Written by: dixit rajput
29 SEP 2025
मैग्नीशियम इंसुलिन को ठीक से काम करने में मदद करता है, जिससे ब्लड-शुगर नियंत्रित रहती है। जो लोग ज़्यादा मैग्नीशियम खाते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए, मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स ब्लड शुगर लेवल को बेहतर बनाने में कारगर साबित हुए हैं।
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मैग्नीशियम मसल्स को आराम पहुँचाने और नर्वस सिस्टम को शांत करने में मदद करता है। कम मैग्नीशियम = ज़्यादा स्ट्रेस और बेचैनी। ज्यादा स्ट्रेस लेने से शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा कम हो जाती है। मैग्नीशियम लेने से स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर कम हो सकता है और शरीर को बेहतर आराम मिल सकता है।
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मैग्नीशियम, थायराइड हार्मोन (T4) को उसके सक्रिय रूप (T3) में बदलने के लिए जरुरी है। इसका कम स्तर हाइपोथायरायडिज्म जैसी थायराइड समस्याओं का कारण बन सकता है। साथ ही यह विटामिन D को सक्रिय करने में भी मदद करता है, जो थायराइड फंक्शन को सपोर्ट करता है।
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मैग्नीशियम शरीर से एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन प्रोसेस करने और बाहर निकालने में मदद करता है। इसके बिना, एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ सकता है और हैवी पीरियड्स, वजन बढ़ना, एंग्जायटी या मूड स्विंग जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। साथ ही मैग्नीशियम, कैल्शियम के संतुलन को भी नियंत्रित रखता है, जिससे रक्त के थक्के बनने का खतरा कम होता है।
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कहने को तो मैग्नीशियम सिर्फ एक छोटा सा पोषक तत्व है। लेकिन यह हार्मोन संतुलन, तनाव, थायरॉइड और महिलाओं के संपूर्ण सवास्थ्य पर काफी बड़ा प्रभाव डालता है। आपकी डेली डाइट में इसकी एक छोटी सी खुराक भी स्वस्थ्य में बड़ा बदलाव ला सकती है।
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