Written by: dixit rajput
03 SEP 2025
आज सोशल मीडिया के इस दौर में हममें से अधिकांश लोग अपनी स्क्रीन से चिपके रहते हैं, चाहे वह लगातार फिल्में देखना हो, स्क्रॉलिंग करना हो, या ऑफिस का कोई काम करना हो।लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका आपके दिमाग पर क्या असर होता है? आइए जानें:
Photo Credit: Freepik
क्या आपने कभी गौर किया है कि बिना फोन देखे किताब पढ़ना या मीटिंग में बैठना कितना मुश्किल होता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि लगातार स्क्रॉल करने से आपके दिमाग को हर थोड़ी देर में एक्साइटमेंट की आदत लग जाती है, जिससे किसी भी चीज़ पर थोड़े लंबे समय तक फोकस करना मुश्किल हो जाता है।
Photo Credit: Freepik
देर रात तक स्क्रॉल करना मजेदार तो लगता है, लेकिन स्क्रीन की नीली रोशनी आपके दिमाग को नींद के हार्मोन (मेलाटोनिन) को रोककर "जागते रहने" का संकेत देती है। इसलिए बिस्तर पर 7-8 घंटे बिताने के बाद भी आपको दिन में सुस्ती महसूस होती है।
Photo Credit: Freepik
जब आप इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ईमेल के बीच स्विच करते हैं, तो आपका दिमाग़ ओवरलोड हो जाता है। इसका मतलब है कि आपके लिए नई जानकारी को स्वीकार करने और याद रखने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा जब आपके दिमाग को मनोरंजन की लत लगा जाती है तो वह चीजों को याद कहने की म्हणत नहीं करना चाहता।
Photo Credit: Freepik
सोशल मीडिया नोटिफिकेशन आपके दिमाग को थोड़ा-सा डोपामाइन देते हैं। इससे होता यह है कि आप उनकी और ज़्यादा इच्छा करने लगते हैं। यह प्रक्रिया स्ट्रेस, दूसरों से तुलना करने और यहाँ तक कि एंग्जायटी को भी बढ़ा सकता है।
Photo Credit: Freepik
घंटों स्क्रीन पर समय बिताने के बाद आपकी आँखें और दिमाग ज्यादा थकान महसूस करते हैं। जिससे कभी-कभी सिरदर्द और मूड स्विंग जैसी समस्या हो सकती है।
Photo Credit: Freepik
बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों में विकसित होते दिमाग पर काफी नकारात्मक असर डाल सकता है। जिससे उनमें सोशल स्किल्स, क्रिएटिविटी और भावनात्मक संतुलन कम हो सकता है।
Photo Credit: Freepik