वानस्पतिक नाम : Manilkara hexandra (Roxb.) Dubard (मैनिलकारा हैक्सेंड्रा)
Syn-Mimusops hexandra Roxb.
कुल : Sapotaceae (सैपोटेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Six stamens balata
(सिक्स स्टैमेन बैलेटा)
संस्कृत-राजादनी, राजादन, राजन्या, क्षीरिका; हिन्दी-क्षीरी खिरनी, खिनीं, खिन्नी; उड़िया-खीराकुली (Khirakuli),
राजोणो (Rajono); कन्नड़-खिरणीमर (Khiranimara); कोंकणी-कर्णी (Karni), रांजण (Ranjana); गुजराती-
राणकोकरी (Rankokari), रायणी (Rayani); बंगाली-खीरखेजूर (Khirkhejur); तमिल-पाला (Pala), पलै (Palai); तैलुगु-पालमानु (Palmanu), पाला (Pala), मान्जीपला (Manjipala), पोला (Pola); नेपाली-खिरनी (Khirani); मराठी-खिरणी (Khirani), रांजन (Ranjana); मलयालम-करिनी (Krini)।
परिचय
भारत के समस्त प्रान्तों में यह विशेषत गुजरात, दक्कन प्रायद्वीप, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, उत्तरप्रदेश तथा मध्य प्रदेश में पाई जाती है। इसके फल चपटे, कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने पर पीले रंग के व जैतून के आकार जैसे होते हैं। इसके बीजों के भीतर की पीताभ गिरी या मज्जा से तैल निकाला जाता है। चरक संहिता में पित्तजप्रदर की चिकित्सा में तथा सुश्रुत-संहिता में झाँई की चिकित्सा में व परूषकादिगण में इसका उल्लेख प्राप्त होता है।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
खिरनी मधुर, कषाय, शीत, गुरु, स्निग्ध, पिच्छिल, त्रिदोषशामक, रुचिकारक, बलकारक, वृष्य, तृप्तिकारक, हृद्य, बृंहण, संग्राही, विष्टम्भी, स्थौल्यकारी, शुक्रजनक, धातुवर्धक तथा व्रणरोपक होती है।
यह तृष्णा, मूर्च्छा, मद, भान्ति, मेह, दाह; रक्तपित्त, क्षत तथा क्षय नाशक होती है।
खिरनी के फल मधुर, कषाय, वृष्य, बलकारक, बृंहण, रूचिकारक, विष्टम्भी, हृद्य, स्निग्ध, शीतल, गुरु कफकारक, शुक्रवर्धक, पित्तप्रसादक, वातशामक, तृष्णा, मूर्च्छा, मद, भान्ति, क्षय, रक्तविकार, मूत्रदोष, दाह तथा क्षतशामक होते हैं।
मधुर रस वाले फलों में राजादन श्रेष्ठ है।
इसकी काण्डत्वक् स्भंक, वेदनाशामक, मृदुकारी, ज्वरघ्न एवं बलकारक होती है।
इसका बीज तैल वेदनाशामक एवं मृदुकारी होता है।
इसका पुष्प तैल पूयरोधी तथा सुगन्धित होता है।
राजादन के बीज व्रण, रक्तार्श तथा विबंध शामक होते हैं।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग :फल, पत्र, मूल, बीज, छाल तथा आक्षीर।
मात्रा :काण्ड क्वाथ 10-20 मिली या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
विशेष :
इसका प्रयोग गर्भवती त्रियों पर नहीं करना चाहिए; क्योंकि इससे गर्भपात होने का भय रहता है।
मौसम बदलने पर अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों के गले में खराश की समस्या हो जाती है. हालाँकि…
अभी भी पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. कुछ महीनों के अंतराल पर…
डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जो एडीस एजिप्टी (Aedes egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इसके कारण हर…
वायु प्रदूषण का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और सर्दियों के मौसम में इसका प्रभाव हमें साफ़ महसूस…
तोदरी का परिचय (Introduction of Todari) आयुर्वेद में तोदरी का इस्तेमाल बहुत तरह के औषधी बनाने के लिए किया जाता…
पुदीना का परिचय (Introduction of Pudina) पुदीना (Pudina) सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है। पुदीने…