ऐट्र्मिन 250mg कैप्सूल
परिचय
ऐट्र्मिन 250mg कैप्सूल को खाली पेट लेना है. इससे सबसे अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए आपको इसे नियमित रूप से और एक निश्चित समय पर इसे रोज़ लेना चाहिए. इसे डॉक्टर द्वारा सुझाए गए तरीके से लेते रहें और अगर आप बेहतर महसूस करते हैं, तब भी खुराक पूरी करें.
Using of this medicine may cause some common side effects such as rashes, anorexia, epigastric pain, nausea, vomiting, diarrhea, loss of taste, and proteinuria. यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह दवा आपके लिवर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचा रही या आपके ब्लड काउंट पर कोई असर नहीं डाल रही, आपका डॉक्टर आपको नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है. अगर इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट समय के साथ ठीक हो जाता है या इसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इन लक्षणों की रोकथाम के या उनको कम करने के तरीकों से आपका डॉक्टर आपकी मदद कर सकता है.
अगर आपको किडनी संबंधी कोई समस्या है, तो इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को बताएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह दवा आपके लिए सुरक्षित है. अपने डॉक्टर को अन्य सभी दवाओं के बारे में भी बताएं, जिनका आप सेवन कर रहे हैं. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को दवा लेने से पहले अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए.
ऐट्र्मिन कैप्सूल के मुख्य इस्तेमाल
- अल्सरेटिव कोलाइटिस
- क्रोहन रोग
- सिस्टमिक लुपस एरिदिमेटोसस (एसएलई)
- विल्सन रोग
- एंकायलूजि़ग स्पांडेलाइटिस
- सोरियाटिक अर्थराइटिस
- रुमेटाइड आर्थराइटिस
- टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस
ऐट्र्मिन कैप्सूल के साइड इफेक्ट
ऐट्र्मिन के सामान्य साइड इफेक्ट
- पेट दर्द/एपिगैस्ट्रिक दर्द
- पेशाब में प्रोटीन
- ब्लड प्लेटलेट्स कम होना
ऐट्र्मिन कैप्सूल का इस्तेमाल कैसे करें
ऐट्र्मिन कैप्सूल किस प्रकार काम करता है
सुरक्षा संबंधी सलाह
बच्चे को दूध पिलाने के तुरंत बाद ऐट्र्मिन 250mg कैप्सूल लेने और फिर से दूध पिलाने से पहले 4 से 6 घंटे तक प्रतीक्षा करने से बच्चे पर पड़ सकने वाला हानिकारक प्रभाव कम हो जाएगा.
किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ऐट्र्मिन 250mg कैप्सूल का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है.
अगर आप ऐट्र्मिन कैप्सूल लेना भूल जाएं तो?
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- Aminoff MJ. Pharmacologic Management of Parkinsonism & Other Movement Disorders. In: Katzung BG, Masters SB, Trevor AJ, editors. Basic and Clinical Pharmacology. 11th ed. New Delhi, India: Tata McGraw Hill Education Private Limited; 2009. p. 482.
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- Briggs GG, Freeman RK, editors. A Reference Guide to Fetal and Neonatal Risk: Drugs in Pregnancy and Lactation. 10th ed. Philadelphia, PA: Wolters Kluwer Health; 2015. pp. 1079-80.
मार्केटर की जानकारी
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