Written by: dixit rajput
18 JULY 2025
मिल्क थीस्ल का इस्तेमाल सदियों से पारंपरिक रूप से लिवर टॉनिक के रूप में किया जाता रहा है। लेकिन क्या वाकई इसका लिवर डिटॉक्स और लिवर हीलिंग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है? आइए थोड़ा विस्तार से जानें:
Photo Credit: Freepik
मिल्क थीस्ल एक बहुत प्राचीन जड़ी बूटी है, जिसकी बनावट फूल जैसी होती है। इसमें सिलीमारिन नामक एक एक्टिव केमिकल होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेट्री और लिवर को स्वस्थ रखने वाले गुण पाए जाते हैं।
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सिलीमारिन को लिवर सेल रीजनरेशन से जोड़कर देखा जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, साथ ही यह लिवर सेल्स को डैमेज से भी बचाता है। इसके साथ-साथ लिवर सेल्स को टॉक्सिन्स और एल्कोहल से होने वाले नुकसान से भी बचाती है।
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मिल्क थीस्ल, आपके शरीर में नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस को बढ़ाकर, लिवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही यह पाचन में मदद करती है और स्किन को स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकती है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि, मिल्क थीस्ल नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NFALD) को संभावित रूप से कम करने में मदद कर सकती है। क्योंकि यह असामान्य लिवर एंजाइमों और लिवर में फैट इकठ्ठा होने की प्रक्रिया को कम करती है।
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आप इसे चाय बनाकर, कैप्सूल, या टिंचर के रूप में ले सकते हैं। इसके ज़्यादातर सप्लीमेंट्स में 70-80% सिलीमारिन होता है। इस लेने से पहले हमेशा पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
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गर्भवती महिलाओं, हार्मोन-सेंसिटिव कंडीशन या रैगवीड एलर्जी वाले लोगों को इसे लेने से बचना चाहिए। इसके साइड इफेक्ट्स के रूप में जी-मिचलाने या सिर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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मिल्क थीस्ल लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है, ख़ास तौर पर जब इसे हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ लिया जाए! लेकिन इसे दवा या हेल्दी लाइफस्टाइल के विकल्प के तौर पर लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
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