहुंचाता है। ल्यूकोरिया से पीड़ित लोग 1-2 ग्राम बथुआ के जड़ को जल या दूध में पकाएं। इसे तीन दिन तक पिएं। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
दस्त को ठीक करने के लिए बथुआ का सेवन करना फायदा देता है। अनार के रस, दही तथा तेल से युक्त बथुआ की सब्जी का सेवन करें। इससे दस्त में फायदा होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
पेचिश में लाभ लेने के लिए बथुआ के पत्तों की सब्जी बना लें। इसमें घी मिला लें। इसका सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
बथुआ का सेवन खूनी बवासीर में भी लाभ पहुंचाता है। बथुआ के पत्ते के रस को बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इससे खूनी बवासीर में फायदा होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
मोच आने पर बथुआ के पत्ते को पीसकर लगाएं। इससे मोच के कारण होने वाले दर्द से आराम मिलता है। [Go to: Benefits of Bathua]
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आग से कोई अंग जल गया है तो बथुआ के पत्ते के रस को जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे लाभ होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
साइनस में बथुआ के पत्ते और तमाखू के फूलों को पीसकर घी में मिलाकर लगाएं। इससे साइनस में फायदा होता है। [Go to: Benefits of Bathua]
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रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो जाने पर लोगों को अनेक बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए रोग प्रतिरक्षा शक्ति का मजबूत होना बहुत जरूरी है। जिन लोगों कि रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो, वे बथुआ के शाक (सब्जी) में सेंधा नमक मिलाकर, छाछ के साथ सेवन करें। इससे रोग से लड़ने की शक्ति (रोग प्रतिरक्षा शक्ति) मजबूत होती है। [Go to: Benefits of Bathua]
Summary of Benefits of Bathua in Hindi:
बथुआ का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-
लोग बथुआ की सब्जी बनाकर खाते हैं, लेकिन इसका औषधीय इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होता है। बेहतर परिणाम के लिए आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से बथुआ के उपयोग की पूरी जानकारी जरूर लें।
चूंकि बथुआ एक सब्जी है, इसलिए आसानी से हर सब्जी मार्केट में मिल जाती है। बथुआ की खेती पूरे भारत में की जाती है।
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