आयुर्वेद: जानिए क्या होता है वात? बढ़ने के कारण और लक्षण

Anoop Singh

Off-white Section Separator

आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर का स्वास्थ्य मुख्य रूप से तीन दोषों वात, पित्त और कफ पर निर्भर करता है. इनमें से किसी भी दोष के बढ़ने या घटने से शरीर में रोग उत्पन्न होने लगते हैं. आइए आज वात दोष के बारे में जानते हैं:

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

वात क्या है?

वात दोष “वायु” और “आकाश” इन दो तत्वों से मिलकर बना है. वात दोष को तीनों दोषों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. हमारे शरीर में गति से जुड़ी कोई भी प्रक्रिया वात के कारण ही संभव है.

Rounded Banner With Dots

1

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

वात के गुण

रूखापन वात का स्वाभाविक गुण है. जब वात संतुलित अवस्था में रहता है तो आप इसके गुणों को महसूस नहीं कर सकते हैं लेकिन वात के बढ़ते या असंतुलित होते ही आपको कुछ लक्षण नजर आने लगेंगे.

Rounded Banner With Dots

2

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

वात बढ़ने के कारण

मल-मूत्र या छींक को रोककर रखना, ज्यादा खाना या खाने के पचने से पहले ही कुछ और खा लेना, रात को देर तक जागना, तेज बोलना, और क्षमता से ज्यादा मेहनत करना वात के बढ़ने के मुख्य कारण हैं.

Rounded Banner With Dots

3

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

वात बढ़ जाने के लक्षण

अंगों में रूखापन, कमजोरी और जकड़न, सुई के चुभने जैसा दर्द, हड्डियों के जोड़ों में ढीलापन एवं कब्ज़ की समस्या होना, वात के बढ़ने के मुख्य लक्षण हैं.

Rounded Banner With Dots

4

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

कैसे करें संतुलित

वात को संतुलित करने के लिए गुनगुने तेल से नियमित मसाज करें. गर्म पानी और वात को कंट्रोल करने वाली औषधियों के काढ़े से नहाएं. घी में तले हुए ड्राई फ्रूट्स, नमकीन छाछ, पनीर और गाय के दूध का सेवन करें.

Rounded Banner With Dots

5

Photo Credit: Shutterstock

Off-white Section Separator

वात का आयुर्वेदिक इलाज

असंतुलित वात के लिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार, दशमूलारिष्ट, निर्गुण्डी चूर्ण या महारास्नादि क्वाथ का सेवन कर सकते हैं. दर्द से राहत के लिए महानारायण या महाविषगर्भ तेल से मालिश करें.

Rounded Banner With Dots

6

Photo Credit: Freepik

Off-white Section Separator

ध्यान दें  

घरेलू इलाज अपनाने के 1-2 दिनों के भीतर अगर बीमारी के लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें. अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए घरेलू इलाज ना अपनाएं.

Photo Credit: Freepik