Written by: dixit rajput
10 JULY 2025
भारत में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों में हृदय संबंधी समस्याओं में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है, जो बिल्कुल भी सामान्य नहीं है!
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दिल की बीमारियाँ कभी बुढ़ापे में होने वाली समस्याएं मानी जाती थीं। लेकिन अब, 20 और 30 की उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। आइए इसके कुछ संभावित कारणों को समझने की कोशिश करते हैं।
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ऑफिस जॉब्स में बढ़ती स्ट्रेस, थकान और रिश्तों में जुड़ाव कम होने से इमोशनल स्ट्रेस, लंबे समय तक रहने से अंततः दिल की बीमारियों का कारण बनते हैं।
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स्क्रीन के सामने बहुत लंबे समय तक बैठे रहने और फिजिकल एक्टिविटी की कमी से भी दिल की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन, धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं और कोलेस्ट्रॉल बढ़ा देते हैं। जिससे ह्रदय संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
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थकान, सांस फूलना या सीने में तकलीफ जैसी समस्याओं को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिसके कारण समस्या गंभीर हो जाती है और इलाज़ मुश्किल हो जाता है।
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रोजाना व्यायाम करें, घर पर बना हुआ ताजा खाना खाएं, स्ट्रेस को मैनेज करें और नियमित समयांतराल पर हेल्थ चेकअप कराएं, भले ही आपकी उम्र 40 साल से कम हो।
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अगर आपकी उम्र 40 या उससे ज़्यादा है, तो दिल की जाँच ज़रूर करवाएँ—भले ही आप स्वस्थ महसूस कर रहे हों। शुरुआती जाँच से छिपे हुए खतरों का पता लगाने और भविष्य में हार्ट-अटैक को रोकने में मदद मिल सकती है।
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